Saturday, April 27, 2024
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पैन कार्ड – संपूर्ण मार्गदर्शिका | PAN Card – Best Info

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पैन कार्ड - संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है? | What is PAN card and why is it important? | Pan Card Kya Hota Hai Benefits
पैन कार्ड - संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है? | What is PAN card and why is it important? | Pan Card Kya Hota Hai Benefits

Table of Contents

पैन कार्ड – संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है? | What is PAN card and why is it important? | Pan Card Kya Hota Hai Benefits

पैन कार्ड – संपूर्ण मार्गदर्शिका – आधुनिक दुनिया में, जहां वित्तीय लेनदेन और दस्तावेज़ीकरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं, स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड एक महत्वपूर्ण पहचान और कर-संबंधी दस्तावेज़ के रूप में खड़ा है। भारतीय आयकर विभाग द्वारा पेश किए गए, पैन कार्ड ने वित्तीय गतिविधियों को ट्रैक करने और निगरानी करने के तरीके में क्रांति ला दी है। इस लेख का उद्देश्य पैन कार्ड के उद्देश्य, आवेदन प्रक्रिया, महत्व और बहुत कुछ के बारे में एक व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करके इसके रहस्यों को उजागर करना है। इस लेख में, हम आपको पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में एक व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करेंगे।

पैन कार्ड की शक्ति का अनावरण: संपूर्ण मार्गदर्शिका

इस व्यापक गाइड में पैन कार्ड के अंदर और बाहर की खोज करें। जानें कि कैसे यह अद्वितीय 10-अक्षर अल्फ़ान्यूमेरिक पहचानकर्ता वित्तीय परिदृश्य को बदल देता है, कर चोरी को रोकता है और लेनदेन को सुव्यवस्थित करता है। कर अनुपालन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका से लेकर संस्थानों द्वारा इसकी सार्वभौमिक स्वीकृति तक, व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए पैन कार्ड के महत्व पर गहराई से चर्चा करें। पैन आवेदन प्रक्रिया से जुड़े रहस्यों को उजागर करें और यह जानकारी प्राप्त करें कि यह दस्तावेज़ तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग में वित्तीय पारदर्शिता को कैसे बढ़ावा देता है।

पैन कार्ड क्या होता है किस काम आता है? – पैन कार्ड को समझना | What is a PAN card, what is it used for? Understanding PAN Card

भारत में वित्तीय लेनदेन और आयकर उद्देश्यों के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है। यह वित्तीय गतिविधियों में लगे व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में कार्य करता है। चाहे आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हों, व्यवसाय के मालिक हों या करदाता हों, पैन कार्ड प्राप्त करना कर नियमों का पालन करने और विभिन्न वित्तीय लाभों का आनंद लेने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्थायी खाता संख्या (पैन) एक अद्वितीय 10-अक्षर अल्फ़ान्यूमेरिक पहचानकर्ता है जो वित्तीय लेनदेन करने वाले व्यक्तियों, व्यवसायों और संस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहचान उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह पहल 1972 में निवेश, खरीद और बिक्री सहित सभी वित्तीय लेनदेन को एक ही पहचान से जोड़ने के लिए एक एकीकृत प्रणाली बनाकर कर चोरी का मुकाबला करने के लिए शुरू की गई थी।

पैन कार्ड के मुख्य कार्य | Main functions of PAN card

  1. कर पहचान: पैन कार्ड का प्राथमिक उद्देश्य कर-संबंधित लेनदेन के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में कार्य करना है। यह आयकर विभाग को आय, भुगतान किए गए कर और निवेश सहित वित्तीय गतिविधियों को ट्रैक और रिकॉर्ड करने में मदद करता है।
  2. वित्तीय लेनदेन: विभिन्न वित्तीय लेनदेन के लिए पैन अनिवार्य है, जैसे बैंक खाता खोलना, उच्च मूल्य के लेनदेन करना, संपत्ति या वाहन जैसी संपत्ति खरीदना या बेचना और शेयर बाजार में निवेश करना।
  3. आयकर रिटर्न दाखिल करना: कर योग्य आय अर्जित करने वाले प्रत्येक व्यक्ति या संस्था को आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है। सटीक रिपोर्टिंग और आय का आकलन सुनिश्चित करने वाली इस प्रक्रिया के लिए पैन आवश्यक है।
  4. कर चोरी को रोकना: वित्तीय गतिविधियों को एक ही पैन से जोड़कर, सरकार कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों की बेहतर निगरानी और नियंत्रण कर सकती है।

पैन कार्ड – संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है: पात्रता, आवेदन कैसे करें, आवश्यक दस्तावेज़ | PAN Card – The Complete Guide | What is PAN Card: Eligibility, How to Apply, Documents Required

पैन कार्ड - संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है? | What is PAN card and why is it important? | Pan Card Kya Hota Hai Benefits
पैन कार्ड – संपूर्ण मार्गदर्शिका | पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है? | What is PAN card and why is it important? | Pan Card Kya Hota Hai Benefits

पैन कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया | Application Process for PAN Card

पैन कार्ड के लिए आवेदन करना अपेक्षाकृत सरल प्रक्रिया है। यहां बताया गया है कि आप यह कैसे कर सकते हैं:

  1. ऑनलाइन आवेदन: आयकर विभाग या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और पैन आवेदन फॉर्म भरें (व्यक्तियों के लिए फॉर्म 49ए और विदेशी नागरिकों/संस्थाओं के लिए फॉर्म 49एए)। पहचान, पते और फोटोग्राफ के प्रमाण सहित आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  2. ऑफ़लाइन आवेदन: आप पैन सेवा केंद्रों से संबंधित फॉर्म प्राप्त करके और भरकर पैन कार्ड के लिए ऑफ़लाइन भी आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूरा फॉर्म जमा करें।
  3. प्रसंस्करण और सत्यापन: एक बार आपका आवेदन जमा हो जाने के बाद, इसका सत्यापन किया जाता है। प्रदान किए गए विवरण को प्रस्तुत दस्तावेजों के साथ दोबारा जांचा जाता है।
  4. पैन कार्ड जारी करना: सफल सत्यापन पर, पैन कार्ड जारी किया जाता है और आवेदन में दिए गए पते पर पहुंचा दिया जाता है। वैकल्पिक रूप से, आप ई-पैन कार्ड डाउनलोड करना चुन सकते हैं।

पैन कार्ड का महत्व | Importance of PAN Card

  1. सार्वभौमिक पहचान: पैन कार्ड एक सार्वभौमिक पहचान उपकरण के रूप में कार्य करता है जिसे विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय संस्थानों में स्वीकार किया जाता है।
  2. वित्तीय समावेशन: औपचारिक वित्तीय क्षेत्र में भाग लेने, जैसे बैंक खाते खोलने, वित्तीय साधनों में निवेश करने और ऋण प्राप्त करने के लिए पैन कार्ड होना आवश्यक है।
  3. कर अनुपालन: पैन सभी वित्तीय लेनदेन को एक ही पहचान से जोड़कर कर अनुपालन को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए करों से बचना मुश्किल हो जाता है।
  4. वैश्विक लेनदेन: प्रेषण और विदेशी निवेश सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन के लिए भी पैन की आवश्यकता होती है।
स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड ने एक विशिष्ट पहचान उपकरण प्रदान करके भारत के वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है जो व्यक्तियों और संस्थाओं की सभी वित्तीय गतिविधियों को एक साथ जोड़ता है। कर चोरी रोकने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और कराधान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में इसकी भूमिका निर्विवाद है। जैसे-जैसे डिजिटल युग आगे बढ़ रहा है, पैन कार्ड वित्तीय दुनिया में जवाबदेही और पारदर्शिता का प्रतीक बना हुआ है। चाहे आप व्यक्तिगत करदाता हों या व्यावसायिक इकाई, पैन कार्ड प्राप्त करना और बनाए रखना जिम्मेदार वित्तीय नागरिकता की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

पैन कार्ड के प्रकार | Types of PAN Card

पैन (स्थायी खाता संख्या) कार्डों को उस इकाई के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जिसे वे जारी किए जाते हैं और जिस उद्देश्य से वे पूरा करते हैं। यहां पैन कार्ड के मुख्य प्रकार हैं:

Individual PAN Card (Form 49A) | व्यक्तिगत पैन कार्ड (फॉर्म 49ए):
Foreign Citizen/Entity PAN Card (Form 49AA) | विदेशी नागरिक/इकाई पैन कार्ड (फॉर्म 49एए):
HUF (Hindu Undivided Family) PAN Card | एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) पैन कार्ड:
Company PAN Card | कंपनी पैन कार्ड:
Partnership Firm PAN Card | पार्टनरशिप फर्म पैन कार्ड:
Trust PAN Card | पैन कार्ड पर भरोसा करें:
Limited Liability Partnership (LLP) PAN Card | सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) पैन कार्ड:
Association or Body of Individuals (AOP/BOI) PAN Card | एसोसिएशन या व्यक्तियों का निकाय (एओपी/बीओआई) पैन कार्ड:
Local Authority PAN Card | स्थानीय प्राधिकारी पैन कार्ड:
Artificial Juridical Person PAN Card | कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति पैन कार्ड:
  1. Individual PAN Card (Form 49A) | व्यक्तिगत पैन कार्ड (फॉर्म 49ए): यह व्यक्तिगत करदाताओं को जारी किया जाने वाला सबसे सामान्य प्रकार का पैन कार्ड है। इसका उपयोग व्यक्तिगत कर-संबंधित लेनदेन के लिए किया जाता है, जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करना, वित्तीय साधनों में निवेश करना और उच्च-मूल्य वाले लेनदेन करना शामिल है।
  2. Foreign Citizen/Entity PAN Card (Form 49AA) | विदेशी नागरिक/इकाई पैन कार्ड (फॉर्म 49एए): इस प्रकार का पैन कार्ड विदेशी नागरिकों और संस्थाओं, जैसे विदेशी निवेशकों, को जारी किया जाता है, जो भारत में वित्तीय लेनदेन में संलग्न होते हैं। यह व्यक्तिगत पैन कार्ड के समान उद्देश्य को पूरा करता है लेकिन इसे गैर-निवासियों के लिए तैयार किया गया है।
  3. HUF (Hindu Undivided Family) PAN Card | एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) पैन कार्ड: हिंदू अविभाजित परिवार इस श्रेणी के तहत पैन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। परिवार की आय, निवेश और अन्य वित्तीय गतिविधियों से जुड़े कर संबंधी लेनदेन के लिए एचयूएफ पैन कार्ड आवश्यक है।
  4. Company PAN Card | कंपनी पैन कार्ड: भारत में पंजीकृत कंपनियों, चाहे सार्वजनिक हो या निजी, को विभिन्न वित्तीय लेनदेन के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। इसमें कर रिटर्न दाखिल करना, व्यवसाय संचालन करना और कर नियमों का अनुपालन करना शामिल है।
  5. Partnership Firm PAN Card | पार्टनरशिप फर्म पैन कार्ड: पंजीकृत पार्टनरशिप फर्मों को इस श्रेणी के तहत पैन कार्ड जारी किए जाते हैं। पैन का उपयोग फर्म के वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करने और टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए किया जाता है।
  6. Trust PAN Card | ट्रस्ट पैन कार्ड: धर्मार्थ ट्रस्ट, शैक्षिक ट्रस्ट और धार्मिक ट्रस्ट सहित ट्रस्ट, वित्तीय गतिविधियों को चलाने और कर नियमों का अनुपालन करने के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  7. Limited Liability Partnership (LLP) PAN Card | सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) पैन कार्ड: एलएलपी, व्यापार संरचना का एक मिश्रित रूप, पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए भी आवश्यक है। इसका उपयोग कर-संबंधित उद्देश्यों और एलएलपी से जुड़े वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाता है।
  8. Association or Body of Individuals (AOP/BOI) PAN Card | एसोसिएशन या व्यक्तियों का निकाय (एओपी/बीओआई) पैन कार्ड:  एओपी और बीओआई, जो समान वित्तीय हित वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के समूह हैं, अपने वित्तीय मामलों के प्रबंधन के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  9. Local Authority PAN Card | स्थानीय प्राधिकारी पैन कार्ड: स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर पालिकाएं, पंचायतें और नगर निगम वित्तीय लेनदेन और कर अनुपालन की सुविधा के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  10. Artificial Juridical Person PAN Card | कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति पैन कार्ड: मृत व्यक्तियों की संपत्ति, दिवालिया कंपनियां और अन्य न्यायिक व्यक्ति जो अन्य श्रेणियों के अंतर्गत नहीं आते हैं, जैसी संस्थाएं इस श्रेणी में पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि पैन कार्ड का प्राथमिक उद्देश्य कर-संबंधी और वित्तीय लेनदेन को सुविधाजनक बनाना है, पैन कार्ड के लिए आवेदन करने वाली इकाई के प्रकार के आधार पर विशिष्ट आवश्यकताएं और दस्तावेज भिन्न हो सकते हैं। प्रत्येक प्रकार का पैन कार्ड वित्तीय संचालन को सुव्यवस्थित करने और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का कार्य करता है।

पैन कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें – एक व्यापक मार्गदर्शिका | How to Apply for PAN Card – A Comprehensive Guide

भारत में वित्तीय लेनदेन और आयकर उद्देश्यों के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है। यह वित्तीय गतिविधियों में लगे व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में कार्य करता है। चाहे आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हों, व्यवसाय के मालिक हों या करदाता हों, पैन कार्ड प्राप्त करना कर नियमों का पालन करने और विभिन्न वित्तीय लाभों का आनंद लेने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में, हम आपको पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में एक व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करेंगे।

पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका

  1. चरण 1: अपनी पात्रता निर्धारित करेंपैन कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप पात्र श्रेणियों में आते हैं, जिनमें व्यक्ति, कंपनियां, फर्म, नाबालिग, विदेशी नागरिक आदि शामिल हैं। पैन कार्ड उन लोगों के लिए अनिवार्य है जिनकी कर योग्य आय है, जो एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक वित्तीय लेनदेन करना चाहते हैं। , या जो व्यावसायिक गतिविधियों में लगे हुए हैं।
  2. चरण 2: सही फॉर्म चुनेंपैन आवेदन फॉर्म आवेदक की श्रेणी के आधार पर अलग-अलग होते हैं। फॉर्म 49ए भारतीय नागरिकों के लिए है, जबकि फॉर्म 49एए विदेशी नागरिकों और संस्थाओं के लिए है। आप इन फॉर्मों को भारत के आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं या पैन केंद्रों से प्राप्त कर सकते हैं।
  3. चरण 3: फॉर्म भरेंचुने गए फॉर्म में आवश्यक जानकारी सही-सही भरें। फॉर्म सबमिट करने से पहले अपने विवरण की दोबारा जांच अवश्य कर लें। गलतियों या विसंगतियों के कारण आपके आवेदन पर कार्रवाई में देरी हो सकती है।
  4. चरण 4: सहायक दस्तावेज़ संलग्न करेंअपने पैन कार्ड आवेदन का समर्थन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें। इनमें आम तौर पर पहचान का प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, आदि), पते का प्रमाण (आधार कार्ड, उपयोगिता बिल, बैंक विवरण, आदि), और जन्म तिथि का प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, आदि) शामिल हैं। ).
  5. चरण 5: प्रसंस्करण प्रकार चुनेंआप दो प्रसंस्करण प्रकारों के बीच चयन कर सकते हैं: भौतिक आवेदन या ऑनलाइन आवेदन। ऑनलाइन आवेदन एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) या यूटीआईटीएसएल (यूटीआई इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज लिमिटेड) वेबसाइटों के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं। भौतिक अनुप्रयोगों में निर्दिष्ट पैन केंद्रों पर फॉर्म और दस्तावेज़ जमा करना शामिल है।
  6. चरण 6: भुगतानअपना आवेदन जमा करते समय आवश्यक प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करें। शुल्क इस आधार पर भिन्न होता है कि संचार पता भारत के भीतर है या भारत के बाहर। भुगतान विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से किया जा सकता है।
  7. चरण 7: आवेदन जमा करेंऑनलाइन आवेदन के लिए फॉर्म और दस्तावेजों की स्कैन की हुई प्रतियां अपलोड करें। भौतिक आवेदन के लिए, भरे हुए फॉर्म और दस्तावेजों को निकटतम पैन केंद्र पर जमा करें। सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज़ आवश्यक प्रारूप और आकार में हैं।
  8. चरण 8: पावतीअपना आवेदन जमा करने के बाद, आपको एक पावती रसीद प्राप्त होगी। इस रसीद का उपयोग आपके आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है।
  9. चरण 9: सत्यापनआयकर विभाग आपके आवेदन में दी गई जानकारी का सत्यापन करेगा। इसमें आपके दस्तावेज़ों और जानकारी का भौतिक सत्यापन शामिल हो सकता है।
  10. चरण 10: अपना पैन कार्ड प्राप्त करेंएक बार जब आपका आवेदन स्वीकृत और सत्यापित हो जाता है, तो आपको आवेदन पत्र में उल्लिखित पते पर अपना पैन कार्ड प्राप्त हो जाएगा। इस कार्ड में आपका अद्वितीय 10 अंकों का पैन नंबर, नाम, जन्मतिथि और फोटोग्राफ होता है।

आयकर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने और विभिन्न वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने के लिए पैन कार्ड प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम है। इस चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका का पालन करके, आप आवेदन प्रक्रिया को आसानी से नेविगेट कर सकते हैं। अपने आवेदन पर कार्रवाई में देरी से बचने के लिए सटीक जानकारी और वैध दस्तावेज़ प्रदान करना याद रखें। चाहे आप व्यक्तिगत करदाता हों या व्यावसायिक इकाई, पैन कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है जो पारदर्शी वित्तीय लेनदेन की सुविधा देता है और आपकी वित्तीय यात्रा को सरल बनाता है।

FAQ – पैन कार्ड सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब

सवाल- पैन कार्ड क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है?

जवाब- पैन कार्ड, या स्थायी खाता संख्या कार्ड, भारतीय आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया एक अद्वितीय 10-अक्षर अल्फ़ान्यूमेरिक पहचानकर्ता है। यह एक महत्वपूर्ण पहचान और कर-संबंधित दस्तावेज़ के रूप में कार्य करता है। पैन कार्ड महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सभी वित्तीय लेनदेन, निवेश और कर-संबंधित गतिविधियों को एक ही पहचान से जोड़ता है। इससे सरकार को वित्तीय गतिविधियों पर नज़र रखने और निगरानी करने, कर चोरी रोकने और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

सवाल- पैन कार्ड के प्रमुख कार्य क्या हैं?

जवाब- पैन कार्ड कई प्रमुख कार्य करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. कर पहचान: यह कर-संबंधित लेनदेन के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में कार्य करता है, जिससे आय की सटीक रिपोर्टिंग और मूल्यांकन सुनिश्चित होता है।
  2. वित्तीय लेनदेन: विभिन्न वित्तीय गतिविधियों जैसे बैंक खाता खोलना, उच्च मूल्य के लेनदेन करना, संपत्ति या वाहन जैसी संपत्ति खरीदना या बेचना और शेयर बाजार में निवेश के लिए पैन अनिवार्य है।
  3. आयकर रिटर्न दाखिल करना: कर योग्य आय वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है, और इस प्रक्रिया के लिए पैन आवश्यक है।
  4. कर चोरी को रोकना: वित्तीय गतिविधियों को एक ही पैन से जोड़कर, सरकार कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों की बेहतर निगरानी और नियंत्रण कर सकती है।

सवाल- पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?

जवाब- पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. ऑनलाइन आवेदन: आयकर विभाग या एनएसडीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और संबंधित पैन आवेदन फॉर्म भरें (व्यक्तियों के लिए फॉर्म 49ए, विदेशी संस्थाओं के लिए फॉर्म 49एए)। पहचान, पता और फोटोग्राफ जैसे आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  2. ऑफ़लाइन आवेदन: पैन सेवा केंद्रों से संबंधित पैन आवेदन पत्र प्राप्त करें, उसे भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करें।
  3. प्रसंस्करण और सत्यापन: आपका आवेदन सत्यापन से गुजरता है, जहां प्रदान किए गए विवरण को प्रस्तुत दस्तावेजों के साथ क्रॉस-चेक किया जाता है।
  4. पैन कार्ड जारी करना: सफल सत्यापन पर, पैन कार्ड जारी किया जाता है और दिए गए पते पर पहुंचा दिया जाता है। ई-पैन कार्ड भी डाउनलोड किया जा सकता है.

सवाल- पैन कार्ड का क्या महत्व है?

जवाब- पैन कार्ड विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण महत्व रखता है:

  1. सार्वभौमिक पहचान: इसे वित्तीय और गैर-वित्तीय संस्थानों द्वारा एक वैध पहचान उपकरण के रूप में सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया जाता है।
  2. वित्तीय समावेशन: बैंक खाते खोलने, निवेश करने और ऋण प्राप्त करने जैसी औपचारिक वित्तीय गतिविधियों में भाग लेने के लिए पैन कार्ड रखना आवश्यक है।
  3. कर अनुपालन: पैन सभी वित्तीय लेनदेन को एक ही पहचान से जोड़कर कर अनुपालन को बढ़ावा देता है, जिससे कर चोरी अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
  4. वैश्विक लेनदेन: कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन, जैसे प्रेषण और विदेशी निवेश के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।

सवाल- पैन कार्ड वित्तीय पारदर्शिता में कैसे योगदान देता है?

जवाब- एक पैन कार्ड सभी वित्तीय गतिविधियों को एक ही पहचान से जोड़कर वित्तीय पारदर्शिता में योगदान देता है। यह जुड़ाव व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल होना चुनौतीपूर्ण बनाता है। यह वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए, आय, निवेश और लेनदेन का सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने में सहायता करता है।

सवाल- पैन कार्ड क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

जवाब- पैन कार्ड (स्थायी खाता संख्या) भारत के आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया एक अद्वितीय 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक पहचानकर्ता है। यह वित्तीय लेनदेन, कर-संबंधी गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है और पहचान के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। बैंक खाते खोलने, आयकर रिटर्न दाखिल करने, बड़े वित्तीय लेनदेन करने आदि के लिए इसकी आवश्यकता होती है।

सवाल- पैन कार्ड के लिए किसे आवेदन करना होगा?

जवाब- भारत में वित्तीय लेनदेन, कर योग्य आय अर्जित करने या आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने वाले व्यक्तियों, व्यवसायों और संस्थाओं को पैन कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होती है।

सवाल- पैन कार्ड आवेदन फॉर्म के विभिन्न प्रकार क्या हैं और वे कैसे भिन्न हैं?

जवाब- दो मुख्य फॉर्म हैं: फॉर्म 49ए (भारतीय नागरिकों के लिए) और फॉर्म 49एए (विदेशी नागरिकों/संस्थाओं के लिए)। आवेदक की श्रेणी और आवेदन के उद्देश्य के आधार पर फॉर्म अलग-अलग होते हैं।

सवाल- पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

जवाब- सामान्य दस्तावेजों में पहचान का प्रमाण (आधार, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र), पते का प्रमाण (आधार, उपयोगिता बिल), और जन्म तिथि का प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट) शामिल हैं।

सवाल- क्या मैं पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता हूँ? ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया कैसे काम करती है?

जवाब- हां, आप एनएसडीएल या यूटीआईटीएसएल वेबसाइटों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। संबंधित फॉर्म भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें, भुगतान करें और पावती प्राप्त करें।

सवाल- पैन कार्ड के लिए आवेदन करने का शुल्क क्या है? मैं भुगतान कैसे कर सकता हूं?

जवाब- शुल्क संचार पते के आधार पर भिन्न होता है। ऑनलाइन भुगतान क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग करके किया जा सकता है।

सवाल- आवेदन करने के बाद पैन कार्ड प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

जवाब- पैन कार्ड के लिए सफलतापूर्वक आवेदन जमा करने के बाद आम तौर पर लगभग 15 कार्यदिवस लगते हैं।

सवाल- यदि मेरे पैन कार्ड आवेदन में कोई गलती हो जाए तो मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब- पैन कार्ड प्राप्त होने के बाद सुधार किया जा सकता है। छोटे-मोटे सुधार ऑनलाइन किए जा सकते हैं, जबकि महत्वपूर्ण बदलावों के लिए नए आवेदन की आवश्यकता होती है।

सवाल- क्या मैं अपने मौजूदा पैन कार्ड की जानकारी में बदलाव कर सकता हूँ? यदि हाँ, तो प्रक्रिया क्या है?

जवाब- हां, परिवर्तन ऑनलाइन या परिवर्तन/सुधार के लिए फॉर्म जमा करके किए जा सकते हैं। परिवर्तनों के लिए दस्तावेज़ प्रमाण आवश्यक है.

सवाल- क्या पैन कार्ड जीवन भर के लिए वैध है, या क्या मुझे इसे नवीनीकृत करने की आवश्यकता है?

जवाब- पैन कार्ड की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है और ये आम तौर पर जीवन भर के लिए वैध होते हैं। नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं है.

सवाल- यदि मैं अपना पैन कार्ड खो दूं तो क्या होगा? मैं डुप्लीकेट कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?

जवाब- आप डुप्लिकेट पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन या परिवर्तन/सुधार के लिए फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। नाममात्र का शुल्क लिया जाता है.

सवाल- क्या मैं अपने पैन कार्ड का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए पहचान और पते के प्रमाण के रूप में कर सकता हूँ?

जवाब- हां, पैन कार्ड विभिन्न लेनदेन और आधिकारिक उद्देश्यों के लिए पहचान और पते का एक वैध प्रमाण है।

सवाल- पैन कार्ड पर अल्फ़ान्यूमेरिक कोड का क्या महत्व है?

जवाब- अल्फ़ान्यूमेरिक कोड विशिष्ट रूप से धारक की पहचान करता है और इसका उपयोग आधिकारिक रिकॉर्ड और लेनदेन के लिए किया जाता है।

सवाल- क्या विदेशी नागरिकों या अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को पैन कार्ड की आवश्यकता है? वे इसके लिए आवेदन कैसे करें?

जवाब- हां, यदि उनकी भारत में कर योग्य आय है। वे फॉर्म 49AA का उपयोग करके आवेदन कर सकते हैं।

सवाल- क्या मेरे पैन कार्ड आवेदन की स्थिति को ट्रैक करना संभव है? मेरे द्वारा ऐसा कैसे किया जा सकता है?

जवाब- हां, आप एनएसडीएल या यूटीआईटीएसएल वेबसाइट पर पावती संख्या का उपयोग करके आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

सवाल- यदि मेरा पैन कार्ड आवेदन “सत्यापन” के अंतर्गत है तो क्या प्रक्रिया है?

जवाब- आयकर विभाग अनुमोदन से पहले प्रदान की गई जानकारी का भौतिक सत्यापन कर सकता है।

सवाल- क्या पैन कार्ड आवेदन के दौरान गलत जानकारी प्रदान करने पर कोई दंड है?

जवाब- गलत जानकारी प्रदान करने पर जुर्माना, देरी या आवेदन को अस्वीकार किया जा सकता है।

सवाल- पैन कार्ड मेरी आयकर फाइलिंग से कैसे लिंक होता है?

जवाब- आपके पैन का उपयोग आपके आयकर रिटर्न में एक संदर्भ के रूप में किया जाता है, जो आपके वित्तीय लेनदेन और कर देनदारियों की सटीक ट्रैकिंग सुनिश्चित करता है।

सवाल- यदि मुझे अब पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं है तो क्या मैं उसे सरेंडर कर सकता हूँ?

जवाब- यदि आपके पास एक से अधिक पैन कार्ड हैं, तो आपको जुर्माने से बचने के लिए अतिरिक्त पैन कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए।

सवाल- क्या पैन कार्ड आवेदन प्रक्रिया या नियमों में कोई हालिया अपडेट या बदलाव हैं?

जवाब- सितंबर 2021 में मेरे आखिरी अपडेट के अनुसार, बदलाव हो सकते हैं। नवीनतम जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखने की अनुशंसा की जाती है।

याद रखें कि प्रक्रियाएं और नियम बदल सकते हैं, इसलिए पैन कार्ड के संबंध में नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों को देखें।

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Google News पर SEO कैसे करें | गूगल न्यूज़ फीड कैसे काम करता है? | How To Do SEO On Google News | How do I SEO Google News?
Google News पर SEO कैसे करें | गूगल न्यूज़ फीड कैसे काम करता है? | How To Do SEO On Google News | How do I SEO Google News?

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Google News पर SEO कैसे करें | गूगल न्यूज़ फीड कैसे काम करता है? | How To Do SEO On Google News | How do I SEO Google News?

Google News पर SEO कैसे करें Google द्वारा अनेकों में से एक सुधार Google न्यूज़ है जो दुनिया भर से न्यूज़ देता है। यह ब्लॉग के माध्यम से हर 15 मिनट में अपडेट होता है जो प्रासंगिकता के अनुसार कहानियों की व्यवस्था भी करता है।

साइटों पर प्रदर्शित होने के लिए इन स्टोरियों की आवृत्ति और ये साइटें क्या स्थान तय करती हैं, साथ ही शीर्षक और प्रकाशन के समय जैसे आंदोलन भी साइट पर शीर्षक की नियुक्ति को प्रभावित करते हैं। यह विशेष रूप से समाचारों के इंडेक्स के माध्यम से नियमित एसईओ प्रयासों से बहुत अलग है। तो यहाँ Google न्यूज़ पर SEO करने के तरीके दिए गए हैं:

1. Google न्यूज़ में शामिल होने के लिए आपका स्रोत उच्च गुणवत्ता वाला और प्रासंगिक होना चाहिए। आप अपने लेख में रुचि प्राप्त करने के लिए अपनी कहानियों को Google न्यूज़ सिंडिकेटेड साइटों जैसे बिजनेस वायर या पीआरवेब पर सबमिट कर सकते हैं।

आप अपनी वेबसाइट पर एक न्यूज़ श्रेणी भी बना सकते हैं जिसमें न्यूज़ के योग्य जानकारी होगी। नई सामग्री को कम से कम साप्ताहिक रूप से जोड़ा जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह Google न्यूज़ के लिए उपयुक्त है।

यदि आप इस पद्धति का उपयोग करते हैं, तो आप इसे Google न्यूज़ पर शामिल करने के लिए Google से संपर्क कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आप न्यूज़ संपर्क पृष्ठ पर फ़ॉर्म भर सकते हैं।

2. SEO की तरह, आप भी Google News पर ऑप्टिमाइज़ेशन पाने के लिए कीवर्ड पर भरोसा करते हैं। इसके साथ, आपको शीर्षक और सामग्री के लिए अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए लक्षित कीवर्ड और कीवर्ड वाक्यांशों का उपयोग करना होगा।

यह SEO और Google News के बीच उन समान विशेषताओं में से एक है। कम से कम कहने के लिए, खोजशब्द अभी भी Google न्यूज़ अनुकूलन पर आपके भाग्य का निर्धारण करते हैं।

सामग्री को पर्याप्त संख्या में लक्षित खोजशब्दों के साथ सही स्थिति में रखें, ठीक वैसे ही जैसे आप नियमित सामग्री विपणन के साथ करते हैं। इन लक्षित खोजशब्दों को अपने शीर्षकों पर भी शामिल करें।

3. उचित समय महत्वपूर्ण है, इसलिए इन्हें शाम के बजाय सुबह भेजें। खासकर यदि आपके लक्ष्य अत्यधिक प्रतिस्पर्धी हैं, तो आपको अपनी प्रतिस्पर्धा से पहले वहां पहुंचना होगा।

इसे अपने लक्षित क्षेत्र के समय पर आधारित करें न कि आपके स्थान के आधार पर। दिन को एक नई शुरुआत देने और इसे खोजने और पढ़ने के लिए पूरा दिन देने के लिए भी सुबह सबसे अच्छी होती है।

4. क्रॉलर केवल टेक्स्ट लिंक से अधिक आपके URL पर नंबर खोजने की अपेक्षा करते हैं। यह वास्तव में Google न्यूज़ को कैसे अनुकूलित किया जाता है।

इसलिए जब आप अपने लिंक शामिल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप वर्ष की तरह लगभग तीन से छह नंबर शामिल करें, क्योंकि उन्हें इसी तरह खोजा जा सकता है। अपने URL का पुन: उपयोग न करना भी महत्वपूर्ण है; उन्हें अद्वितीय और स्थिर होना चाहिए।

इसके अलावा, अपने फ़ाइल नामों को वर्षों या उनकी आईडी से शुरू न करें जो एक वर्ष से शुरू होते हैं। आप अपना डोमेन नाम और फिर नंबर डालकर शुरू कर सकते हैं। हालांकि एसईओ के साथ अलग, Google न्यूज़ भी साइट ट्रैफ़िक लाने में आपकी मदद करने का एक अच्छा तरीका है, जिसे आप अपने अन्य एसईओ प्रयासों के पूरक के लिए कर सकते हैं।

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क्या नया Google न्यूज़ अब केवल एक हाई-टेक इको चैंबर है?

जब Google न्यूज़ पहली बार ऑनलाइन आया, तो Google का उद्देश्य सुबह के न्यूज़ पत्र की लाभदायक आदत को लक्षित करना था, जिस पर देश भर के लाखों लोग अपनी सुबह की सैर के लिए निर्भर थे। बड़े पैमाने पर, Google न्यूज़ लोगों को भौतिक न्यूज़ पत्र से दूर करने के बजाय प्रत्येक सुबह इसकी विस्तृत लिस्टिंग की जाँच करने में सफल रहा।

जब हाल ही में यह खबर सामने आई कि Google ने पूरी सेवा को नया रूप दे दिया है, तो वहाँ बहुत सारे उत्सुक लोग यह देखने के लिए जाँच कर रहे थे कि उनके आजमाए हुए और सच्चे Google न्यूज़ को कितनी दूर बदल दिया गया है। अधिकांश खातों के अनुसार, संशोधन, बेहतरी के लिए एक बदलाव रहा है; बेशक उन्होंने सेवा के बड़े हिस्से को बदल दिया है, लेकिन Google न्यूज़ अनुभव के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अछूता छोड़ दिया गया है।

नया और बेहतर Google न्यूज़ अभी भी स्क्रीन के केंद्र में अपनी सभी वर्तमान कहानियों को सूचीबद्ध करता है; लेकिन अब, सबसे महत्वपूर्ण विश्व घटनाओं की सूची पर स्टॉक करने के लिए सही मार्जिन का उपयोग किया जाता है – जिसे Google अब अपनी स्पॉटलाइट कहता है; अंतरिक्ष बहुत सारी स्थानीय समाचारों को भी सूचीबद्ध करता है।

जहां पुराने Google न्यूज़ में मुख्य पृष्ठ के साथ श्रेणी के अनुसार सूचीबद्ध समाचारों के जुड़वां स्तंभ थे, वहीं नए डिज़ाइन में केवल एक ही है। प्रत्यक्ष रूप से, यह चीजों को सरल और कम व्यस्त दिखने की दृष्टि से किया गया था; लेकिन कुल मिलाकर प्रभाव केवल अतिरिक्त जटिलता में से एक है। आइए एक नज़र डालते हैं उन सभी के बेहतरीन हिस्सों पर जो Google न्यूज़ पर बदल गए हैं।

Google न्यूज़ के बारे में अभी आपने जो पहली चीज़ देखी है, वह यह है कि इसे वैयक्तिकृत करना बहुत आसान है। आपके लिए नया दैनिक न्यूज़ सेवा आपको अनुकूलित स्थानीय न्यूज़ और सामाजिक रूप से संपादित पठन सामग्री प्रदान करेगी। जिन न्यूज़ स्रोतों को आप सबसे अधिक बार पढ़ते हैं, वे लिस्टिंग के शीर्ष पर भी पहुंच जाते हैं।

न्यूज़ का एक स्रोत जिसे आप नियमित रूप से सबसे आकर्षक पाते हैं, आमतौर पर बाकी सामान्य सामग्री की तुलना में उच्च प्रदर्शित किया जाएगा। वे एक सांप्रदायिक साझा समारोह भी लाए हैं। विषय पर न्यूज़ के नए स्रोतों के लिंक को उजागर करने के लिए एक सामान्य सूत्र साझा करने वाले लेखों का कोई भी सेट एक साथ लाया जाता है।

बेशक, यह सुनिश्चित करने के लिए अपने न्यूज़ स्रोतों को अनुकूलित करने में सक्षम होने के कारण कि आप केवल वही सुनते हैं जो आपको प्रसन्न करता है, जिस कारण से लोगों को पढ़ना महत्वपूर्ण लगता है। आपके लिए इतने सारे फ़िल्टर काम कर रहे हैं, जिससे आप दुनिया की स्क्रीनिंग कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करता है कि आपको हमेशा वही सुनने को मिले जिससे आप सहमत हैं।

जितना कम आप अपनी राय को चुनौती देने वाले विचारों के संपर्क में आते हैं, आप उतने ही कम प्रबुद्ध होते हैं, अनुभव से दूर होते जाते हैं। फिर भी, जब तक Google न्यूज़ दुनिया के बारे में आपके ज्ञान का एकमात्र स्रोत नहीं बन जाता है और इसके बजाय केवल इसे पूरक करने के लिए काम करता है, तब तक ये परिवर्तन काफी उत्पादक होने चाहिए।

Google न्यूज़ से निःशुल्क ट्रैफ़िक प्राप्त करना | Getting Free Traffic From Google News

Google न्यूज़ से पर्याप्त ट्रैफ़िक प्राप्त करने के लिए आपको CNN या BBC न्यूज़ रिपोर्टर होने की आवश्यकता नहीं है। जहां तक ​​मेरी जानकारी है, Google केवल पिछले 30 दिनों के न्यूज़ लेख रखता है।

गूगल न्यूज़ कैसे इस्तेमाल करे पृष्ठ के शीर्ष पर खोज बार का उपयोग करना साइट में टाइप करके प्रारंभ करें: – फिर आप साइट की सामग्री की खोज के लिए कीवर्ड दर्ज करेंगे। फिर आप देखेंगे कि Google ने आपके कीवर्ड से संबंधित समय-सीमा में कितनी साइटों को स्वीकृत किया है। प्रतिक्रिया जितनी कम होगी, खोजशब्द सामग्री उतनी ही कम लोकप्रिय होगी। उदाहरण के लिए, यदि आप पिछले 30 दिनों में खोज इंजन उद्योग को देखना चाहते हैं, तो आप साइट: seroundtable.com टाइप करेंगे और आप देखेंगे कि बड़ी संख्या में पृष्ठ नहीं आते हैं।

इन पृष्ठों के मालिकों ने Google को सुझाव दिया है कि उनकी साइट एक अच्छी खबर है और यदि आपको लगता है कि आपकी साइट में भी अच्छी खबर है और आपकी खोजशब्द खोज में शामिल नहीं है, तो आप इसे Google को उनकी स्वीकृति के लिए सबमिट कर सकते हैं। यदि आपकी साइट को Google द्वारा न्यूज़ योग्य होने के रूप में स्वीकृत किया जाता है, तो आप Google न्यूज़ पर आने वाले लोगों द्वारा इससे बहुत अधिक ट्रैफ़िक प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आप अनुमोदन के लिए एक पेज सबमिट करना चाहते हैं, तो होम पेज पर जाएं और नीचे स्क्रॉल करें, ‘Google न्यूज़ के बारे में’ लिंक पर क्लिक करें। जो सामने आएगा वह काफी लंबा पृष्ठ है इसलिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों तक स्क्रॉल करें और प्रश्न 30 पर जाएं – क्या होगा यदि मुझे खोज परिणामों में अपना पसंदीदा न्यूज़ स्रोत दिखाई नहीं देता है? आप उनसे संपर्क कर सकते हैं और पहला विकल्प चुनकर न्यूज़ स्रोत की सिफारिश कर सकते हैं।

यदि आपकी साइट में न्यूज़ हैं और यह अद्यतित है (यदि आपकी साइट केवल एक सामान्य न्यूज़ साइट के बजाय उद्योग विशिष्ट है तो यह मदद करती है), तो बस इसे स्वीकृति के लिए सबमिट करें। यह संभव है कि Google किसी ऐसी साइट को स्वीकृति न दे जो एकदम नई हो लेकिन जो आपको आवेदन करने से न रोके। एक साइट जो लंबे समय से आसपास रही है, आम तौर पर अधिक अधिकार होता है।

Google न्यूज़ में आने के लिए प्रेस विज्ञप्तियों का उपयोग करना

यदि आप पीआरवेब के माध्यम से नियमित रूप से लेख प्रस्तुत करते हैं, तो हो सकता है कि आप इनमें से कुछ को Google न्यूज़ में पहले ही प्रदर्शित कर चुके हों। यदि नहीं, तो शायद यह कुछ ऐसा है जिसे करने पर आपको विचार करना चाहिए। एक प्रेस विज्ञप्ति किसी पेशेवर द्वारा लिखी जाने की आवश्यकता नहीं है; संपादकों की एक टीम द्वारा उनकी समीक्षा की जाती है, और उन्हें 10-15 मिनट में लिखा जा सकता है।

कुछ पैराग्राफ पर्याप्त हैं और फिर इसे पीआरवेब पर जमा करें। आप इस तरह से कुछ प्रचार प्राप्त कर सकते हैं और आपकी साइट को देखने के लिए आगंतुक भी जा सकते हैं। यदि आप होम पेज पर वापस जाते हैं और फिर से सर्च कमांड का उपयोग करते हैं, तो साइट टाइप करें: prweb.com और आप देखेंगे कि Google न्यूज़ पर बड़ी संख्या में पेज इस स्रोत से हैं।

आप एक प्रेस विज्ञप्ति जमा कर सकते हैं और वास्तव में यह महसूस नहीं कर सकते हैं कि यदि आप इस एक रिलीज के लिए Google न्यूज़ पर फीचर करते हैं तो आप बहुत अधिक ट्रैफ़िक प्राप्त कर सकते हैं। एक अन्य साइट जो Google न्यूज़ पर अत्यधिक विशेषता रखती है, वह है prleap.com इसलिए अपने लेख सबमिट करते समय इस साइट पर भी विचार किया जाना चाहिए।

Google न्यूज़ अनुकूलन: अपनी वेबसाइट को Google न्यूज़ में कैसे प्रदर्शित करें

  • Google न्यूज़ एक अद्यतन विकल्प है जो सेवा के लिए उपयोगी है और जानकारों के लिए उपयोगी है.
  • फिर भी आपके कुछ मुख्य उद्देश्य क्या हैं, इस घटना के परिणाम क्या हैं (SERPs) इस घटना की स्थिति में है।
  • Google न्यूज़ में भी शामिल हो सकते हैं, जब भी सक्रिय हों, तो समय पर एक बार करने का तरीका – न्यूज़ आइटम पर इस तरह से प्रदर्शित होगा, जैसा कि वेबलॉग के साथ जुड़ सकते हैं, आप विश्वास करना शुरू कर सकते हैं। आपके विशेष उद्यम में एक न्यूज़ प्रदायक के रूप में।
  • Google न्यूज़ अनुकूलता: आपको आवश्यक है
  • Google न्यूज़ में लॉग इन करें! सबसे पहले, होने के बाद के लिए “समावेश की देनदारी” देनदारी होगा – यह जो भी एक ऐप के लिए Google को आपकी वेबसाइट के लिए समीक्षा के लिए समीक्षा करेगा।
  • Google न्यूज़ में प्रदर्शित होने के लिए, सभी URL, गुणवत्ता वाला होना जरूरी है, जैसा होना चाहिए, वैसा ही होना चाहिए, और एक अद्वितीय 3 अंक होना चाहिए (कहने की आवश्यकता है) यूआरएल को भी स्पष्ट रूप से अनोखा हो। यदि आप इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कर सकते हैं, तो यह एक अच्छी जानकारी है।
  • न्यूज़ लेख में दैनिक आधार सामग्री सामग्री का सामान होना चाहिए और उसे लिखना चाहिए। न्यूज़ सामग्री आपकी वेबसाइट पर। एक बार स्वीकार करने के बाद भी दैनिक आधार पर न्यूज़ सामग्री का वितरण की आवश्यकता होगी (उद्देश्य प्रति माह कम से कम 40 न्यूज़ आइटम, या प्रति दिन 2 का लक्ष्य है)।

अंत में, आपकी वेबसाइट पर “लेखकों से मिलें” बनाना आवश्यक होगा। इस पृष्ठ में आपकी वेबसाइट पर उत्पादन करने वाले लेखक की सामग्री की जानकारी शामिल होना चाहिए। Google न्यूज़ में शामिल होने के लिए, अपनी वेबसाइट पर सामग्री की सामग्री को कम से कम तीन गुना की आवश्यकता होगी।

Google न्यूज़ अनुकूलन: बड़ी रैंकिंग के लिए एक अल्पकालिक समाधान | Google News Optimisation

Google न्यूज़ यूनिवर्सल सर्च के भीतर एक चैनल है – अब तक, यदि आपको Google का उपयोग करने की कोई जानकारी है, तो आपने खोज इंजन परिणाम पृष्ठों (SERPs) में हमेशा यूनिवर्सल सर्च परिणाम (जैसे वीडियो, न्यूज़, चित्र, स्थानीय लिस्टिंग और उत्पाद) दिखाई देंगे। ) प्रश्नों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए।

Google न्यूज़ के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह लागू करने के लिए अपेक्षाकृत सरल रणनीति है, जो कि अधिकांश वेबमास्टरों के लिए सुलभ है, और एक जो आपकी वेबसाइट के लिए बहुत बड़े परिणाम प्रदान कर सकती है।

Google न्यूज़ आपको अपनी मुख्य सामान्य शर्तों की एक श्रृंखला के लिए प्रकट होने और इन शर्तों के लिए पहले पृष्ठ पर एक स्थिति से प्राप्त होने वाले बाद के ट्रैफ़िक से लाभ उठाने का अवसर देता है।

Google न्यूज़ में कैसे प्रदर्शित करें:– खोज इंजन परिणाम पृष्ठों (एसईआरपी) में आपके न्यूज़ आइटम प्रदर्शित होने के लिए, आपको पहले Google को एक समावेशन अनुरोध सबमिट करना होगा (ताकि वे आपकी न्यूज़ सामग्री को Google न्यूज़ के माध्यम से अतिरिक्त दृश्यता देने के लिए क्रॉल और अनुक्रमित करना शुरू कर सकें) )

ऐसा करने का सबसे आसान तरीका Google में “समावेश अनुरोध” शब्द की खोज करना है।

हालांकि, इससे पहले कि आप अपनी वेबसाइट, या अपनी न्यूज़ सामग्री सबमिट करें, पहले कुछ तकनीकी और सामान्य आवश्यकताओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है:

यूआरएल: आपके न्यूज़ यूआरएल में कम से कम 3 अंक होने चाहिए – प्रत्येक यूआरएल भी अद्वितीय होना चाहिए।

साइटमैप: यदि आप URL विनिर्देश का पालन नहीं कर सकते हैं, तो न्यूज़ साइटमैप अपलोड करने का वही प्रभाव होगा।

सामग्री: शामिल करने के लिए सबमिट करने से पहले, आपके पास अपनी वेबसाइट पर कम से कम तीन महीने की न्यूज़ योग्य सामग्री होनी चाहिए। आदर्श रूप से, आपको अपने न्यूज़ अनुभाग में प्रतिदिन कम से कम दो न्यूज़ जोड़ने होंगे।

लेखकों से मिलें: आपका न्यूज़ अनुभाग एक यूआरएल से भी जुड़ा होना चाहिए जिसमें न्यूज़ सामग्री का योगदान करने वाले प्रत्येक लेखक की एक छोटी जीवनी हो (आपको अपने न्यूज़ अनुभाग में सामग्री का योगदान देने वाले कम से कम तीन लेखकों की आवश्यकता होगी)।

बशर्ते आपने इन आवश्यकताओं को पूरा किया हो, तब आप अपने न्यूज़ अनुभाग को विचार के लिए Google को सबमिट कर सकते हैं।

Google न्यूज़ अनुकूलन: जब Google न्यूज़ में फ़ीचर करने की बात आती है तो कई प्रमुख ऑर्गेनिक खोज रैंकिंग कारक अभी भी लागू होते हैं:

ऑन-पेज ऑप्टिमाइज़ेशन: अपने पेज टाइटल और कंटेंट बॉडी में प्रासंगिक कीवर्ड्स के साथ-साथ कंटेंट में अपने यूआरएल और हेडर्स को शामिल करें।

ताजगी: न्यूज़ सामग्री के लिए मुख्य रैंकिंग कारकों में से एक ताजगी है – अपनी न्यूज़ कहानी को जितनी जल्दी हो सके प्राप्त करें और कोशिश करें और प्रतियोगिता को खोज में एक स्थिति में हरा दें।

Google न्यूज़ ऑर्गेनिक खोज के माध्यम से अतिरिक्त विज़िट का लाभ उठाने और आपकी वेब उपस्थिति पर पृष्ठों के लिए अधिक लिंक चलाने के लिए एक बेहतरीन रणनीति है।

अपने ब्लॉग को Google न्यूज़ में कैसे लाएं  | How to Get Your Blog Into Google News

अगर कोई एक चीज है जिसे ज्यादातर वेबमास्टर या ब्लॉगर अपनी वेबसाइट की आय के अलावा हर रोज बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो वह है ट्रैफिक। वे कई अलग-अलग तरीके हैं जिनका उपयोग ट्रैफ़िक चलाने के लिए किया जा सकता है, कुछ को दूसरों की तुलना में लागू करना आसान है और कुछ आपको दूसरों की तुलना में अधिक ट्रैफ़िक प्राप्त करेंगे।

अपने ब्लॉग के लिए अधिक ट्रैफ़िक प्राप्त करने का एक तरीका यह है कि इसे Google न्यूज़ सेवा के लिए स्वीकृत किया जाए। यह सेवा न्यूज़ स्रोतों के डेटाबेस को खोजती है और आपकी खोज के आधार पर आपको सबसे प्रासंगिक न्यूज़ लाने का प्रयास करती है।

जब न्यूज़ स्रोतों को चुनने की बात आती है तो Google सेवा अपने डेटाबेस में किसे शामिल करती है, इस बारे में काफी उपयुक्त है। मुझे एक ऐसे ब्लॉग के उदाहरण के बारे में पता है जिसमें अनुमति दी गई थी और फिर कुछ हफ्तों के बाद जब उन्होंने तय किया कि ब्लॉग उनकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है।

यदि आपके ब्लॉग की गुणवत्ता उच्च है और यदि उसका एक सिद्ध रिकॉर्ड है, तो आपके ब्लॉग के Google न्यूज़ में शामिल होने और वहाँ रहने की बहुत अधिक संभावना है। आपकी वेबसाइट कुछ ऐसी होनी चाहिए जो सेवा के मुख्य विषय क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक हो। यदि आप उनके मुख्य पृष्ठ पर जाते हैं और बाएं हाथ के मेनू को देखते हैं तो आपको शीर्ष कहानियां, विश्व, खेल, स्वास्थ्य और सर्वाधिक लोकप्रिय जैसी श्रेणियां दिखाई देंगी।

अपना ब्लॉग सबमिट करने के लिए मुख्य पृष्ठ पर जाएं और नीचे स्क्रॉल करें। एक लिंक है जिस पर लिखा है ‘Google न्यूज़ के बारे में’। जब आप अगले पेज पर उस लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको ‘हेल्प फॉर पब्लिशर्स’ के लिंक वाला एक पेज मिलेगा। ‘आरंभ करना’ अनुभाग के अंतर्गत, ‘अपनी सामग्री सबमिट करना’ चुनें और फिर ‘Google न्यूज़’ पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करें।

दुनिया भर में बहुत से लोग प्रतिदिन Google के न्यूज़ अनुभाग में जाते हैं। यदि आप अपने ब्लॉग को वहां सूचीबद्ध करने का प्रबंधन करते हैं तो आप इस स्रोत से मुफ्त यातायात का आनंद लेना शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि आपके ब्लॉग में प्रासंगिक सामग्री है जो नियमित रूप से अपडेट की जाती है।

प्रेस विज्ञप्ति वितरण का उपयोग करके Google न्यूज़ में अपने व्यवसाय या ग्राहकों को कैसे प्राप्त करें

बहुत से लोग पूछते हैं कि वे अपने व्यवसाय समाचारों को Google न्यूज़ में कैसे सूचीबद्ध कर सकते हैं। कई लोगों के लिए यह आपके व्यवसाय से एक नए उत्पाद या सेवा की घोषणा करके आपकी वेबसाइट पर ट्रैफ़िक और हिट उत्पन्न करने का एक आकर्षक तरीका लगता है। प्रेस विज्ञप्ति वितरण आपकी सामग्री को सूचीबद्ध करने का एकमात्र तरीका है।

ऑनलाइन व्यवसाय के स्वामी Google न्यूज़ के उपयोग के प्रभावों और महत्व के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं, इतना अधिक कि कुछ कंपनियां पैकेज लिखने और वितरण पर सैकड़ों डॉलर खर्च करने को तैयार हैं

शुरुआत के लिए, आप केवल स्वयं Google को एक प्रेस विज्ञप्ति नहीं भेज सकते। लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं कि सिस्टम कैसे काम करता है। मूल रूप से Google न्यूज़ कई हज़ार तृतीय पक्ष न्यूज़ स्रोतों द्वारा कार्य करता है। स्रोत बनने की अनुमति देने से पहले इन साइटों का पूरी तरह से निरीक्षण किया जाता है।

इसलिए आपको एक ऐसी वेबसाइट या सेवा चुननी होगी जो आपकी सामग्री को Google न्यूज़ पर भेजने की क्षमता रखती हो। एक बार जब यह साइट अनुमोदन प्रक्रिया पास कर लेता है तो सामग्री मिनटों में अनुक्रमित हो जाएगी।

अगला कदम यह सुनिश्चित करना है कि आपकी प्रेस विज्ञप्ति या न्यूज़ को आधिकारिक वितरण वेबसाइट द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। सुनिश्चित करें कि आप एक न्यूज़ योग्य कहानी लिखते हैं। इसे एक स्पष्ट प्रचार टुकड़ा न बनाएं। विशिष्ट समाचारों के बारे में तथ्य शामिल करें। यह भी सुनिश्चित करें कि इसे कहीं और ऑनलाइन प्रकाशित नहीं किया गया है क्योंकि यह Google न्यूज़ में प्रवेश नहीं करेगा। जरूरी नहीं कि यह हजारों शब्द लंबा हो। सब कुछ उस सामग्री में निहित है जिस पर आप ध्यान केंद्रित करते हैं और कुशलता से लिखते हैं।

एक बार जब यह Google न्यूज़ में सूचीबद्ध हो जाता है तो आपको निम्नलिखित प्रभाव दिखाई देंगे:

  • यातायात में संभावित उछाल
  • खोज इंजन के साथ बेहतर अधिकार देने वाली आपकी वेबसाइटों के लिए नए बैकलिंक
  • मिनटों के भीतर Google खोज में अनुक्रमित
  • संबंधित कीवर्ड के लिए Google अलर्ट प्राप्त करने के लिए सेट किए गए लोगों को प्रेस विज्ञप्ति भेजी गई
  • दुनिया भर में एक्सपोजर

प्रेस विज्ञप्ति वितरण का महत्व आपके विचारों को सबसे अच्छी फर्म चुनने के लिए भटक सकता है और इसलिए यह स्वाभाविक है कि आप सबसे महंगे विकल्प के बारे में सोचेंगे। क्या आपको लगता है कि यदि आप यही कदम उठाते हैं तो आपको सबसे अच्छी सेवा मिलेगी? क्या इस पर कोई गारंटी है? हां, यह बिल्कुल सच है कि उचित और पेशेवर दृष्टिकोण से आप अपने व्यवसाय को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। साथ ही, बुद्धिमानी से चयन करना महत्वपूर्ण है, ताकि आपको सही और सही सेवा प्रदाता सस्ती दरों पर मिल सके, जो आपको आपकी अपेक्षाओं से अधिक परिणाम देगा।

आपको अपनी वेबसाइट को Google न्यूज़ में प्रदर्शित करने की आवश्यकता क्यों है

Google न्यूज़ Google यूनिवर्सल सर्च का एक तत्व है। यूनिवर्सल सर्च एसेंशियल कई अलग-अलग प्रकार के परिणामों के समामेलन को संदर्भित करता है उदा। वीडियो, न्यूज़, स्थान लिस्टिंग और उत्पादों को Google खोज इंजन परिणाम पृष्ठ (SERPs) में। 2007 से SERPs में यूनिवर्सल सर्च काम कर रहा है और तब से वेबमास्टर लगातार रणनीतियों को लागू करने के लिए अधिक से अधिक नवीन तरीकों की तलाश में हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक बॉक्स सार्वभौमिक परिणामों में वृद्धि होगी।

इन परिणामों को प्रदर्शित करने का मुख्य लाभ यह है कि, उदाहरण के लिए, SERPs में प्रदर्शित होने वाले न्यूज़ आइटम को केवल Google न्यूज़ में प्रदर्शित होने वाले न्यूज़ आइटम की तुलना में कहीं अधिक क्लिकथ्रू दर प्राप्त होगी।

Google न्यूज़ अनुपालन प्राप्त करना अक्सर एक चुनौती हो सकता है, विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए जिनका ध्यान मुख्य रूप से छोटे व्यवसाय SEO पर केंद्रित है। फिर भी, Google न्यूज़ में प्रदर्शित होने से होने वाले लाभ बहुत अधिक हैं – अपने उद्योग के कुछ सबसे बड़े सामान्य शब्दों के परिणामों के पहले पृष्ठ पर प्रदर्शित होने की कल्पना करें और आपको विचार मिल जाएगा। जबकि Google न्यूज़ ट्रैफ़िक के मानक ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक की तुलना में बिक्री में परिवर्तित होने की संभावना बहुत कम है, फिर भी यह आपकी साइट के लिए अधिक लिंक और दृश्यता प्राप्त करने के मामले में एक ठोस लाभ प्रदान कर सकता है।

Google न्यूज़ में आने के लिए आपको जिन मुख्य चीज़ों की आवश्यकता है, उनमें से एक है आपकी न्यूज़ सामग्री के URL में तीन अंकों का URL प्रदर्शित करना। फीचर करने के लिए आपके पास लगभग 3 महीने की सामग्री के बैकलॉग के क्षेत्र में होना चाहिए, यानी शामिल करने के लिए अनुरोध सबमिट करने से पहले आपको 3 महीने के लिए अपनी साइट पर सामग्री जोड़ने की आवश्यकता है।

Google यह भी अनुरोध करता है कि आप अपनी साइट पर “लेखकों से मिलें” पृष्ठ जोड़ें और आपकी वेबसाइट पर नई सामग्री का योगदान करने वाले कम से कम तीन लोग होने चाहिए। राय का उपयोग करने से बचने के लिए न्यूज़ सामग्री बनाते समय यह महत्वपूर्ण है – आपको केवल घटनाओं की रिपोर्ट ही करनी चाहिए और अपनी वेबसाइट के न्यूज़ अनुभाग के माध्यम से किसी भी आत्म प्रचार से बचना चाहिए। न्यूज़ आपकी वेबसाइट के समग्र विषय के लिए भी व्यापक रूप से प्रासंगिक होना चाहिए और आपको शामिल करने के लिए विचार किए जाने के लिए प्रत्येक दिन कम से कम दो न्यूज़ आइटम या प्रति माह 40 न्यूज़ आइटम प्रकाशित करना चाहिए।

Google News Kya Hota Hai In Hindi | Best Information

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Google News Kya Hota Hai in Hindi | आपकी सामग्री को गूगल न्यूज़ पर इंडेक्स करने के लिए टॉप 10 वेबसाइट डिज़ाइन आयडिया  | Get Your Content Listed On Google News
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Google News Kya Hota Hai – आज इंटरनेट पर ढेरों वेबसाइटें हैं, सभी विभिन्न प्रकार की सामग्री पेश करती हैं जिसका उद्देश्य ट्राफिक को आकर्षित करना है। लेकिन अगर आप वास्तव में वेबसाइट डिजाइन विचार चाहते हैं जो आपकी साइट पर बहुत अधिक ट्रैफ़िक लाए, तो Google न्यूज़ में कीवर्ड खोज के लिए सूचीबद्ध होना सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

दुर्भाग्य से, लगभग किसी भी कीवर्ड के लिए Google न्यूज़ के शीर्ष पृष्ठों पर पहुंचना बहुत कठिन है। अधिकांश भाग के लिए, यह सभी बड़े खिलाड़ी हैं जो सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बड़ी कंपनियों के पास सर्वोत्तम एसईओ प्रथाओं और वेबसाइट डिजाइन विचारों पर खर्च करने के लिए डॉलर और जनशक्ति है। एक छोटे व्यवसाय के स्वामी के रूप में, आपके पास वही संसाधन नहीं हैं।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब खो गया है। अगर वे सही काम करते हैं तो Google छोटी साइटों पर ध्यान देता है। न्यूज़ लेखों की तलाश में वेब पर क्रॉल करते समय Google के स्पाइडर्स द्वारा विचार किए जाने वाले शीर्ष 10 कारक यहां दिए गए हैं।

1. प्राधिकरण Authority – Google सबसे पहले इस बात पर विचार करता है कि आपकी वेबसाइट को किसी विशेष श्रेणी के समाचारों के लिए एक प्राधिकरण के रूप में देखा जाता है या नहीं। इसलिए, उदाहरण के लिए, जब खेल से संबंधित विषयों की बात आती है, तो ईएसपीएन को आमतौर पर पहली बिलिंग मिलती है।

2. शीर्षक और पृष्ठ शीर्षक कीवर्ड Headline and Page Title Keywordsआपकी सामग्री के मुख्य भाग में खोजशब्दों का उपयोग करना पर्याप्त नहीं है; खोजशब्दों को आपके लेखों के शीर्षक और प्रत्येक पृष्ठ के शीर्षक दोनों में एक स्थान के साथ सामने और बीच में होना चाहिए।

3. डोमेन अथॉरिटी Domain Authorityयह वह जगह है जहां एक मजबूत एसईओ अभियान बहुत मदद करता है। Google बहुत से उच्च-रैंकिंग वाले इनबाउंड लिंक के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक और उल्लेख देखना चाहता है।

4. सोशल मीडिया अथॉरिटी Social Media AuthorityGoogle+, लिंक्डइन, ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइटों पर आपके लेख या ब्लॉग पोस्ट जितनी बार साझा किए जाते हैं, उनके पास उतना ही अधिक अधिकार होता है – और यही Google देखना पसंद करता है।

5. पहला प्रकाशक First PublisherGoogle आमतौर पर किसी विशेष विषय पर न्यूज़ के लिए खोज परिणाम पृष्ठ के शीर्ष पर एक कहानी को तोड़ने वाली पहली साइटों को दिखाता है।

6. प्रशस्ति पत्र रैंक Citation Rankसोशल मीडिया साझाकरण की तरह, Google यह देखना चाहता है कि अन्य उच्च-रैंकिंग साइटों ने आपकी सामग्री को अपनी सामग्री में उद्धृत किया है।

7. अद्वितीय सामग्री Unique ContentSEO और Google News रैंकिंग में सबसे बड़ी संख्या में से एक डुप्लिकेट सामग्री पोस्ट करना है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, अन्य स्रोतों को उद्धृत न करें बल्कि केवल पूरी तरह से मूल सामग्री पोस्ट करें।

8. उच्च क्लिक दर High Click Rateयदि Google न्यूज़ आपकी सामग्री को प्रदर्शित करता है और बहुत से उपयोगकर्ता उस पर क्लिक करते हैं, तो आप शर्त लगा सकते हैं कि आपकी वेबसाइट को अधिक बार प्रदर्शित किया जाएगा।

9. उच्च गुणवत्ता High Qualityइस वेबसाइट सुविधा पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता है; आपको अच्छी, सूचनात्मक, मनोरंजक, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री पोस्ट करनी चाहिए। Google न्यूज़ के मामले में, वास्तव में ऐसे लोग हैं जो आपकी सामग्री का मूल्यांकन करते हैं और गुणवत्ता के मामले में इसे रैंक करते हैं।

10. गूगल न्यूज़ एक्सएमएल साइटमैप Google News XML SitemapsGoogle के वेबमास्टर सहायता पृष्ठ के अनुसार, “सुनिश्चित करें कि आपकी साइट Google न्यूज़ में शामिल है। यदि ऐसा नहीं है, तो आप समावेश का अनुरोध करने के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं। एक न्यूज़ साइटमैप अतिरिक्त न्यूज़-विशिष्ट टैग के साथ साइटमैप प्रोटोकॉल का उपयोग करता है।” यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि इसे कैसे सेट अप किया जाए, तो सहायता के लिए अपने वेबमास्टर से संपर्क करें।

यह पसंद है या नहीं, जब आपकी साइट पर ट्रैफ़िक प्राप्त करने की बात आती है तो Google नियम बनाता है। अपने खोजशब्दों के लिए Google न्यूज़ खोज परिणामों में शामिल होने के सर्वोत्तम अवसर के लिए इन 10 वेबसाइट डिज़ाइन विचारों का उपयोग करें।

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Google News Kya Hota Hai in Hindi | आपकी सामग्री को गूगल न्यूज़ पर इंडेक्स करने के लिए टॉप 10 वेबसाइट डिज़ाइन आयडिया  | Get Your Content Listed On Google News

वेबसाइट डिजाइन – विचार और सुझाव | Website Design – Ideas and Tips

वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से अंतिम उपयोगकर्ता के लिए सामग्री की प्रस्तुति उत्पन्न करने की क्षमता को वेबसाइट डिजाइन के रूप में जाना जाता है। वेबसाइट डिजाइन का मुख्य उद्देश्य वेबसाइट बनाना और सामग्री को इंटरैक्टिव और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है। वेबसाइट को उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी और आकर्षक बनाने के लिए टेक्स्ट, इमेज और अन्य जैसी विभिन्न विशेषताएं एम्बेड की गई हैं। सर्वश्रेष्ठ वेब डिज़ाइन विचार आपको सभी सूचनाओं और सुविधाओं के साथ एक वेबसाइट बनाने में मदद करेंगे।

कुछ वेबसाइट डिजाइन विचार – वेबसाइट डिजाइन के बारे में विभिन्न विचार एक अद्भुत साइट बनाने में मदद करेंगे। कुछ दिलचस्प विचार जिनका उपयोग किया जा सकता है वे इस प्रकार हैं:

छवियों को स्वैप करें: स्वैप छवियां बहुत ही इंटरैक्टिव और दिलचस्प हैं और डिजाइन करने में बहुत मजेदार हैं।

रोलओवर छवियां: ये छवियां डिज़ाइन में थोड़ा सा वर्ग जोड़ती हैं। वे वेब डिजाइनरों के बीच पसंदीदा हैं।

DHTML: जटिल नेविगेशन सिस्टम और सब-मेनू के लिए DHTML बहुत उपयोगी है। यह साइटों को एक सरल और साफ-सुथरा रूप देता है।

फ्लैश: कुछ महत्वपूर्ण पेजों में छोटे फ्लैश एनिमेशन डालने या फ्लैश के साथ परिचय देने से आपकी वेबसाइट हमेशा आकर्षक दिखेगी।

आंख को पकड़ने वाले ग्राफिक्स: अपनी वेब साइट को अन्य साइटों से अलग बनाने के लिए, ग्राफिक्स बहुत महत्वपूर्ण हैं।

तालिकाओं का रचनात्मक रूप से उपयोग करें: वेब साइटों को इंटरैक्टिव और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए स्मार्ट तालिकाओं की सिफारिश की जाती है।

बिजनेस वेबसाइट डिजाइन बड़ी मेहनत से और विभिन्न बातों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। उपयोगी टिप्स एक प्रभावी वेबसाइट बनाने में मदद करेंगे। वेब डिजाइनरों द्वारा तेजी से लोड होने वाली वेब साइट डिजाइनों को चुना जाना चाहिए। आपकी साइट के माध्यम से स्पष्ट नेविगेशन उपलब्ध होना चाहिए। सभी प्रकार के प्रस्तावों के लिए वेब साइटों को डिजाइन करने की सलाह दी जाती है।

ऐसी वेब साइट बनाएं जो ब्राउज़र-संगत हों और सभी ब्राउज़रों पर अच्छी दिखें। वेबसाइटों के लिए पेशेवर फोंट और रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए अन्यथा आगंतुक साइट से बाहर क्लिक कर सकते हैं। वेब पेज को अनावश्यक छवियों और ग्राफिक्स के साथ अव्यवस्थित न करें। साइट पर बड़ी छवियों का उपयोग करने से बचें।

साइट को सरल रखें और बहुत सारी सफेद जगह छोड़ दें, जो साइट को एक साफ-सुथरा रूप देता है। साइट को अपलोड करने से पहले, हमेशा टूटे हुए लिंक की जांच करें। वर्डप्रेस थीम वेब डिज़ाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रोमांचक थीम उस साइट को एक नज़र देती हैं जो बड़े ट्रैफ़िक में आकर्षित करती है।

Google News में अपनी स्टोरी कैसे दिखाएं

इससे पहले कि हम इस बारे में बात करें कि Google न्यूज़ में अपने व्यवसाय की कहानी को कैसे लाया जाए, हमें इस बारे में बात करनी चाहिए कि ऐसा क्यों है। जाहिर है, आप अपने व्यापार की कहानी को खबरों में रखना चाहते हैं।

लेकिन विशेष रूप से Google न्यूज़ क्यों? – ठीक है, सबसे पहले, यदि आपका व्यवसाय ऑर्गेनिक Google वेब खोज या यहां तक ​​कि Google खरीदारी में अपना प्रदर्शन बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, तो कुछ और सरल कदम बढ़ा सकते हैं कि आपको कितना प्रचार मिलेगा, ऐसे क्षेत्र में जहां आपके प्रतियोगी आसानी से नहीं कर सकते आपका  पीछा। चूंकि आप पहले से ही लिखित लेख बना रहे हैं, इसलिए आपको उनसे एक से अधिक लाभ भी मिल सकते हैं। आप एक बार बना सकते हैं, और कई तरीकों से लाभ कमा सकते हैं।

Google न्यूज़ विज़िटर का एक विश्वसनीय, दोहराने योग्य स्रोत है, और वे आमतौर पर तेज़ी से पहुंचेंगे, जबकि आप Google ऑर्गेनिक खोज परिणामों जैसी चीज़ों के आने का इंतज़ार करते हैं। दूसरा, न्यूज़ पढ़ना उन प्रमुख कारणों में से एक है जिसके कारण लोग प्रतिदिन इंटरनेट पर लॉग इन करते हैं। प्यू इंटरनेट रिसर्च के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक आयु के 85% अमेरिकी वेब का उपयोग करते हैं। उन वेब यूजर्स में से 78 फीसदी यहां न्यूज पढ़ने पहुंचे हैं। हम अखबार पढ़ते थे। अब हम न्यूज़ वेबसाइटों, ट्विटर या फेसबुक पर मिलने वाली सुर्खियों को स्कैन करते हैं, और उद्योग समाचारों के लिए ईमेल के माध्यम से सदस्यता लेते हैं।

चूंकि अधिकांश लोगों के ऑनलाइन आने का मुख्य कारण Google जैसे खोज इंजनों का उपयोग करना है, आप केवल Google ऑर्गेनिक खोज को लक्षित करने और इसके साथ किए जाने के लिए लुभा सकते हैं। हालांकि, इस पर विचार करें: यदि आप अपने संदेश पर अधिक ग्राहकों की नज़र रखने के लिए स्थान ढूंढ सकते हैं – आमतौर पर आपकी वांछित कीवर्ड रैंकिंग से बहुत तेज़ – तो क्या अतिरिक्त बिक्री और लीड आपके समय के लायक नहीं होंगे?

आपकी व्यावसायिक कहानी Google न्यूज़ परिणामों में कैसे समाप्त होती है?तीन बेहतरीन तरीके हैं। पहला तरीका है, 50,000 प्रकाशकों में से किसी एक को प्रेस विज्ञप्ति स्वीकार करना, 6 अरब मासिक क्लिक साझा करना, जिसे Google न्यूज़ विशेष रूप से उनके लिए आरक्षित रखता है। (इसमें अतिरिक्त ऑर्गेनिक खोज ट्रैफ़िक शामिल नहीं है।)

एक छोटे से शुल्क के लिए, कई प्रेस विज्ञप्ति वितरण सेवाएं हैं जो आपके लिए हर बार $10 से $500 तक कहीं भी ऐसा करेंगी। आप अक्सर छोटे प्रकाशन भी पा सकते हैं जो निःशुल्क या कम लागत वाली प्रेस विज्ञप्तियां स्वीकार करते हैं। यदि आप इसे हर दिन करना चाहते हैं, तो यह काफी पैसा जोड़ सकता है। हालांकि, बाजार का परीक्षण करने और सप्ताह में एक बार दोहराने के लिए यह एक बुरी तकनीक नहीं है।

एक आसान, तेज़ तरीका है – Google न्यूज़ में प्रकाशित होने का मेरा पसंदीदा तरीका यह है कि मेरे लेख को एक ऐसे प्रकाशन द्वारा स्वीकार किया जाए जो पहले से Google न्यूज़ में है। उन्हें आमतौर पर Google न्यूज़ प्रकाशक के रूप में जाना जाता है। आपको एक प्रमुख प्रकाशन में एक बायलाइन के साथ प्रकाशित होने के लाभों को समझने के लिए मार्केटिंग प्रतिभा होने की आवश्यकता नहीं है, जो आपकी साइट पर वापस इंगित करती है, बनाम उसी स्तर को प्राप्त करने के लिए आपको विज्ञापन में कितनी धनराशि खर्च करनी होगी संसर्ग।

इस तरह से Google न्यूज़ में प्रवेश करना थोड़ा अधिक कठिन है क्योंकि प्रकाशित होने के लिए आपको किसी संपादकीय कर्मचारी द्वारा अनुमोदित होने की आवश्यकता हो सकती है। वे प्रकाशन आपके लेख या मूल सामग्री के लिए पहली बार अनन्य अधिकार मांग सकते हैं। यदि आप लेखक नहीं हैं, या मूल सामग्री लिखने के लिए किसी को पूर्णकालिक रूप से नियोजित नहीं कर रहे हैं, तो यह एक बाधा हो सकती है।

स्वीकृति की भी गारंटी नहीं है। आप इसे एक नुकसान के रूप में देख सकते हैं, या इस तथ्य को स्वीकार कर सकते हैं कि यह प्रतियोगियों के लिए आपकी मार्केटिंग की नकल करना और आपकी गड़गड़ाहट को चुराना कठिन बना देगा। आप सोच रहे होंगे “लेकिन कौन मेरी टाइमशैयर कंपनी या पालतू फर्नीचर निर्माता के बारे में एक कहानी पढ़ना चाहता है।”

और आप सही होंगे – वे नहीं –  इस पद्धति के लिए आपके लिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि आप अपनी साइट पर जिन लोगों को पढ़ना चाहते हैं, वे आपके उत्पाद या सेवा से संबंधित क्षेत्र में उनके लिए क्या पढ़ना और लिखना चाहते हैं।

यह किसी भी उद्योग के लिए काम कर सकता है – Google न्यूज़ प्रकाशक साइटें व्यावसायिक यात्रा से लेकर पालतू पशुओं के स्वास्थ्य तक हर चीज़ पर ध्यान केंद्रित करती हैं। और यदि आपका आला इतना छोटा है कि आप इसे ठीक नहीं कर सकते हैं, तो ऐसे कई प्रकाशन हैं जो आपके स्थानीय क्षेत्र के बारे में प्रकाशित कर रहे हैं। इसे दूर करने के लिए, आप बस अपनी कहानी को स्थानीयकृत करेंगे – याद रखें, ये लेख अभी भी वेब या न्यूज़ खोजों में आपके कीवर्ड के साथ आ सकते हैं।

इसे विफल करना, एक तीसरी विधि है – इसमें कई प्रयास लग सकते हैं और काफी पैसा खर्च हो सकता है। लेकिन Google न्यूज़ में एक तीसरा तरीका है, जो यदि आप सफल होते हैं, तो आने वाले वर्षों के लिए आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। बस स्वयं एक न्यूज़ साइट बनाएं, और इसे Google न्यूज़ में स्वीकार करें।

ब्रांड पत्रकारिता एक बढ़ती प्रवृत्ति है। क्यों न चलन से आगे निकल जाएं और न्यूज़ न बनें, बल्कि खुद मीडिया बनें?यदि यह आपको आश्वस्त नहीं करता है, तो Google न्यूज़ प्रकाशकों के लिए अलग रखे गए 6 बिलियन+ क्लिकों के एक हिस्से के बारे में क्या? प्रत्येक साइट को शायद समान एक्सपोजर नहीं मिलता है। लेकिन यदि आप अन्य सभी मानदंडों को पूरा करते हैं तो एक महीने में 50,000 से 150,000 अतिरिक्त आगंतुकों की संभावना प्रयास करने के लिए पर्याप्त है।

Google न्यूज़ प्रकाशक दिशानिर्देश सख्त हैं और साइटों को अक्सर अस्वीकार कर दिया जाता है, जो इसे लंबी अवधि के लिए एक योजना बनाता है। इसलिए अपने व्यवसाय के लिए नंबर चलाएं और देखें कि क्या रिटर्न इसके लायक होगा। इस बीच, अन्य तरीकों का प्रयास करें। वे Google के न्यूज़ डेटाबेस में आने में आपकी सहायता कर सकते हैं, अक्सर आपकी अपनी साइट के खोज इंजन अनुकूलन से परिणाम प्राप्त करने की तुलना में तेज़ी से। यहां तक ​​कि उन परिस्थितियों में जहां जोखिम और खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है, वैसे ही पुरस्कार और लाभ की संभावनाएं हैं।

अपने ब्लॉग को Google न्यूज़ के लिए तैयार करने के लिए टिप्स

पारंपरिक न्यूज़ पत्र 2008 से घट रहे हैं और उनका रूढ़िवादी अनुमान है कि “सभी इंटरनेट यात्राओं का लगभग 5% ऑनलाइन न्यूज़ पढ़ने से संबंधित हैं। ” चाहे आप अपने ब्लॉग को Google न्यूज़ द्वारा उठाए जाने का इरादा रखते हों या आप किसी न्यूज़ सेवा द्वारा उठाए जाने के लाभों को महसूस कर रहे हों, आप यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आपका ब्लॉग प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।

सबसे पहले, यदि आप Google न्यूज़ पर नहीं गए हैं, तो यह एक्सप्लोर करने का समय है। आपको पारंपरिक न्यूज़ स्रोतों जैसे सीबीएस, बीबीसी, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, यूएसए टुडे और अन्य न्यूज़ स्रोतों के लेख मिलेंगे। Google बाहर जाकर न्यूज़ पत्र नहीं खरीदता है, और फिर वेब के लिए लेखों को क्लिप और स्कैन नहीं करता है। सभी न्यूज़ स्रोतों में एक आरएसएस फ़ीड (एक ब्लॉगिंग मूल) होता है ताकि जब कोई न्यूज़ लेख उनकी वेबसाइट पर पोस्ट किया जाता है तो फ़ीड को Google न्यूज़ द्वारा उठाया जाता है।

आरएसएस फ़ीड Google को न्यूज़ लेख प्राप्त करने के मूल में है, जिसका अर्थ है कि आपके ब्लॉग में बड़े लोगों के रूप में Google न्यूज़ द्वारा उठाए जाने की समान क्षमता है! यह सही है – आपको Google न्यूज़ में न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ पेरेज़ हिल्टन का सेलिब्रिटी गपशप ब्लॉग मिलेगा।

Google न्यूज़ में आना केवल भाग्य या संयोग नहीं है: ब्लॉग और वेबसाइटों को सबमिट करना होगा। एक सफल सबमिशन की संभावना को बढ़ाने के लिए, आपका ब्लॉग न्यूज़ योग्य होना चाहिए और उसे स्वयं या आपके उत्पादों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। इन 4 युक्तियों का पालन करें ताकि आपका ब्लॉग Google न्यूज़ पर सबमिट करने के लिए तैयार हो जाए।

1. अपने लेखन स्टाफ की पहचान करें – यह शायद बहुत आसान है अगर आपके पास पहले से हमारे बारे में एक पेज है। सुनिश्चित करें कि पृष्ठ को “हमारे बारे में”, या “स्टाफ”, “लेखक”, या “लेखक” जैसी अन्य विविधताएं कहा जाता है। यहीं पर आप अपने ब्लॉग के लेखक को नाम और क्रेडेंशियल के आधार पर पहचानते हैं। यदि आप एक ब्लॉग को संपादित करते हैं जो कई लेखकों से सबमिशन स्वीकार करता है, तो आप लेखकों को सूचीबद्ध कर सकते हैं या केवल यह नोट कर सकते हैं कि आपके पास कई ब्लॉग योगदानकर्ता हैं।

2. एक संपर्क पृष्ठ रखें- यदि आप न्यूज़ में आने और गुमनाम रहने की अपेक्षा करते हैं, तो आपको Google न्यूज़ को छोड़ना होगा। आपको अपने सामने के दरवाजे पर Google को एक रोड मैप देने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आपको एक शहर और राज्य का स्थान दिखाना होगा। मैं ब्लॉगर बनने की सलाह देता हूं कि वे अपने व्यवसाय के किसी अन्य हिस्से की तरह एक ब्लॉग का इलाज करें, अगर आपको गोपनीयता की चिंता है, तो एक पीओ किराए पर लें। डिब्बा।

3. किसी न्यूज़ श्रेणी को नाम दें – जब आप अपना ब्लॉग Google न्यूज़ पर सबमिट करते हैं, तो आपसे उस वेब पते के लिए कहा जाएगा जहां आपकी न्यूज़ कहानियां प्रकाशित की जाती हैं। आप शायद इस श्रेणी में अपने सभी ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित नहीं करेंगे, लेकिन आगे बढ़ें और एक श्रेणी को “न्यूज़” नाम दें। ईवेंट घोषणाओं, वेबिनार विवरण और प्रेस विज्ञप्तियों को प्रकाशित करने के लिए यह एक आदर्श श्रेणी होगी। यदि आपने पहले ही अपने ब्लॉग पर पोस्ट करना शुरू कर दिया है, तो अपनी पोस्ट खोजें जो “न्यूज़” के रूप में योग्य हों और ब्लॉग को Google न्यूज़ में सबमिट करने से पहले उन्हें इस नई श्रेणी में ले जाएं।

4. साइट का मैप न भूलें- अंतिम, लेकिन निश्चित रूप से कम से कम, Google साइट मानचित्र नहीं है। Google वेब संरचना के बारे में है और यह आपकी वेबसाइट की संरचना के आसपास अपना रास्ता निकालने के लिए XML साइट मानचित्रों को पसंद करता है। यदि आप WordPress, Joomla, या Drupal जैसे ब्लॉगिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं, तो साइटमैप बनाने और अपडेट करने के लिए प्लगइन्स उपलब्ध हैं।

व्यवहार में इन युक्तियों के साथ, आप Google न्यूज़ में प्रदर्शित होने और नए ब्लॉग पाठकों के अपने हिस्से को प्राप्त करने की राह पर होंगे!

Google न्यूज़ और Yahoo न्यूज़ में अपना ब्लॉग कैसे प्राप्त करें

Google न्यूज़ और Yahoo न्यूज़ ऑनलाइन सबसे बड़े स्वचालित न्यूज़ समूहक हैं। दुनिया भर में लाखों न्यूज़ के दीवाने इन न्यूज़ स्रोतों को दैनिक आधार पर पढ़ते हैं। यदि आप अपने ब्लॉग के लिए बड़ा प्रदर्शन और प्रचार चाहते हैं, तो Google और Yahoo वह स्थान हैं जहाँ आप होना चाहते हैं।

आप अपने ब्लॉग पर भारी ट्रैफ़िक लाएंगे और साथ ही आप दुनिया भर के पाठकों से तुरंत लोकप्रियता हासिल करेंगे! बड़े पैमाने पर दर्शकों को अपनी विशेषज्ञता और विश्वसनीयता दिखाने का यह एक और शानदार तरीका है।

इससे पहले कि आप अपने ब्लॉग URL सबमिट कर सकें, Google और Yahoo दोनों खातों के लिए साइन अप करना सुनिश्चित करें (साइन-अप निःशुल्क हैं!)

Google न्यूज़ कैसे काम करता है

Google न्यूज़ साइटों को “क्रॉल” करता है और लेख एकत्र करता है। एल्गोरिदम/कुछ कारकों के आधार पर सुर्खियों को क्रॉल किया जाता है: कितनी बार और विशेष साइट जहां कहानी दिखाई देती है।

Google दुनिया भर में 5,500 से अधिक अंग्रेजी भाषा के न्यूज़ स्रोतों में टैप करता है। लेखों के चयन से जुड़े कोई मानव संपादक नहीं हैं। वे यह निर्धारित करने के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन न्यूज़ आउटलेट और ऑनलाइन प्रकाशकों पर भरोसा करते हैं कि किन कहानियों की प्रमुखता/प्रासंगिकता है। Google न्यूज़ में शीर्ष कहानियां और आठ खंड शामिल हैं: विश्व, राष्ट्र, व्यवसाय, विज्ञान/तकनीक, खेल, मनोरंजन, स्वास्थ्य और सर्वाधिक लोकप्रिय।

  1. वर्तमान में, Google न्यूज़ एकल लेख या RSS/Atom फ़ीड स्वीकार नहीं करता है।
  • ब्लॉग URL सबमिट करें – अपना URL सबमिट करने से पहले आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। Google यह निर्धारित करने के लिए आपके ब्लॉग की समीक्षा करता है कि यह समावेशन के लिए उपयुक्त है या नहीं। यदि आपका ब्लॉग स्वीकार कर लिया गया है या यदि उन्हें अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है तो वे आपको सूचित करेंगे। वे गारंटी नहीं दे सकते कि आपकी साइट को Google न्यूज़ में जोड़ दिया जाएगा
  • Google न्यूज़ सहायता विषय प्रकाशकों के लिए अधिक जानकारी और सुझाव प्रदान करता है।

Yahoo News कैसे काम करता है

याहू को हर दिन याहू न्यूज पर लाखों आगंतुक मिलते हैं। याहू न्यूज गूगल न्यूज की तरह ही काम करता है। शीर्ष कहानियों को चुनने वाले मानव संपादक नहीं हैं। मुख्य कहानियां (जो आपको Yahoo News के पहले पन्ने पर मिलती हैं) सामग्री भागीदारों द्वारा उत्पन्न की जाती हैं। याहू न्यूज इंडेक्सिंग के माध्यम से आंतरिक खोज कहानियां पाई जाती हैं।

  1. Yahoo News स्रोत फ़ॉर्म भरें – Yahoo आपसे कुछ प्रारंभिक प्रश्न भरने के लिए कहता है। आपको अपने ब्लॉग को “पिच” करने में भी सक्षम होना चाहिए। Yahoo आपसे पूछता है कि आप अपने ब्लॉग की अनुशंसा क्यों करते हैं इसलिए इसे अच्छा बनाएं!
  2. Yahoo न्यूज़ यह निर्धारित करेगा कि आपका ब्लॉग समावेशन के लिए उपयुक्त है या नहीं – यदि आपका ब्लॉग स्वीकार किया जाता है तो वे आपसे संपर्क करेंगे।

अपने ब्लॉग को कैसे स्वीकार करें

Google न्यूज़ और Yahoo न्यूज़ पर आवेदन करते समय प्रतिस्पर्धा कड़ी होती है, और कई ब्लॉग अस्वीकार कर दिए जाते हैं। हालांकि, अपने ब्लॉग बनाते/लिखते समय कुछ प्रकाशन युक्तियों को ध्यान में रखना चाहिए।

  1. मूल सामग्री – अद्वितीय सामग्री हर बार जीतती है! अपनी सामग्री को SEO के अनुकूल बनाना और प्रासंगिक कीवर्ड जोड़ना याद रखें। अपने ब्लॉग पर सामग्री की नकल न करें!
  2. एक से अधिक ब्लॉगर/लेखक – केवल एक लेखक की सामग्री से काम नहीं चलेगा – अतिथि ब्लॉगर्स/लेखकों को शामिल करें या किसी अन्य ब्लॉगर को आपसे जुड़ने के लिए कहें!
  3. प्रतिक्रिया समय – सर्वर प्रतिक्रिया समय (बॉट उन पृष्ठों की तलाश करते हैं जिन्हें वे जल्दी से अनुक्रमित कर सकते हैं और जो पाठकों के लिए जल्दी लोड हो जाते हैं)

यदि Google न्यूज़ आपके ब्लॉग को स्वीकार करता है, तो Google आपके ब्लॉग में साइटमैप जोड़ने का सुझाव देता है। Google वेबमास्टर टूल्स के लिए साइन अप करें और टूल सेक्शन के माध्यम से साइटमैप जोड़ें। वेब ट्रैफ़िक को बढ़ावा देने और स्पाइडर्स के लिए आपके ब्लॉग को कुशलतापूर्वक क्रॉल करने का यह सबसे आसान तरीका है।

Google News Kya Hai | गूगल न्यूज़ क्या है एवं उपयोग – Best Info

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गूगल न्यूज़ क्या है एवं कैसे काम करता है | Google News Kya Hai In Hindi | गूगल न्यूज़ क्या है एवं उपयोग | Google News Ke Feature

Google News Kya Hai – दरअसल, Google न्यूज़ जैसी सुविधाओं के साथ आजकल Google Inc. सूचना का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है। यह सुविधा उन अनगिनत वेबसाइटों के नवीनतम अपडेट का संकलन प्रदान करती है जो स्वचालित एकत्रीकरण एल्गोरिथम का उपयोग कर रही हैं। इसके अलावा, यह विविध भाषाओं वाले 40 से अधिक क्षेत्रों को कवर करता है।

इस सुविधा का उपयोग करते हुए न्यूज़ ब्राउज़ करते समय, आप पाएंगे कि पहले पृष्ठ पर 200 वर्णों का एक भाग है और लेखों का अगला भाग दिए गए लिंक पर देखा गया है। यह 30 दिनों की लंबाई में एक लेख रख सकता है और किसी भी वेबसाइट के लिए लेख के तहत एक नोटिस दिखाया जाता है जिसे सदस्यता की आवश्यकता होती है।

इस सेवा के कुछ IP पतों को ब्लैक सूची में डाल दिया गया है और अन्य देश इसे एक्सेस नहीं कर सकते हैं। यह कई कॉपीराइट मुद्दों के कारण है जो इस नई सुविधा के जारी होने पर Google का सामना करना पड़ा।

लेकिन इसकी कमियों के बीच, सेवा निरंतर प्रकाशित होने के समय और तारीख के आधार पर वर्गीकृत पाठक गुणवत्ता खोज प्रदान करती है। यहां तक ​​कि अपडेट को कस्टमाइज भी किया जा सकता है। पाठकों के अनुरोध पर ईमेल अलर्ट भी उपलब्ध कराए जाते हैं जो उन्हें उपलब्ध नवीनतम जानकारी प्रदान करते हैं। आप एक निश्चित श्रेणी को हटा सकते हैं और अपनी पसंद की किसी भी खबर में से चुन सकते हैं और उन्हें बनाए रख सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आरएसएस का उपयोग करता है, एक वेब फ़ीड जो सेवा द्वारा समर्थित है।

Google न्यूज़ ने एक अग्रिम खोज भी शुरू की जो आपको 200 वर्षों के ऐतिहासिक संग्रह के माध्यम से तस्वीरों, फिल्मों और वीडियोटेप से लेकर अपडेट और रिकॉर्ड खोजने की अनुमति देती है। एक टाइमलाइन एक्सेस भी दी गई है जो आपको विशिष्ट तिथियों या विशेष रूप से अवधियों पर लेख ब्राउज़ करने की अनुमति देती है। एक संग्रह आपको इसकी अनुक्रमित सामग्री का उपयोग करके स्कैन किए गए न्यूज़ पत्रों को देखने की अनुमति देता है।

यह भी कहा जाता है कि Google अपने नए लेख चयन के संदर्भ में मानवीय संपर्क का उपयोग नहीं करता है, क्योंकि यह अपने स्वयं के सॉफ़्टवेयर का उपयोग करता है जो कि कंपनी के बहुत सारे विवादों का सामना करने का एक कारण भी है।

हालाँकि Google को इस से निपटना है, फिर भी अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा इसका समर्थन किया जाता है क्योंकि जब आप न्यूज़ लेखों की खोज करते हैं तो आपको एक भरोसेमंद साइट खोजने की गारंटी दी जाती है जो संपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। आज, लोग Google न्यूज़ जैसे प्रदाताओं की सहायता से नवीनतम जानकारी तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इस तेज़-तर्रार समय में, लोग हमेशा अपनी ज़रूरत की चीज़ों को प्राप्त करने के तेज़ और आसान तरीके का अनुसरण करेंगे।

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Google News में आने की सरल टिप्स | Google News

प्रत्येक व्यवसायी खोज इंजन में अपनी रैंकिंग को बढ़ावा देने में सक्षम होना चाहता है, वे नए आगंतुकों को भी आकर्षित करना चाहते हैं और जो उनके पास हैं उन्हें वापस आना चाहते हैं, और सभी व्यापार मालिक और मार्केटर चाहते हैं कि आगंतुक अपनी साइट पर उन्हें एक के रूप में देखें। व्यवसाय के क्षेत्र में विशेषज्ञ और एक प्राधिकरण का आंकड़ा है कि वे किस क्षेत्र में हैं।

इसलिए, यदि आपके पास एक ऑनलाइन व्यवसाय है, तो आप और मैं जानते हैं कि ऊपर बताई गई चीजें वही हैं जो हर कोई अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए चाहता है और आपके लिए सबसे अच्छा तरीका है उपरोक्त सुविधाओं को पूरा करने के लिए Google न्यूज़ अनुक्रमणिका में प्राप्त करना है।

Google न्यूज़ क्या है और यह कैसे काम करता है?

हर चीज की तरह, कठिन न्यूज़ हर चीज से मिसाल कायम करते हैं और न्यूज़ वितरण के साथ यह अलग नहीं है। Google विभिन्न न्यूज़ साइटों के माध्यम से छाँटेगा और उन समाचारों को चुनेगा जो हर उद्योग में हाल की घटनाओं और घटनाओं के बारे में हैं। इसलिए, आपको इंटरनेट पर शीर्ष पर रहने के लिए, आपको प्रीमियम न्यूज़ एग्रीगेटर्स को सबमिट करना होगा।

आपकी सामग्री को विविधता, प्रासंगिकता, ताजगी और स्थान के आधार पर रैंक किया जाएगा। Google न्यूज़ में आने के लिए, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप उनके सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हैं क्योंकि जो न्यूज़ सबसे पहले या अंतिम प्रदर्शित होते हैं, उन्हें कंप्यूटर द्वारा चुना जाता है, न कि मनुष्यों द्वारा।

Google न्यूज़ में आने के लिए कुछ आसान टिप्स

आपको न्यूज़ साइट मानचित्र बनाने की आवश्यकता होगी ताकि Google बॉट आपकी साइट को कुशलता से खोज सके।

Google खोज इंजन पर आपको ठीक से रखने के लिए बॉट व्यवसाय के उस स्थान की खोज कर रहा होगा जिसमें आप हैं। यह शीर्षक, प्रकाशन का समय और सबसे महत्वपूर्ण कीवर्ड भी खोज रहा है। आपको अपनी साइट पर न्यूज़ जोड़ते समय नीचे सूचीबद्ध इन कुछ बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए, ताकि Google bot आपके न्यूज़ को आसानी से ढूंढ और समझ सके।

अपनी सामग्री जोड़ते समय, सुनिश्चित करें कि आप मेटाटैग जोड़ते हैं जो आपके द्वारा लिखी गई सामग्री के लिए विशिष्ट हैं। आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने लेख में अन्य स्रोतों को श्रेय देते हैं या आपको लेख को मूल के रूप में चिह्नित करना चाहिए, यदि यह आपका अपना काम है। हालांकि, कोशिश करें और अपनी खुद की सामग्री को अपनी साइट पर जोड़ें क्योंकि अगर आपने अन्य साइटों से सामग्री चुराई है तो Google आपको नहीं जोड़ेगा।

अपनी सामग्री बनाते समय सुनिश्चित करें कि यह खोज इंजन के अनुकूल है, ताकि आप आसानी से वेब पर मिल सकें और आपकी सामग्री एसईओ अनुकूल होने के लिए, इसे कीवर्ड समृद्ध होना चाहिए।

कोई भी व्यक्ति अपनी सामग्री को Google के न्यूज़ अनुभाग में सूचीबद्ध करवा सकता है; हालाँकि, यह जानना कि आपकी सफलता के लिए क्या करना है, बहुत महत्वपूर्ण है।

Google News में सबमिट करके विज़िटर प्राप्त करें

Google न्यूज़ नया SEO ट्रेंड है जो वेब पर व्यापक रूप से फैल रहा है। अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन के सामान्य ऑर्गेनिक संस्करण में सबमिट करने की तरह, आप अपनी वेबसाइट को Google न्यूज़ पर भी सबमिट कर सकते हैं। स्वीकृत होने के बाद, आपके ब्लॉग या लेख Google द्वारा आपकी सामग्री को पूरे वेब पर भेजकर सिंडिकेट कर दिए जाएंगे।

यह कितना अद्भुत है? इस तकनीक के साथ, आप संबंधित खोजशब्दों के साथ अन्य अनुक्रमित वेबसाइटों से तुरंत आगे बढ़ सकते हैं क्योंकि आप इसके बजाय न्यूज़ क्षेत्र में दिखाई देंगे। ज्यादातर चीजों की तरह, जब अच्छी चीजें होती हैं, तो लोग इसका दुरुपयोग करेंगे और इससे पहले कि आप इसे जानें, सभी को कुछ लोगों के दुरुपयोग की कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए यदि आप इसे अपने पसंदीदा सहबद्ध लिंक के साथ स्पैम करने का प्रयास करते हैं तो आपको स्वीकृति नहीं मिलेगी। यह याद रखना।

अवधारणा यह है कि Google न्यूज़ में सबमिशन “न्यूज़” होना चाहिए। कई नशेड़ी अपने सहबद्ध कार्यक्रम के बारे में समीक्षा पोस्ट करने का प्रयास करते हैं जो इसे बाकी सभी के लिए बर्बाद कर देता है। वास्तविक न्यूज़ पोस्ट करें और इससे पहले कि आप इसे जानें, आपकी वेबसाइट पूरे वेब पर जानकारी भेज देगी जो आपकी वेबसाइट पर हजारों लोगों को आकर्षित करेगी।

वेबसाइट सबमिट करने के लिए, आप यही करते हैं:

पहला चरण एक ऐसी वेबसाइट बनाएं जो पेशेवर और न्यूज़ से संबंधित हो। इस तरह के उद्यम के लिए वर्डप्रेस का उपयोग करना आम तौर पर एक अच्छा विचार है और एक टन अच्छी खबर से संबंधित थीम हैं जो उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। न्यूज़ से संबंधित प्रमुख श्रेणियां सेट करें और सुनिश्चित करें कि आपके पास कोई आउटगोइंग, बाहरी लिंक नहीं है।

“न्यूज़” सोचें और सुनिश्चित करें कि आपकी पोस्ट चित्रों और सभी के साथ न्यूज़ लेखों की तरह दिखें। कई महीनों के दौरान दिनांकित लगभग सौ या तो लेख प्राप्त करें।

दूसरा चरण – क्या आप Google को सबमिट करते हैं और आपकी वेबसाइट को स्वीकृति देने के लिए उनकी प्रतीक्षा करते हैं।

जब आपकी साइट स्वीकृत हो जाए, तो संबद्ध लिंक से दूर रहने का प्रयास करें, लेकिन बेझिझक इसे AdSense जैसे नेटवर्क से मुद्रीकृत करें। एक बार जब आप अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित कर लेते हैं, तो आप कुछ सीपीए ऑफ़र भी स्लाइड कर सकते हैं।

Google News और Google वीडियो का उपयोग करके ऑनलाइन मार्केटिंग

आप वीडियो का उपयोग करके आसानी से बहुत सारे दृश्य प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन ट्रैफ़िक को बिक्री में परिवर्तित करना बहुत कठिन है। मैंने वह कीवर्ड वाक्यांश लिया जिसने एक संबद्ध प्रोग्राम के लिए सबसे अच्छा रूपांतरित किया और मैंने एक वीडियो बनाया, इसे अनुकूलित किया, और इसे अपलोड किया। यह छोटा था और उत्पाद के लिए उत्कृष्ट उपयोग दिखाता था।

उत्पाद की खोज करते समय, मेरी सहबद्ध साइट व्यापारी से सीधे पीछे रैंक करती है और मेरा वीडियो रैंक करता है। रूपांतरण लगभग तीन गुना ऊपर हैं। मैंने जो किया उसके आधार पर, नीचे की रेखा किसी भी खोजशब्द वाक्यांश के लिए वीडियो को अनुकूलित कर रही है जो यह सुनिश्चित करने के लिए खोज के माध्यम से सर्वोत्तम रूप से परिवर्तित होती है कि उस विशेष क्वेरी में टाइप करने वाले लोग सबसे योग्य खरीदार होंगे। सुनने में काफी आसान लगता है, लेकिन सिर्फ सर्च करने से काम नहीं चल रहा था।

मैंने अपनी वीडियो फ़ाइल के लिए आपके शब्दों के बीच डैश का उपयोग करके एक वर्णनात्मक, कीवर्ड-समृद्ध फ़ाइल नाम का उपयोग किया है। मैंने आपका बहुत समय अपने शीर्षक टैग पर बिताया, जैसा कि मैं अपने वेब पृष्ठों के साथ करता हूं, और विवरण टैग ने शीर्षक का पूरी तरह से समर्थन किया। अनिवार्य रूप से, मैंने वीडियो पेज को अनुकूलित किया जैसा कि मैं हर दूसरे पेज पर करूंगा। फिर मैंने इसे Google वीडियो और YouTube पर सबमिट कर दिया।

यदि आप अपने व्यवसाय या अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयास में वीडियो का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वीडियो के आरंभ और अंत में आपका लोगो और/या आपकी वेबसाइट का URL स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

चूंकि विज़िटर को स्वचालित रूप से किसी URL पर धकेलने का कोई तरीका नहीं है जैसे Camtasia करता है, आपको “ब्रांडिंग” पर भरोसा करना होगा। यदि आपके पास ऐसा सॉफ़्टवेयर है जो आपके लोगो, URL, या स्वामित्व को अलग करने के लिए कुछ “वॉटरमार्क” कर सकता है, तो मैं इसका उपयोग करने की सलाह देता हूं। मैंने ऐसा किए बिना संबद्ध उत्पादों और कार्यक्रमों के लिए कुछ वीडियो रिकॉर्ड करने की गलती की, और वे अब प्रतिस्पर्धी संबद्ध साइटों पर होस्ट किए गए हैं।

यदि आप अपने वीडियो को ब्रांडेड रखते हैं, तो आप एक प्राधिकरण बन सकते हैं और अपने रूपांतरण को बढ़ाने में मदद करने के लिए वीडियो के साथ बहुत कुछ कर सकते हैं। एक उत्पाद पर दो मिनट का वीडियो करते थे, जहां अंत में, मैंने उल्लेख किया कि क्या वे उत्पाद की सर्वोत्तम विशेषता देखना शुरू करना चाहते हैं, उन्हें स्क्रीन पर वेबसाइट पर जाना चाहिए और पूर्ण वीडियो को मुफ्त में देखने के लिए साइनअप करना चाहिए।

इस तरह, मैं एक बड़ा नाम कैप्चर करने में सक्षम था। अनुवर्ती के परिणामस्वरूप 6.3% का रूपांतरण हुआ। कुंजी यह है कि वीडियो के अंत में “कॉल टू एक्शन” हो और उन्हें आपकी साइट पर आने और अधिक प्राप्त करने का एक कारण प्रदान करें।

मैं अभी भी मुफ्त में वीडियो की पेशकश कर रहा था (आगंतुक के पक्ष में मुफ्त लाइन को आगे बढ़ा रहा था), लेकिन मैं भविष्य के अनुवर्ती के लिए एक नाम निचोड़ पृष्ठ का भी उपयोग कर रहा था। प्रक्रिया अच्छी थी क्योंकि इससे बहुत अच्छा रूपांतरण अनुपात हुआ। प्राप्त प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि वीडियो के “पूर्ण संस्करण” में प्रस्तुत जानकारी उत्कृष्ट थी और वे उत्पाद को उसी समय और वहीं चाहते थे। बेशक, पूर्ण संस्करण ने मुझे वीडियो समाप्त होने के बाद उन्हें ऑर्डर पेज पर धकेलने की अनुमति दी।

मेरी राय में, ट्यूटोरियल या शिक्षण उद्योग व्यापक रूप से खुला है। बहुत कम अच्छी कंपनियां अपने ग्राहकों को यह सिखाने के लिए समय लेती हैं कि अपने उत्पाद का सर्वोत्तम उपयोग कैसे करें। अपने उत्पाद द्वारा किए जा सकने वाले कार्यों पर “कैसे करें” या “ट्यूटोरियल” वीडियो बनाएं। एक साधारण कैमकॉर्डर, सही ज्ञान और वेब से जुड़ाव के साथ, आप बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं और अपने क्षेत्र में रहने वाले विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जा सकते हैं।

साथ ही, जैसा कि आप वीडियो से “पूर्ण संस्करण” की मेजबानी कर रहे हैं, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आप कितने लिंक प्राप्त कर सकते हैं? इससे बाजार में आपकी पकड़ मजबूत हो सकती है। मैं जिस वीडियो की पेशकश कर रहा था, उसके पूरे संस्करण को लॉन्च होने के 10 दिन बाद ही 700 से अधिक वन-वे लिंक प्राप्त हुए। यह संख्या जारी होने के महीनों बाद भी बढ़ती जा रही है।

गूगल न्यूज़ Google News होता क्या और क्यों उपयोगी है

Google न्यूज़ एक ऐसा तरीका है जिससे आप जानकारी का एक विश्वसनीय स्रोत बन सकते हैं। यह हर दिन आपके पास आएगा, सामग्री को परिमार्जन करेगा और उस श्रेणी के पहले पन्ने पर पोस्ट करेगा जिसे आप लक्षित कर रहे हैं। जबकि आप अपनी प्रेस विज्ञप्तियों को “न्यूज़” और बाद में अनुक्रमण के रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं, यह उस तक पहुंचने का आलसी तरीका हो सकता है। ऐसे बहुत से स्पैमर हैं जो इस दृष्टिकोण को अपनाते हैं, जिससे सिस्टम में “क्लॉगिंग” हो जाता है। अपनी साइट को ज्ञात करें, विशेषज्ञ बनें और वास्तविक न्यूज़ प्रदान करें, न कि केवल पुन: उत्पन्न जानकारी।

अपने आप को जनता से अलग करें और Google संपादक ध्यान देंगे। Google केवल बहु-लेखक साइटों को स्वीकार करता है, और समावेशन संभव होने से पहले उनकी URL संरचना पर आवश्यकताएं होती हैं। फ़ाइल पथ में प्रत्येक URL की एक अद्वितीय संख्या (तीन अंक या अधिक) होनी चाहिए।

Top 100 FAQ VB.Net Programming Part-2

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Top 100 FAQ विजुअल बेसिक डॉट नेट | FAQ VB.Net | Top 100 FAQ VB.Net Programming
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Top 100 FAQ VB.Net Programming | Top 100 Question & Answers VB.Net

Top 100 FAQ विजुअल बेसिक डॉट नेट | FAQ VB.Net | Top 100 FAQ VB.Net Programming
Top 100 FAQ विजुअल बेसिक डॉट नेट | FAQ VB.Net | Top 100 FAQ VB.Net Programming

Question-41: क्लिप क्या है एवं कार्य (Clip)
Ans स्क्रीन या पेज का वह एरिया जो ग्राफिकल आउटपुट देता है।

Question-42: सी. एल. एस. कम्प्लायन्ट क्या है एवं कार्य (CLS Compliant)
Ans वह कोड जो उन्हीं भाषा फीचरों को सार्वजनिक तौर पर एक्स्पोज करता है जो कॉमन लैंग्वेज स्पेसिफिकेशन में होता है। सी. एल. एस. कम्प्लायंस क्लास, इंटरफेस, कम्पोनेन्ट्स तथा टूल्स पर लागू होता है।

Question-43: कॉम कॉलेबल रैपर क्या है एवं कार्य (Com Callable Wrapper)
Ans यह प्रॉक्सी ऑब्जेक्ट है जो कॉमन लैंग्वेज रनटाइम द्वारा जनित होता है, ताकि विद्यमान कॉम एप्लीकेशन मैनेज्ड क्लास के साथ डॉट नेट फ्रेमवर्क क्लास को पारदर्शी रूप से उपयोग कर सके।

Question-44: कॉम इंटरऑप क्या है एवं कार्य (COM interop)
Ans वह सेवा जो डॉट नेट फ्रेमवर्क ऑब्जेक्ट को कॉम ऑब्जेक्ट के साथ कम्यूनिकेट करने में सक्षम करता है।

Question-45: कॉमन सूचना मॉडल क्या है एवं कार्य (Common Information Model)
Ans- विण्डोज मैनेजमेन्ट इन्स्ट्रूमेन्टेशन (Windows Management Instrumentation) में यह वह मॉडल है जो रिअल वर्ल्ड मैनेज्ड ऑब्जेक्ट को कैसे व्यक्त करें इसका वर्णन करता है। सी. आई. एम. ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड पैराडाइम का उपयोग करता है, जहाँ क्लासेस तथा इंस्टैनसेज की परिकल्पना का उपयोग करते हुए मैनेज्ड ऑब्जेक्ट का प्रतिरूप बनाया जाता है। सी. आई. एम. मेटामॉडल तथा स्टैण्डर्ड स्केमा में विभाजित होता है।

मेटामॉडल यह वर्णन करता है कि किस प्रकार के एनटिटि स्केमा को पूरा करते हैं। यह यह भी परिभाषित करता है कि किस प्रकार से एनटिटि ऑब्जेक्ट से जोड़े जा सकते हैं, जो रिअल वर्ल्ड डिवाइस को व्यक्त करता है।

Question-46: कॉमन लैंग्वेज रनटाइम क्या है एवं कार्य (Common Language Runtime)
Ans कॉमन लैंग्वेज रनटाइम मैनेजड कोड एक्जिक्यूशन का मुख्य इंजिन है। रनटाइम मैनेजड कोड के साथ क्रॉस भाषा एकीकरण (cross language integration), कोड एक्सेस सुरक्षा, ऑब्जेक्ट लाइफटाइम प्रबंधन तथा डिबगिंग व प्रोफाइलिंग सपोर्ट सप्लाई करता है।

Question-47: कॉमन लैंग्वेज स्पेसीफिकेशन क्या है एवं कार्य (Common Language Specification)
Ans यह कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के द्वारा सपोर्टेड भाषा फीचरों का एक सबसेट है। इसके फीचर कई ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड प्रोग्रामिंग भाषाओं में समान तरीके से पाये जाते हैं। सी. एल. एस. कम्प्लायण्ट कम्पोनेण्ट तथा टूल अन्य सी. एल. एस. कम्प्लायण्ट कम्पोनेण्ट तथा टूल के साथ इंटरओपरेट करता है।

Question-48: कॉमन ऑब्जेक्ट फाइल फॉर्मेट क्या है एवं कार्य (Common Object File Format)
Ans यह एक्जिक्यूटेबल (इमेज) तथा ऑब्जेक्ट फाइलों के लिए 32 बिट प्रोग्रामिंग फार्मेट है, जो एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर ले जाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट इस फॉर्मेट को पोर्टेबल एक्जिक्यूटेबल फाइल फॉर्मेट कहता है।

Question-49: कॉमन टाइप सिस्टम क्या है एवं कार्य (Common Type System)
Ans यह वह स्पेसीफिकेशन है जो यह निर्धारित करता है कि किस प्रकार कॉमन लैंग्वेज रनटाइम टाइप को परिभाषित करता है तथा उन्हें उपयोग और व्यवस्थित करता है। 


Question-50: कनफिगरेशन फाइल क्या है एवं कार्य (Configuration File)
Ans यह एक एक्स. एम. एल. फाइल है जिसका विस्तारक config होता है। इसमें एप्लीकेशन या वेबफाइल के लिए ऑप्शन सेटिंग्स होता है। समान कनफिगरेशन फाइलों में machine.config तथा web.config है।

Question-51: डाटा बाइन्डिंग क्या है एवं कार्य (Data Binding)
Ans यह वह प्रक्रिया है जिसमें फॉर्म या वेबपेज पर कंट्रोल को इस प्रकार कनफिगर किया जाता है कि ये डाटा सोर्स तथा डाटाबेस, एम. एल. एस. फाइल इत्यादि से डाटा ला सके या फिर उन डाटा सोर्स में डाटा जोड़ सकें।

Question-52: डिप्लॉयमेण्ट मेनिफेस्ट क्या है एवं कार्य (Deployment Manifest)
Ans यह क्लिकवन्स (ClickOnce) एप्लीकेशनों में उपयोग किये जाने वाले फाइल हैं जो इस डिप्लॉयमेण्ट के वर्तमान संस्करण का वर्णन करता है तथा इसे क्लाइण्ट कम्प्यूटर पर इंस्टॉल होना चाहिए या केवल ऑनलाइन रन होना चाहिए इसका ब्योरा रखता है।

Question-53: डॉकिंग क्या है एवं कार्य (Docking)
Ans डॉकिंग कंट्रोल की कौन सी सीमा अपने पेरेण्ट कंट्रोल के साथ लगा हुआ है इसको निर्धारित करने की विधि है। साथ ही पेरेण्ट के साथ कंट्रोल के आकार में समानुपाती बदलाव हो इसे भी निर्धारित करने की विधि डॉकिंग है। डॉकिंग तथा ऐकरिंग परस्पर अनन्य (exclusive) हैं।

Question-54: इम्बेडेड रिसोर्स क्या है एवं कार्य (Embedded Resource)
Ans किसी एप्लीकेशन के द्वारा उपयोग किया गया फाइल, जो कम्पाइल्ड एप्लीकेशन में बाइनरी फॉर्मेट में संग्रहित होता है।

Question-55: इन्यूमेरेशन क्या है एवं कार्य (Enumeration)
Ans यह नाम के साथ कॉन्स्टैण्ट की सूची है।

Question-56: एक्जिक्यूटेबल फाइल क्या है एवं कार्य (Executable File)
Ans यह पोर्टेबल एक्जिक्यूटेबल फाइल फॉर्मेट की एक फाइल है। जो मेमोरी से लोड किया जा सकता है तथा ऑपरेटिंग सिस्टम लोडर के द्वारा एक्जिक्यूट किया जा सकता है। यह कोई exe अथवा dII फाइल हो सकता है। डॉट नेट संदर्भ में पोर्टेबल एक्जिक्यूटेबल फाइल को ऑपरेटिंग सिस्टम के एक्जिक्यूट किये जाने से पहले कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के द्वारा स्थानीय (native) कोड में अनुवाद किया जाना चाहिए।

Question-57: फील्ड क्या है एवं कार्य (Field)
Ans वह मेम्बर जो ऑब्जेक्ट या क्लास से संबंधित वेरियेबल को व्यक्त करता है।

Question-58: फॉरेन की क्या है एवं कार्य (Foreign Key)
Ans डाटाबेस सारणी का वह की, जो दूसरी सारणी से आता है। यह की उपयोग किये जा रहे सारणी की एक विशेष की विशेषकर प्राइमरी की को व्यक्त करता है।


Question-59: एनकैप्सुलेशन क्या है एवं कार्य (Encapsulation)
Ans एनकैप्सुलेशन ऑब्जेक्ट की वह क्षमता है, जो अपने आंतरिक डाटा तथा मेथड को छिपाता है। परिणामस्वरूप ऑब्जेक्ट के केवल आपेक्षित भाग ही प्रोग्राम के माध्यम से एक्सेस योग्य होते हैं।

Question-60: गारबेज संकलन क्या है एवं कार्य (Garbage Collection)
Ans गारबेज संकलन स्वचालित मेमोरी प्रबंधन (automatic garbage collection) का रूप है। गारबेज संकलन का अविष्कार जॉन मैककारथी (John McCarthy) ने लिस्प प्रोग्रामिंग भाषा की समस्याओं को हल करने के लिए लगभग 1959 में किया था। गारबेज संकलन ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड प्रोग्रामिंग का एक महत्वपूर्ण निकाय है।

Question-61: जी. डी. आई + क्या है एवं कार्य (GDI+)
Ans यह माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज़ एक्स. पी. ऑपरेटिंग सिस्टम का वह भाग जो द्वि-विमीय वेक्टर ग्राफिक्स, इमेजिंग तथा टायपोग्राफी उपलब्ध कराता है। जी. डी. आई. + जी. डी. आई. (विण्डोज़ के पूर्व संस्करणों में उपलब्ध ग्राफिक्स डिवाइस इंटरफेस) से बेहतर है। इसके कई नये फीचर हैं। तथा पहले से उपलब्ध फीचर को भी इसमें नयी शक्ति प्रदान की गयी है। जी. डी. आई + मैनेज्ड क्लास इंटरफेस (रैपर का एक सेट) माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट फ्रमेवर्क का अंश है।

Question-62: जे. आई. टी. क्या है एवं कार्य (JIT)
Ans यह जस्ट इन टाइम (Just In Time) का संक्षेप है। यह शब्दांश उस कार्य का वर्णन करता है, जो तभी होता है जब यह आवश्यक हो जाता है। जस्ट इन टाइम कम्पाइलेशन इसका उदाहरण है।

Question-63: जस्ट इन टाइम कम्पाइलेशन क्या है एवं कार्य (Just in Time Compilation)
Ans यह वह कम्पाइलेशन है, जो माइक्रोसॉफ्ट इंटरमीडिएट लैंग्वेज को मशीन कोड को उस स्तर पर अनुदित करता है जब रन टाइम में कोड की आवश्यकता पड़ती है।


Question-64: कर्निंग क्या है एवं कार्य (Kerning)
Ans वर्णों के कुछ खास जोड़े यथा AV के मध्य के स्थान को ऐडजस्ट करने की प्रक्रिया कर्निंग कहलाती है। इससे इसका रूप सुधरता है।

Question-65: लाइफटाइम क्या है एवं कार्य (Lifetime)
Ans वह समय अवधि जो तब शुरू होता है जब ऑब्जेक्ट मेमोरी में आवंटित (allocate) होता है तथा तब समाप्त होता है जब गारबेज कलेक्टर मेमोरी ऑब्जेक्ट को मिटाता है।

Question-66: लोकेल क्या है एवं कार्य (Locale)
Ans यह भाषा तथा भौगोलिक क्षेत्र डाटा तथा नियमों का एक संकलन है। लोकेल्स में सर्टिंग नियमों, तिथि तथा समय फॉर्मेटिंग, न्यूमेरिक व आर्थिक नियम तथा कैरेक्टर क्लासिफिकेशन सूचना होते हैं।

Question-67: लोकलाइजेशन क्या है एवं कार्य (Localization)
Ans किसी विशेष क्षेत्र अथवा भाषा के लिए आवश्यक अलग डाटा तथा साधनों को कस्टमाइज करने तथा अनुवाद करने की प्रक्रिया लोकलाइजेशन कहलाती है।

Question-68: मैनेजड कोड क्या है एवं कार्य (Managed Code)
Ans वह कोड जो ऑपरेटिंग सिस्टम के बजाय सीधे-सीधे कॉमन लैंग्वेज रनटाइम इन्वायरमेन्ट के द्वारा एक्जिक्यूट होता है। मैनेजड कोड एप्लीकेशन को कॉमन लैंग्वेज रनटाइम सेवाएँ यथा ऑटोमेटिक गारबेज कलेक्शन, रनटाइम टाइप चेकिंग तथा सिक्यूरिटी सपोर्ट प्राप्त होता है। ये सेवाएँ मैनेजड कोड एप्लीकेशनों को समान प्लेटफॉर्म तथा भाषा स्वतंत्रता प्राप्त करने में सहायता करती हैं।

Question-69: मैनेजड डाटा क्या है एवं कार्य (Managed Data)
Ans वे ऑब्जेक्ट जिनके लाइफाटाइम कॉमन लैंग्वेज रनटाइम द्वारा नियंत्रित होते हैं मैनेजड डाटा कहलाते हैं। रनटाइम स्वतः ऑब्जेक्ट लेआउट को नियंत्रित करते हैं तथा उन ऑब्जेक्ट के रेफ्रेन्स को व्यवस्थित करते हैं तथा उनका उपयोग समाप्त होने के बाद उनको मुक्त कर देते हैं।

Question-70: मेटाडाटा क्या है एवं कार्य (Metadata)
Ans मेटाडाटा वह सूचना है जो असेम्बली, लोड होने योग्य फाइल, टाइप, मेथड इत्यादि जैसे कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के द्वारा व्यवस्थित होने वाले प्रत्येक एलीमेन्ट का वर्णन करता है। इसमें वह सूचना भी हो सकती है, जो डिबगिंग तथा गारबेज संकलन के साथ सुरक्षा फीचर, डाटा गमन, विस्तारित क्लास तथा सदस्य परिभाषा, संस्करण बाइन्डिंग तथा रनटाइम के द्वारा आपेक्षित हो।

Question-71: मेथड क्या है एवं कार्य (Method)
Ans मेथड एक फंक्शन है जो क्लास के आचरण का वर्णन करता कार्यान्वयन नहीं हो पाता। मेथड के साथ एक इम्प्लीमेन्टेड है। क्लास से मेथड को जोड़ने से ही उप-मेथड का क्वालिफायर (implemented qualifier) जुड़ कर यह संकेत देता है कि क्लास के इम्प्लीमेन्टेशन उपलब्ध हैं।

Question-72: माइक्रोसॉफ्ट इंटरमीडिएट लैंग्वेज क्या है एवं कार्य (Microsoft Intermediate Language)
Ans वह भाषा जिसका उपयोग कई कम्पाइलर आउटपुट के रूप में तथा जस्ट इन टाइम कम्पाइलर के इनपुट के रूप में होता है। कॉमन लैंग्वेज रनटाइम में जस्ट इन टाइम कम्पाइलर होता है, जो एम. एस. आई. एल. को स्थानीय कोड में बदलता

Question-73: नेस्टेड टाइप क्या है एवं कार्य (Nested Type)
Ans वह टाइप जो किसी अन्य टाइप के स्कोप के अंदर परिभाषित होता है। नेस्टेड टाइप शीर्ष स्तरीय टाइप / मुख्य टाइप के इम्पलीमेन्टेशन ब्योरे को इनकैप्सूलेट करने में सामान्यतः उपयोग होता है।

Question-74: डॉट नेट कॉम्पैक्ट फ्रेमवर्क क्या है एवं कार्य (.Net Compact Framework)
Ans संसाधन नियंत्रित कम्प्यूटिंग उपकरणों पर प्रोग्राम को रन करने हेतु यह हार्डवेयर स्वतंत्र इन्वायरमेण्ट है। यह कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के सम्पूर्ण डॉट नेट फ्रेमवर्क आर्किटेक्चर को इनहेरिट करता है। यह डॉट नेट फ्रेमवर्क क्लास लायब्रेरी के सब सेट को सपोर्ट करता है तथा डॉट नेट कॉम्पैक्ट फ्रेमवर्क के लिए ही डिजाइन किये गये क्लासों को रखता है।

Question-75: डॉट नेट फ्रेमवर्क क्या है एवं कार्य (.Net Framework)
Ans डॉट नेट फ्रेमवर्क एक अभिन्न विण्डोज कम्पोनेण्ट है जो भावी पीढी के एप्लीकेशनों तथा एक्स. एम. एल. वेव सेवाओं के निर्माण, डिप्लॉयमेण्ट तथा क्रियान्वयन को सपोर्ट करता है। यह उच्च क्षमता वाला, अंतर्राष्ट्रीय मानक पर आधारित, बहुभाषीय वातावरण (environment) उपलब्ध कराता है। इसमें इण्टरनेट एप्लिकेशनों के डिप्लॉयमेण्ट तथा ऑपरेशन की चुनौतियों को हल करने की क्षमता मौजूद है। डॉट नेट फ्रेमवर्क कॉमन लैंग्वेज रनटाइम, क्लास लायब्रेरी तथा ए, एस. पी. डॉट नेट जैसे तीन स्तम्भों पर निर्मित है।

Question-76: सिरिअलाइजेशन क्या है एवं कार्य (Serialization)
Ans किसी ऑब्जेक्ट के अवस्था (state) की सूचना को एक ऐसे रूप में जिसे स्टोर या रीस्टोर किया जा सकता है के बदलने की प्रक्रिया सिरियलाइजेशन कहा जाता है। सिरिअलाइजेशन के दौरान ऑब्जेक्ट अपने वर्तमान अवस्था (state) को अस्थायी या स्थायी स्टोरेज में लिखता है। बाद में, स्टोरेज से ऑब्जेक्ट की अवस्था को पढ़कर या डिसिरिअलाइज कर ऑब्जेक्ट को पुनः बनाया जा सकता है।

Question-77: शेअर्ड असेम्बली क्या है एवं कार्य ( Shared Assembly)
Ans ऐसा असेम्बली जिसका रेफ्रेन्स एक से अधिक एप्लीकेशन द्वारा दिया जा सकता हो।

Question-78: डॉट नेट फ्रेमवर्क क्लास लाइब्रेरी क्या है एवं कार्य (.NET Framework Class Library)
Ans यह क्लास, इंटरफेस तथा वैल्यू टाइप की एक लाइब्रेरी है जो माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट में शामिल होता है। यह लाइब्रेरी सिस्टम फंक्शनलिटी का एक्सेस प्रदान करता है तथा उसे उस फाउण्डेशन के रूप में डिजायन किया गया है जिस पर डॉट नेट फ्रेमवर्क एप्लीकेशन्स कम्पोनण्ट्स तथा कंट्रोल्स बनाये जाते हैं।

Question-79: रिसोर्स क्या है एवं कार्य (Resource)
Ans- कोई अक्रियान्वयनयोग्य डाटा जो किसी एप्लीकेशन के साथ तार्किक रूप से डिप्लॉय किया जाता है। रिसोर्स को किसी एप्लीकेशन से त्रुटि सदिशों या फिर यूजर इंटरफेस के मान के रूप में किये जा सकते हैं। रिसोर्स स्ट्रिंग इमेज तथा नियमित (persisted) ऑब्जेक्ट जैसे कई रूप में डाटा

Question-80: डॉट नेट फ्रेमवर्क डाटा प्रोवाइडर क्या है एवं कार्य (.NET Framework Data Provider)
Ans यह इस डॉट नेट का एक कम्पोनेण्ट है, जो रिलेशनल डाटा सोर्स डाटा का एक्सेस प्रदान करता है। डॉट नेट फ्रेमवर्क में डाटा प्रोवाइडर से डाटा सोर्स से जुड़ने हेतु, डाटा सोर्स पर कमाण्ड एक्जिक्यूट करने, डाटा सोर्स से क्वेरी परिणाम पाने, ट्रांजेक्शन के अंदर कमाण्ड्स को एक्जिक्यूट करने हेतु क्लास होते हैं। डॉट नेट फ्रेमवर्क डाटा प्रोवाइडर में वैसे परिणाम के साथ क्लास भी होते हैं, जो डाटा सोर्स डाटासेट बनाता है तथा डाटा सोर्स में वापस डाटाबेस में बदलाव लाता है। 


Question-81: पैडिंग क्या है एवं कार्य (Padding)
Ans कंट्रोल के किनारे तथा कंट्रोल के सामग्री (contents) के मध्य का स्थान पैडिंग कहलाता है। पैडिंग तथा मार्जिन (margin) में अंतर है। मार्जिन वह छोडा गया स्थान होता है जो फॉर्म या पेज पर दो कंट्रोल के मध्य होता है।

Question-82: पोर्टेबल एक्जिक्यूटेबल फाइल क्या है एवं कार्य (Portable Executable File)
Ans यह एक्जिक्यूटेबल प्रोग्राम के लिए उपयोग होने वाली फाइल फॉर्मेट है। यह उन फाइलों का भी फॉर्मेट है जो एक साथ लिंक होकर एक्जिक्यूटेबल प्रोग्राम बनाते हैं।

Question-83: अनबॉक्सिंग क्या है एवं कार्य (Unboxing)
Ans ऑब्जेक्ट इंस्टैन्स को वैल्यू टाइप में बदलने को अनबॉक्सिंग कहते हैं।

Question-84: अनमैनेजड कोड क्या है एवं कार्य (Unmanaged Code)
Ans अनमैनेजड कोड वह कोड है जो कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के बाहर ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा सीधे-सीधे एक्जिक्यूट किया जाता है। मैनेजड कोड के लिए कॉमन लैंग्वेज रनटाइम जो सेवाएँ यथा गारबेज संकलन, टाइप चेकिंग, सुरक्षा सपोर्ट उपलब्ध कराती है इसके विपरीत अनमैनेजड कोड को ये सेवाएँ स्वयं ही उपलब्ध कराना होता है।

Question-85: वैल्यू टाइप क्या है एवं कार्य (Value Type)
Ans वह डाटा टाइप जो टाइप के मूल मान द्वारा व्यक्त किया जाता है। यदि वैल्यू टाइप किसी वेरियेबल को असाइन किया जाता है, तो उस वेरियेबल को मान की एक नयी प्रतिलिपि (copy) दी जाती है। यह रेफ्रेन्स टाइप के विपरीत है जहाँ असाइनमेण्ट कोई प्रतिलिपि नहीं बनाता है। वैल्यू टाइप्स आम तौर पर गारबेज संकलित हिप (heap) के बजाय मेथड के स्टैक फ्रेम पर बनाया जाता है। वैल्यू टाइप को बॉक्स किया जा सकता है जो संबंधित रेफ्रेन्स टाइप बनाने की एक प्रक्रिया है। 

Top 100 FAQ VB.Net Programming Part-1

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वी०बी० डॉट नेट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें, वी० बी० डॉट नेट के पक्ष तथा विपक्ष की चर्चा करें, वी० बी० डॉट नेट के विकास क्रम को समझाइये, माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट फ्रेमवर्क के सभी संस्करणों के बारे में बतायें

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Question-1: एक्सेस कंट्रोल लिस्ट क्या है एवं कार्य (Access Control List)
Ans एक्सेस कंट्रोल लिस्ट सुरक्षा बचावों की एक सूची है जो ऑब्जेक्ट पर लागू होता है। ऑब्जेक्ट कोई फाइल, प्रोसेस, इवेण्ट या कुछ भी हो सकता है जिसमें सुरक्षा वर्णन (security description) उपलब्ध हो। एक्सेस कंट्रोल लिस्ट की एंट्री (access control entry) एक्सेस कंट्रोल एंट्री कही जाती है। एक्सेस कंट्रोल लिस्ट डिस्क्रेशनरी (discretionary) तथा सिस्टम दो प्रकार के होते हैं।

Question-2: अडू डॉट नेट क्या है एवं कार्य (ADO.Net)
Ans अडू डॉट नेट डॉट नेट फ्रेमवर्क क्लास लायब्रेरिज़ में सम्मिलित डाटा एक्सेस प्रौद्योगिकियों का एक सूईट (सेट) है जो रिलेशनल डाटा तथा एक्स. एम. एल. एक्सेस प्रदान करता है। अडू डॉट नेट कई क्लासों से मिलकर बने होते हैं जो डाटासेट (यथा सारणी, पंक्ति, कॉलम, रिलेशनस इत्यादि), डॉट नेट फ्रेमवर्क डाटा प्रोवाइडर्स तथा कस्टम टाइप परिभाषाओं (यथा एस. क्यू. एल. सर्वर के लिए (SqlTypes) का निर्माण करते हैं।

Question-3: एल्फा चैनल क्या है एवं कार्य (Alpha Channel)
जी. डी. आई. प्लस (GDI+) में एल्फा चैनल पिक्सेल कलर डाटा का वह भाग होता है जो पारदर्शी सूचना के लिए सुरक्षित होता है।

Question-4: एप्लीकेशन बेस क्या है एवं कार्य (Application Base)
Ans एप्लीकेशन बेस वह डायरेक्ट्री है जहाँ प्रारम्भिक अथवा डिफॉल्ट डोमेन को लोड करने वाली एक्जिक्यूटेबल (.exe) फाइल स्थित होता है।

Question-5: एप्लीकेशन डोमेन क्या है एवं कार्य (Application Domain)
Ans- एप्लीकेशन डोमेन वह सीमा है जो एक समान एप्लीकेशन स्कोप के अंदर कॉमन लैंग्वेज रनटाइम द्वारा ऑब्जेक्ट के चारों ओर स्थापित होता है। एप्लीकेशन डोमेन्स एक एप्लीकेशन में बने ऑब्जेक्ट को अन्य एप्लीकेशन से बने ऑब्जेक्ट से अलग रखने में सहायता करता है ताकि रन टाइम आचरण-

• अनुमान लगाने योग्य (preditable) हो। एक से अधिक
• एप्लीकेशन डोमेन एक ही प्रोसेस में विद्यमान हो सकते हैं।

Question-6: एप्लीकेशन मैनिफेस्ट क्या है एवं कार्य (Application Manifest)
Ans एप्लीकेशन मैनिफेस्ट क्लिकवन्स (ClickOnce) एप्लीकेशनों में उपयोग होने वाला फाइल है जो एप्लीकेशन तथा सभी संबद्ध (constituent) फाइलों का वर्णन करता है।

Question-7: ए. एस. पी. डॉट नेट क्या है एवं कार्य (ASP.Net)
Ans- ए. एस. पी. डॉट नेट वेब एप्लीकेशन तथा एक्स. एम. एल. वेब सेवाओं (XML Web Services) के निर्माण के लिए माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट फ्रेमवर्क में प्रौद्योगिकियों का एक सेट है। ए. एस. पी. डॉट नेट पृष्ठ (ASP.Net Pages) सर्वर पर एक्जिक्यूट होते हैं तथा मार्कअप (यथा एच. टी. एम. एल. डब्ल्यू एम. एल. या एक्स. एम. एल.) का निर्माण करते हैं, जो डेस्कटॉप या मोबाइल ब्राउजर को भेजे जाते हैं।

ए एस. पी. डॉट नेट पृष्ठ कम्पाइल्ड, इवेण्ट चयनित प्रोग्रामिंग मॉडल का उपयोग करता है जो कार्य निष्पादन (performance) को बेहतर बनाता है तथा एप्लीकेशन लॉजिक और यूजर इंटरफेस को अलग रहने देता है। ए. एस. पी. डॉट नेट का उपयोग करके बनाये गये ए. एस. पी. डॉट नेट पृष्ठ तथा एक्स. एम. एल. वेब सेवाओं में विजुअल बेसिक अथवा किसी डॉट नेट कम्पैटिबल भाषा में लिखे गये सर्वर पक्ष (क्लाइण्ट पक्ष के बजाय) लॉजिक होते हैं।

वेब एप्लीकेशन तथा एक्स. एम. एल. वेब सेवाएँ कॉमन लैंग्वेज रनटाइम यथा टाइप सेफ्टी, इनहेरिटेन्स, भाषा इंटरऑपरे बिलिटि (interoperability), संस्करण (versioning) तथा एकीकृत सुरक्षा जैसे फीचरों का लाभ उठाता है।

Question-8: ऐंकरिंग क्या है एवं कार्य (Anchoring)
Ans ऐंकरिंग उस पेरेण्ट कंट्रोल के किनारों को तथा कंट्रोल पेरेण्ट कंट्रोल के साथ अपने आकार को कैसे बदलें यह निर्धारित करने की एक विधि है।

Question-9: एंटी एलिअसिंग क्या है एवं कार्य (Anti Alising)
Ans- ग्राफिक्स में एंटी एलिअसिंग लाइनों को उनके बैकग्राउण्ड के साथ मिलाकर उन्हें बिल्कुल सपाट (smooth) बनाने की प्रक्रिया है। 
Question-10: असेम्बली क्या है एवं कार्य (Assembly)
Ans- असेम्बली एक या एक से अधिक फाइलों का संकलन है जो एक यूनिट के रूप में रूपांतरित (versioned) तथा डिप्लॉय होता है। असेम्बली डॉट नेट फ्रेमवर्क एप्लीकेशन का प्राथमिक निर्माणकारी ब्लॉक होता है। सभी मैनेज्ड तथा रिर्सोसेज एक असेम्बली के अंदर रहता है तथा असेम्बली के अंदर अभिगम्य योग्य (accessible only within the assembly)

अथवा अन्य असेम्बली के कोड से अभिगम्य (accessible from code in other assemblies) की तरह चिन्हित होते हैं। असेम्बली सुरक्षा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोड एक्सेस सुरक्षा प्रणाली असेम्बली के बारे में सूचना प्राप्त कर उस असेम्बली के कोड के लिए अनुदानित (granted) अनुमति के सेट को निर्धारित करता है।

Question-11: असेम्बली कैश क्या है एवं कार्य (Assembly Cache)
Ans- असेम्बली कैश उस कोड कैश को कहा जाता है जो पास-पास असेम्बली संचय में उपयोग किया जाता है। कैश के दो भाग होते हैं। ग्लोबल असेम्बली कैश उन असेम्बली को रखता है जो कम्प्यूटर पर कई एप्लीकेशन के मध्य साझा करने के लिए स्पष्ट रूप से इन्स्टॉल किये जाते हैं।

डाउनलोड कैश इन्टरनेट या इन्टरनेट से डाउनलोड किये हुए कोड को स्टोर करता है तथा उस एप्लीकेशन में अलग से रहता है जिसके कारण यह डाउनलोड हुआ ताकि किसी एक एप्लीकेशन या पेज के लिए डाउनलोड किया गया कोड अन्य एप्लीकेशन को प्रभावित न करे।

Question-12: असेम्बली मेनिफेस्ट क्या है एवं कार्य (Assembly Manifest)
Ans- यह प्रत्येक असेम्बली का एक अभिन्न अंग होता है जिसके कारण असेम्बली स्व-वर्णनात्मक (self describing) होता है। असेम्बली मेनिफेस्ट में असेम्बली का मेटाडाटा होता है। मेनिफेस्ट असेम्बली की पहचान बताता है। उन फाइलों को स्पष्ट करता है जो असेम्बली इम्प्लेनटेशन का निर्माण करते हैं। उन टाइपस तथा संसाधनों को स्पष्ट करता है, जिसमें असेम्बली बना होता है।

अन्य असेम्बली पर कम्पाइल टाइम निर्भरता को सूचीबद्ध करता है तथा अनुमति (permissions) के सेट को स्पष्ट करता है जो असेम्बली के ठीक से कार्यान्वित होने के लिए आवश्यक होता है। इस सूचना का उपयोग रन टाइम के रेफ्रेन्स की समस्या को हल करने, संस्करण बाइन्डिंग पॉलिसी को लागू करने तथा लोड हुए असेम्बली की इंटिग्रिटी (integrity) को वैलिडेट करने में होता है। असेम्बली का स्ववर्णनात्मक फीचर शून्य प्रभाव (zero impact) इंस्टॉल करने तथा XCOPY डिप्लॉयमेन्ट को व्यवहारिक बनाने में सहायता करता है।

Question-13: असिंक्रोनस मेथड क्या है एवं कार्य (Asynchronous Method)
Ans यह उस मेथड कॉल को कहते हैं जो प्रोसेसिंग के पूर्ण होने या न होने (दोनों ही) की स्थिति में इमिडिएट कॉलर की और लौटता है। प्रोसेसिंग का परिणाम दूसरे थ्रेड पर दूसरे कॉल के माध्यम से प्राप्त होता है। असिंक्रोनस मेथड कॉल को प्रोसेसिंग के समाप्त होने तक प्रतिक्षा करने की परिस्थिति से मुक्त करता है।

Question-14: एट्रिब्यूट क्या है एवं कार्य (Attribute)
Ans एट्रिब्यूट टाइपस, फील्ड्स, मेथड्स तथा प्रॉपर्टी जैसे प्रोग्रामिंग अवयवों पर लागू किये जा सकने वाला एक वर्णनात्मक डिक्लेअरेशन होता है। एट्रिब्यूट डॉट नेट फ्रेमवर्क फाइल के मेटाडाटा के साथ सुरक्षित किया जाता है तथा इसका उपयोग कॉमन लैंग्वेज रनटाइम को कोड समझाने तथा रन टाइम में एप्लीकेशन आचरण को प्रभावित करने में किया जा सकता है।

Question-15: बाउण्ड्स क्या है एवं कार्य (Bounds)
Ans किसी ऑब्जेक्ट के आकार तथा लोकेशन को कहते हैं।

Question-16: बॉक्सिंग क्या है एवं कार्य (Boxing)

Ans बॉक्सिंग वैल्यू टाइप इंस्टैन्स से ऑब्जेक्ट में परिवर्तन की क्रिया है जो संकेत करता है कि इंस्टैन्स रन टाइम में संपूर्ण टाइप सूचना रखेगा तथा हीप (heap) में आवंटित किया जायेगा। माइक्रोसॉफ्ट इंटरमीडिएट लैंग्वेज इंस्ट्रक्शन सेट को Box निर्देश वैल्यू टाइप का कॉपी बनाकर तथा इसे एक नये आवरित ऑब्जेक्ट में समाकर वैल्यू टाइपको ऑब्जेक्ट में बदलता है।

Question-17: सी शार्प क्या है एवं कार्य (C#)
Ans सी शार्प डॉट नेट फ्रेमवर्क पर चलने योग्य व्यापारिक एप्लीकेशन को विकसित करने हेतु डिजायन की गयी एक प्रोग्रामिंग भाषा है। सी शार्प सी तथा सी ++ का ही एक सुपर सेट है। यह टाइप सुरक्षित (type safe) तथा ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड भाषा है। इसे मैनेज्ड कोड की भांति कम्पाइल किया जाता है। इसमें कॉमन लैंग्वेज रनटाइम की सेवाओं यथा लैंग्वेज इंटरऑपरेबिलिटि (interoperability) सुरक्षा तथा गार्बेज संकलन (collection) उपलब्ध है।

Question-18: सी. एच. टी. एम. एल. क्या है एवं कार्य (CHTML)
Ans यह एक मार्कअप भाषा है जो मोबाइल फोनों में उपयोग होता है। सी. एच. टी. एम. एल. तथा एच. टी. एम. एल. का ही एक सबसेट है, जिसमें मोबाइल फंक्शनलिटि को बचाने हेतु अतिरिक्त टैग्स उपलब्ध होते हैं।

Question-19: क्लास क्या है एवं कार्य (Class)
Ans- क्लास उस ऑब्जेक्ट तथा टेम्प्लेट का औपचारिक परिभाषा है, जिससे ऑब्जेक्ट जैसा ही एक नमूना (instance) बनाया जाता है। क्लास का मुख्य उद्देश्य उस क्लास के लिए प्रॉपर्टी तथा मेथड को परिभाषित करना है। यद्यपि क्लास की परिकल्पना विजुअल बेसिक के पिछले संस्करणों में भी उपलब्ध था, परन्तु वी. बी. डॉट नेट तथा इसके ऑब्जेक्ट ऑरिएन्टेड प्रोग्रामिंग में यह एक मुख्य तकनीकी है। क्लास के प्रमुख फीचरों में कुछ इस प्रकार है-

● क्लास में सब क्लास हो सकते हैं, जो क्लास के सभी फीचरों को या कुछ विशेष फीचरों को इनहेरिट करते हैं।
● सब क्लास अपने मेथड तथा वेरियेबल स्वयं डिफाइन कर सकते हैं जो पेरेण्ट क्लास का हिस्सा नहीं होता है।
● क्लास तथा उसके सब क्लास की संरचना क्लास हायरिक कहा जाता है।
मुख्य क्लास को पेरेण्ट क्लास, सुपर क्लास तथा बेस क्लास कहा जाता है तथा मुख्य क्लास से निकले नये क्लास को चाइल्ड क्लास, व्युत्पन्न क्लास (derived class) या सब क्लास कहा जाता है।

Question-20: कॉम क्या है एवं कार्य (COM)
Ans- कॉम का पूर्ण रूप कम्पोनेन्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Component Object Model) होता है, यद्यपि यह प्राय: माइक्रोसॉफ्ट के साथ संबद्ध होता है, यह एक मुक्त स्टैण्डर्ड है जो कम्पोनेन्ट्स के साथ कैसे कार्य करते हैं तथा कैसे ये इंटरऑपरेट करते हैं को स्पष्ट करता है। माइक्रोसॉफ्ट कॉम का उपयोग एक्टिव एक्स (ActiveX) तथा ओ. एल. ई. (OLE) के आधार के रूप में करता है।

कॉम ए. पी. आई. का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ्टवेयर ऑब्जेक्ट को विजुअल बेसिक के साथ कई अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग कर लॉन्च किया जा सकता है। यह कम्पोनेन्ट प्रोग्रामर के द्वारा कोड को दोबारा लिखने से बचाते हैं। कम्पोनेन्ट बड़ा अथवा छोटा हो सकता है तथा किसी भी प्रकार का प्रोसेसिंग कर सकता है, परन्तु यह दोबारा उपयोग में लाये जाने योग्य होना चाहिए और इंटरऑपरेबिलिटि हेतु इसे स्टैण्डर्ड सेट करने वाले नियमों का अनुपालन करना चाहिए।

Question-21: कंट्रोल क्या है एवं कार्य (Control)
Ans कंट्रोल विजुअल बेसिक फॉर्म पर ऑब्जेक्ट बनाने हेतु उपयोग होने वाला टूल है। कंट्रोल को टूलबॉक्स से चयन किया जाता है तथा माउस प्वाइण्टर की सहायता से फॉर्म पर ऑब्जेक्ट बनाने के काम आता है। इसे समझना आवश्यक है कि कंट्रोल केबल जी. यू. आई. ऑब्जेक्ट बनाने के लिए एक टूल मात्र है। यह स्वयं ऑब्जेक्ट नहीं है।

Question-22: डी. एल. एल. क्या है एवं कार्य (DLL)
Ans- डी. एल. एल. का पूर्ण रूप डायनामिक लिंक लायब्रेरी (Dynamic Link Library) होता है। यह फंक्शनों का एक सेट है जिसे एक्जिक्यूट किया जा सकता है अथवा वह डाय है जिसे विण्डोज एप्लीकेशन के द्वारा उपयोग में लाया जा सकता है। डी. एल. एल. फाइलों का विस्तारक (फाइल का प्रकार) भी है। उदाहरण के लिए, crypt32.dll माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर क्रिप्टोग्राफी के लिए उपयोग होने वाला Crypto API32 DLL है। आप के कम्प्यूटर पर डी. एल. एल. सैकड़ों तथा हजारों की संख्या में इस्टॉल रहता है।

कुछ डी. एल. एल. एक विशेष एप्लीकेशन के द्वारा उपयोग किये जाते है, जबकि Crypt32.dII जैसे अन्य कई प्रकार के एप्लीकेशन के द्वारा उपयोग में लाये जाते हैं। इसके नाम के अनुसार इसमें फंक्शन की एक लायब्रेरी होती है, जिसे अन्य सॉफ्टवेयर के द्वारा माँग करने पर एक्सेस करवाया जा सकता है।

Question-23: एनकैप्सूलेशन क्या है एवं कार्य (Encapsulation)
Ans- एककैप्सूलेशन वह ऑब्जेक्ट ओरियेण्टेड प्रोग्रामिंग तकनीक है, जिनकी सहायता से प्रोग्रामर सम्पूर्ण रूप से ऑब्जेक्ट इंटरफेस (वह विधि जिससे ऑब्जेक्ट को कॉल किया जाता है तथा पैरामीटर पास किया जाता है) का उपयोग कर ऑब्जेक्ट के मध्य संबंध निर्धारित करता है।

एनकैप्सूलेशन के फायदे यह है कि आप त्रुटियों को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि आप पूरी तरह से जानते हैं कि किस प्रकार ऑब्जेक्ट को आपके प्रोग्राम में उपयोग किया जा रहा है तथा एक ऑब्जेक्ट को आवश्यकता पड़ने पर अन्य किसी ऑब्जेक्ट से बदला जा सकता है, जब तक कि कोई नया बिल्कुल उसी इंटरफेस को लागू करे।

Question-24: फंक्शन क्या है एवं कार्य (Function)
Ans फंक्शन सब-रूटीन का एक प्रकार है जो कोई आर्ग्यूमेन्ट ले सकता है तथा फंक्शन को असाइन किया गया मान इस तरह लौटाता है जैसे यह वेरियेवल हो। आप अपना फंक्शन कोड के माध्यम से स्वयं बना सकते हैं या फिर विजुअल बेसिक के पूर्व निर्मित फंक्शन का भी प्रयोग कर सकते हैं।

Question-25: इनहेरिटेन्स क्या है एवं कार्य (Inheritance)
Ans- इनहेरिटेन्स एक ऑब्जेक्ट द्वारा दूसरे ऑब्जेक्ट के मेथड तथा प्रॉपर्टी को स्वतः अपनाने की योग्यता है। वह ऑब्जेक्ट जो अपना मेथड तथा प्रॉपर्टी दूसरे ऑब्जेक्ट को देता है, पेरेण्ट ऑब्जेक्ट कहा जाता है तथा वह ऑब्जेक्ट जो उसे ग्रहण करता है चाइल्ड ऑब्जेक्ट कहलाता है। इसलिए आप बी.बी. डॉट नेट में इस प्रकार का स्टेटमेन्ट अवश्य पायेंगे।

Public Class Form1
Inherits System.Windows.Forms.Form

उपरोक्त स्टेटमेन्ट्स में Windows. Forms.form पेरेण्ट ऑब्जेक्ट है जिसमें मेथड तथा प्रॉपर्टी का एक बड़ा सेट उपलब्ध है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा पहले से ही प्रोग्राम किया हुआ है। Form1 चाइल्ड ऑब्जेक्ट है तथा इसे पेरेण्ट ऑब्जेक्ट के लिए किये गये प्रोग्रामिंग का पूरा लाभ प्राप्त है। वी. बी. डॉट नेट में जोड़ा जाने वाला मुख्य ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग फीचर इनहेरिटेन्स ही है। वी.बी. 6 में ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड प्रोग्रामिंग के कई फीचर यथा एनकैप्स्यूलेशन तथा पॉलिमॉर्फिज्म उपलब्ध थे, परन्तु इसमें इनहेरिटेन्स उपलब्ध नहीं था।

Question-26: इवेण्ट प्रॉसीजर क्या है एवं कार्य (Event Procedure)
Ans इवेण्ट प्रॉसीजर कोड का ब्लॉक है जिसे तब कॉल किया जाता है, जब विजुअल बेसिक प्रोग्राम में किसी ऑब्जेक्ट को मनिप्यूलेट किया जाता है। मनिप्यूलेशन जी. यू. आई. के माध्यम से प्रोग्राम के उपयोगकर्ता द्वारा किया जा सकता है। या प्रोग्राम द्वारा हो सकता है या फिर किसी अन्य प्रोसेस यथा समय अंतराल के समाप्ति होने पर भी हो सकता है। उदाहरण के लिए अधिकतर फॉर्म ऑब्जेक्ट का एक क्लिक इवेण्ट होता है। Form1 नामक फॉर्म का इवेण्ट प्रोसीजर Form1_Click( ) के नाम से पहचाना जाता है।

Question-27: की-वर्ड क्या है एवं कार्य (Keyword)
Ans- की-वर्ड वे शब्द तथा संकेत हैं जो विजुअल बेसिक प्रोग्रामिंग भाषा के बुनियादी तथा आरक्षित अवयव हैं। परिणामस्वरूप आप उन्हें अपने प्रोग्राम में निम्नलिखित रूप में उपयोग नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 

Dim Dim As String
or
Dim String As String
अमान्य हैं। क्योंकि Dim तथा String दोनों ही विजुअल बेसिक के कीवर्ड हैं।

Question-28: मेथड क्या है एवं कार्य (Method)
Ans मेथड सॉफ्टवेयर फंक्शन को पहचानने का एक तरीका है, जो किसी विशेष ऑब्जेक्ट के लिए किसी कार्य या सेवा पूरा करता है। उदाहरण के लिए Form1 नामक फॉर्म के लिए Hide मेथड प्रोग्राम डिस्प्ले से फॉर्म को हटाता है, परन्तु मेमोरी से इसे अनलोड (unload) नहीं करता है। इसके लिए Form1. Hide सही कोड होगा।

Question-29: मॉडयूल क्या है एवं कार्य (Module)
Ans- मॉड्यूल एक फाइल की तरह है जिसमें कोड या सूचना होता है जो आप अपने प्रोजेक्ट में जोड़ते हैं। आमतौर पर मॉड्यूल में वह प्रोग्राम कोड होता है जिसे आप लिखते हैं। वी.बी. 6 में मॉड्यूल का विस्तारक .bas होता है तथा तीन प्रकार के मॉड्यूल फॉर्म, स्टैण्डर्ड तथा क्लास होते हैं।

वी. बी. डॉट नेट में सामान्य मॉडयूल का विस्तारक .vb होता है जबकि डाटासेट मॉड्यूल का विस्तारक xsd, एक्स. एम. एम. मॉडयूल के लिए विस्तारक .xml मॉड्यूल, वेब पेज का विस्तारक .htm, टेक्स्ट फाइल के लिए .txt, एक्स. एस. एल. टी फाइल के लिए .xslt, स्टाइल शीट के लिए विस्तार .CSS, क्रिस्टल रिपोर्ट के लिए विस्तारक .rpt होता है।

Question-30: नेमस्पेस क्या है एवं कार्य (Namespace)
Ans- नेमस्पेस केवल एक नाम है जिसका उपयोग ऑब्जेक्ट के माइक्रोसॉफ्ट लायब्रेरी को रेफर करने में होता है। उदाहरण के लिए System. Data तथा System. XML डिफॉल्ट वी.बी. डॉट नेट विण्डोज़ एप्लीकेशन सामान्य रेफ्रेन्स (typical references) होते हैं तथा उनमें विद्यमान ऑब्जेकट के संकलन को System.Data नेमस्पेस तथा System.XML नेमस्पेस कहा जाता है।

जब आप एक्स. एम. एल. का उपयोग कर रहे हैं तो नेमस्पेस एलिमेन्ट टाइप तथा एट्रिब्यूट नाम का संकलन होता है। ये एलिमेण्ट टाइप तथा एट्रिब्यूट के नाम एक्स. एम. एल. नेमस्पेस के नाम द्वारा अनोखे तरीके से पहचाना जाता है जो उस का अंश होता है। एक्स. एम. एल. में नेमस्पेस को यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेन्टिफायर (uniform resource identifier) का नाम यथा वेब साइट पता दिया जाता है। दोनों इसलिए कि नेमस्पेस साइट से संबद्ध हो सकता है तथा क्योंकि यू. आर. आई एक अनोखा नाम होता है।

जब इस तरह से उपयोग किया जाता है तब यू. आर. आई. नाम के अतिरिक्त किसी भी प्रकार से उपयोग नहीं किया जाता है तथा उस पते पर कोई डॉक्यूमेन्ट या एक्स. एम. एल. स्केमा नहीं होता है।

Question-31: ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य (Object)
Ans ऑब्जेक्ट एक सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट है, जिसके अपने प्रॉपर्टी तथा मेथड होते हैं। इसे यूजर इंटरफेस अवयव के रूप में रेफर किया जाता है जो आप टूलबॉक्स कंट्रोल के लिए वी.बी. फॉर्म पर बनाते हैं।

Question-32: ऑब्जेक्ट लायबेरी क्या है एवं कार्य (Object Library)
Ans ऑब्जेक्ट लायब्रेरी एक फाइल होता है। इसका विस्तारक .olb होता है। यह ऑटोमेशन कंट्रोलर को उपलब्ध ऑब्जेक्ट के बारे में सूचना देता है। विजुअल बेसिक ऑब्जेक्ट ब्राउजर को FT की सहायता से खोलकर आप सभी उपलब्ध ऑब्जेक्ट लायब्रेरी को देख सकते हैं।

Question-33: ओ. एल. ई. क्या है एवं कार्य (OLE)
Ans- ओ. एल. ई. का पूर्ण रूप ऑब्जेक्ट लिंकिंग एण्ड एम्बेडिंग (Object Linking and Embedding) होता है। इस तकनीक को सबसे पहले विण्डोज 3.1 में परिचित करवाया गया था। ओ. एल. ई. कम्पाउण्ड डॉक्यूमेन्ट के निर्माण को सम्भव बनाता है। कम्पाउण्ड डॉक्यूमेन्ट से तात्पर्य वैसे डॉक्यूमेन्ट से है जिसमें एक से अधिक एप्लीकेशन के सामग्री बनाये जा सकते हैं।

उदाहरण के लिए एक्सेल के मूल स्प्रेडशीट तथा पावरप्वाइण्ट के प्रेजेंटेशन के साथ वर्ड डॉक्यूमेंन्ट का बनाना। डाटा को लिंक या इम्बेड प्रक्रिया के द्वारा प्रदान किया जा सकता है। इसी दोनों प्रक्रिया पर इसका नाम भी है। ओ. एल. ई. अब सर्वर तथा नेटवर्क पर भी उपलब्ध है तथा पहले से ज्यादा उपयोगी है।

Question-34: ओ. ओ. पी. क्या है एवं कार्य (OOP)
Ans- ओ. ओ. पी. का पूर्ण रूप ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (Object Oriented Programming) होता है। यह एक प्रोग्रामिंग आर्किटेक्चर है जो प्रोग्राम के मूलभूत निर्माणकर्ता ब्लॉक के रूप में ऑब्जेक्ट के उपयोग पर बल देता है। यह निर्माणकारी ब्लॉक को बनाने की एक विधि प्रदान कर पूरा किया जाता है। इसलिए ये डाटा तथा फंक्शन दोनों ही को शामिल करते हैं जो इंटरफेस के माध्यम से एक्सेस किया जाता है।

डाटा तथा फंक्शन को वी.बी. डॉट नेट में प्रॉपर्टीज तथा मेथड कहा जाता है। ऊप की परिभाषा विवादास्पद रहा है क्योंकि कुछ ऊप विशेषज्ञ इस बात पर बल देते हैं कि सी++ तथा जावा ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड हैं तथा वी.बी.6 ऐसा नहीं था। उनका ऐसा मानना इसलिए है क्योंकि ऊप के फीचर में इनहेरिटेन्स, पॉलिमॉर्फिज्म तथा एनकैप्सूलेशन तीन स्तम्भ हैं तथा वीबी 6 में इनहेरिटेन्स नहीं था।

अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि वी.बी.6 द्विआधारी रियूजेबल कोड ब्लॉक्स बनाने के लिए लाभकारी था और इसीलिए यह ऊप होने के लिए काफी है। लेकिन वी.बी. डॉट नेट के साथ ही यह विवाद समाप्त हो जाता है क्योंकि वी.बी. डॉट नेट संपूर्ण ऊप है और स्पष्ट रूप से इनहेरिटेन्स का उपयोग करता है।

Question-35: प्रॉपर्टी क्या है एवं कार्य (Property)
Ans प्रॉपर्टी किसी ऑब्जेक्ट का नाम वाला (ऐसा एट्रिब्यूट जिसका नाम हो यथा Name, Text) एक एट्रिब्यूट होता है। उदाहरण के लिए प्रत्येक टूल का एक Name प्रॉपर्टी होता है। प्रॉपर्टी को डिजायन टाइम तथा रन टाइम दोनों ही में सेट किया जा सकता है।

Question-36: स्कोप क्या है एवं कार्य (Scope)
Ans स्कोप प्रोग्राम का वह हिस्सा होता है, जहाँ वेरियेबल को पहचाना जा सकता है तथा स्टेटमेन्टस में उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि कोई वेरियेबल फॉर्म के डिक्लेअरेशनस सेक्शन में डिक्लेयर किया जाता है, तब वेरियेबल उस फॉर्म के किसी प्रोसीजर में उपयोग (यथा फॉर्म पर बटन के लिए क्लिक इवेण्ट) किया जा सकता है।

Question-37: एक्स. एम. एल. क्या है एवं कार्य (XML)
Ans एक्स. एम. एल. का पूर्ण रूप एक्स्टेंसिंबल मार्कअप भाषा (eXtensible Markup Language) है। इसकी सहायता से डिजायनर सूचना हेतु अपना कस्टमाइज किया गया मार्कअप टैग्स बनाते हैं। एप्लीकेशनों के मध्य अधिक लचीलापन (flexibility) तथा शुद्धता के साथ सूचना को परिभाषित करना, वैलिडेट करना, ट्रांसमीट करना तथा इंटरप्रेट करना यह संभव बनाता है। एक्स. एम. एल. स्पेसिफिकेशन को वर्ल्ड वाइड वेब कॉनसॉर्टियम (World Wide Web Consortium) या डब्ल्यू थ्री सी (W3C) द्वारा विकसित किया गया था। परन्तु एक्स. एम. एल. का उपयोग वेब के अतिरिक्त भी कई एप्लिकेशनों में होता है। वी.बी. डॉट नेट तथा सभी माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट प्रोद्यौगिकी व्यापक स्तर पर एक्स. एम. एल. का उपयोग होता है।

Question-38: पॉलिमॉर्फिज्म क्या है एवं कार्य (Polymorphism)
Ans पॉलिमॉर्फिज्म ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग का एक महत्त्वपूर्ण स्तम्भ है। पॉलिमॉर्फिज्म का शाब्दिक अर्थ कई रूप वाला (many forms) होता है। दो अलग-अलग टाइप के अलग-अलग ऑब्जेक्ट द्वारा एक ही मेथड को लागू करने की क्षमता को पॉलिमॉफिज्म कहते हैं। उदाहरण के लिए आप GetLicense नामक सरकारी एजेन्सी के लिए एक प्रोग्राम लिख सकते हैं परन्तु लाइसेंस किसी भी वस्तु का हो सकता है। विजुअल बेसिक अलग-अलग वस्तु के लाइसेंस के लिए ऑब्जेक्ट्स को कॉल करने में उपयोग होने वाले पैरामीटर में फर्क होता है। वी.बी. 6 तथा वी.बी. डॉट नेट दोनों ही में पॉलिमॉर्फिज्म उपलब्ध है, परन्तु दोनों ही इसे करने के लिए अलग आर्किटेक्चर का उपयोग करते हैं।

Question-39: क्लाइण्ट एरिया क्या है एवं कार्य (Client Area)
Ans टूलबार, मेन्यूबार तथा स्टेटस बार को छोड़कर विण्डोज आधारित एप्लीकेशन का शेष हिस्सा क्लाइण्ट एरिया कहलाता है।

Question-40: क्लाइण्ट कॉर्डिनेट्स क्या है एवं कार्य (Client Coordinates)
Ans वह कोर्डिनेट्स जिसमें X तथा Y स्क्रीन पोजीशन एप्लीकेशन के ऊपरी बायें कोने के सापेक्ष में स्पष्ट किया जाता है। जो मूल (0,0) के रूप में जाना जाता है। दायें से बायें एप्लीकेशन में ऊपरी दायीं कोना मूल (0.0) होता है।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट-4 | Visual Basic Component Object – Best Info

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट क्या होतें हैं एवं उपयोग - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट क्या होतें हैं एवं उपयोग - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट क्या होतें हैं एवं उपयोग – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई.परिचय (Introduction) – इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप यदि पहले से विजुअल बेसिक प्रोग्रामर है तो यह जान जायेंगे कि विजुअल बेसिक में किया गया कोड संग्रह व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इस लेख में कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल, कॉम+, डॉट नेट, ओ.एल.ई को विस्तार से रोचकपूर्वक समझाया गया है।

इस पार्ट में हम जानेंगे – कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग करने के लिए कोड जोड़ना, कॉम कम्पोनेण्ट को सीधे-सीधे उपयोग करना (Using the COM Component Directly), कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग करने के लिए कोड को जोड़ना, यूजर कण्ट्रोलज (User Controls), ऑब्जेक्ट लिकिंग एण्ड इम्बेडिंग (Object Linking And Embedding), माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के साथ इंटरफेस करना (Interfacing With Microsoft Office) के बारे में

कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग करने के लिए कोड को जोड़ना (Adding Code to Use the Com Component)

अब आप कोड को लिखने के लिए तैयार हैं जो Temperature क्लास के मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट का उपयोग करता है। इसके लिए View तथा Code का चयन करें तथा इस कोड को लिखें –
Private WithEvents moTemp As PhysServer.Temperature
Private Sub btnConvertToC_Click (ByVal sender As System. Object, ByVal e As_
System.EventArgs) Handles btnConvertToC.Click
lblBelowFreezing.Visible = False
lblAboveBoiling.Visible =False
With moTemp
.Fahrenheit = txtFahrenheit.Text
txtCelsius. Text = GetCelsius

End with
End Sub

Private Sub btnConvertToF_Click(ByVal Sender As System. Object, ByVal e As System. EventArgs)_
Handles btnConvertToF.Click
lblBelowFreezing.Visible =False
lblAboveBoiling.Visible=False
With no Temp
.Celsius = txtCelsius. Text
txtFahrenheit.Text = .GetFahrenheit
End With
Private Sub frm Temperature_Load(ByVal Sender As System Object,
ByVal e As System.EventArgs) Handles MyBase.Load
moTemp = New PhysServer.Temperature() 

End Sub

Private Sub mo Temp_Above Boiling0 Handles moTemp. Above Boiling
TblAboveBoiling. Visible = True
End Sub
Private Sub moTemp BelowFreezing0 Handles moTemp.BelowFreezing
IblBelow Freezing. Visible = True
End Sub

नोट : लायब्रेरी के नाम के अपवाद के साथ यह वही कोड है जो आपने PhysServerTest प्रोजेक्ट के पहले संस्करण में उपयोग किया था।
Temperature क्लास को कार्य करवाने के लिए F5 की दबाकर प्रोजेक्ट को शुरू करें।
Fahrenheit टेक्स्ट बॉक्स में 77 टाइप करें तथा Convert to C को क्लिक करें। Celsius बॉक्स में 25 दिखेगा।
इसी प्रकार Celsius बॉक्स में 17 प्रविष्ट करें तथा Convert to F क्लिक करें। Fahrenheit बॉक्स में 14 दिखेगा तथा Below Freezing लेबल हाइलाइट हो जायेगा।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट एवं उपयोग – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट क्या होतें हैं एवं उपयोग - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट क्या होतें हैं एवं उपयोग – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

यूजर कण्ट्रोलज (User Controls)

यूजर कण्ट्रोल वैसे कण्ट्रोल होते हैं, जिन्हें यूजर द्वारा बनाए जाते हैं तथा वे System. Windows. Forms.User Control क्लास पर आधारित होते हैं। स्टैण्डर्ड कण्ट्रोल की तरह ही यूजर कण्ट्रोलस प्रॉपर्टी, मेथड तथा इवेण्ट को सपोर्ट करते हैं। एक बार यूजर कंट्रोल बन जाने के बाद यह किसी एक फॉर्म पर या कई फॉर्म पर अन्य कण्ट्रोल की तरह ही जोड़े जा सकते हैं।

1- यूजर कण्ट्रोल बनाना (Creating a user Control) – यूजर कण्ट्रोल बनाने के लिए निम्न पदों का अनुसरण करें –

  • विजुअल स्टूडियो खोलें।
  • File → New Project… का चयन कर New Project डायलॉग बॉक्स को खोलें।
  • स्क्रीन के बायीं ओर Project Types: से Windows Applications का चयन करें तथा Templates से Windows Control Library का चयन करें। Name टेक्स्ट बॉक्स में WindowsControlLibrary1 रहने दें यह वी.बी. डॉट नेट द्वारा दिया जाने वाले डिफॉल्ट नाम है।
  • OK क्लिक करें। इसके बाद आपको फॉर्म डिज़ायनर दिखेगा।
  • यह कुछ बॉर्डर रहित फॉर्म की तरह दिखता है। इस पर एक लेबल तथा एक टेक्स्टबॉक्स टूलबॉक्स से जोड़ें। 
  • उसके बाद फॉर्म को दो बार क्लिक करें और Public Class UserControl1 तथा End Class के मध्य इस कोड को टाइप करें –


Public Property sanText() As String
Get
san Text = TextBox 1. Text
End Get
Set (ByVal value As String)
TextBox1.Text = value
End Set
End Property
Public Property sanLbl() As String
Get

sanLbl = Label1. Text
End Get
Set(ByVal value As String )
Label1.Text = value

End Set

End Property

उपरोक्त कोड प्रॉपर्टी get तथा प्रॉपर्टी set युग्म के साथ sanText() तथा sanLbl प्रॉपर्टी को लागू करता है। एक बार कोड टाइपिंग हो जाने के बाद Build → Build Solution का उपयोग कर .dll (डायनमिक लिंक लायब्रेरी) फाइल बनाने के लिए सॉल्यूशन बनाएँ जिसे हमें इंगित करना है। dill फाइल इस यूजर कंट्रोल को अन्य प्रोजेक्ट के लिए भी उपलब्ध कराता है। सॉल्यूशन निर्माण समाप्त होने के बाद हमें इस यूजर कंट्रोल को टूलबॉक्स में जोड़कर अन्य प्रोजेक्ट तथा फॉर्म के लिए इसको उपलब्ध कराना होता है। इसे करने के लिए एक नया विण्डोज़ फॉर्म खोलें या पहले से उपलब्ध फॉर्म को ही रहने दें। टूलबॉक्स के Windows Form टैब खण्ड में दायाँ क्लिक करें।

  • पॉप अप मेन्यू से Choose Items… को क्लिक करें। परिणामस्वरूप Choose Toolbox Items डायलॉग बॉक्स खुलेगा।
  • इस डायलॉग बॉक्स में .Net Framework Components को क्लिक करें, जो एक सूची को डिस्प्ले करता है। Browse को क्लिक करें। तदुपरांत Open डायलॉग बॉक्स खुलेगा। प्रोजेक्ट फोल्डर के Bin फोल्डर में उस WindowsControlLibrary1.dll फाइल को लोकेट करें जिसे अभी-अभी बनाया गया है तथा Open को क्लिक करें।
  • उसके बाद आप देखेंगे कि जो आपने अभी यूजर कंट्रोल (UserControl1) बनाया है वह .NET Framework Components के द्वारा प्रदर्शित सूची में जुड़ गया है। उसका चयन करें तथा OK क्लिक करें। उसके बाद वह यूजर कंट्रोल (UserControl1)। टूलबॉक्स में जुड़ जाता है। अब इस कंट्रोल का उपयोग अन्य कंट्रोल की ही तरह टूलबॉक्स में किया जा सकता है। 

2- यूजर कंट्रोल का उपयोग करना (Using the User Control) – UserControll नाम से जो अभी हमने यूजर कंट्रोल बनाया, उसे किसी अन्य कंट्रोल की तरह ही किसी भी फॉर्म पर जोड़ा जा सकता है। इसे देखने के लिए यह करें –

  • विण्डोज़ फॉर्म खोलें तथा फॉर्म पर इसे जोड़ने के लिए टूलबॉक्स पर उस यूजर कंट्रोल को दो बार क्लिक करें।
  • Button1 को दो बार क्लिक करें तथा Buttonl_Click इवेण्ट हैण्डलर में इस कोड को लिखें –
    Private Sub Butonl_Click (ByVal Sender As System.Object, ByVal e As_
    System.EventArgs) Handles Button1.Click
    MessageBox.Show (“TextBox1” & UserControll.sanText())
    MessageBox.Show (“Labell” & UserControll.sanLbl()) 

End Sub

  • प्रोग्राम को F5 दबाकर रन करें। टेक्स्ट बॉक्स में टेक्स्ट डालें। जब आप बटन को क्लिक करते हैं, तो टेक्स्ट बॉक्स में प्रविष्ट टेक्स्ट संदेश बॉक्स में प्रकट होता है। अब आप समझ गये होंगे कि यूजर कंट्रोल को बनाने के बाद इसे किस प्रकार उपयोग करते हैं।

ऑब्जेक्ट लिंकिंग एण्ड इम्बेडिंग (Object Linking And Embedding)

ऑब्जेक्ट लिकिंग एण्ड इम्बेडिंग को संक्षेप में ओ.एल.ई. से जाना जाता है। ओ.एल.ई. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा (विण्डोज 3.1 से ही) विकसित एक फ्रेमवर्क है जिसकी सहायता से आप एक एप्लिकेशन के डॉक्यूमेण्ट से ऑब्जेक्ट लेकर दूसरे में उन्हें स्थित कर सकते है। उदाहरण के लिए आप फोटो संपादन प्रोग्राम से इमेज को किसी वर्ड प्रोसेसिंग डॉक्यूमेण्ट में मूव कर सकते हैं।

ओ.एल.ई. को प्रारम्भ में कम्पाउण्ड डॉक्यूमेण्ट्स के मध्य अथवा वैसे डॉक्यूमेण्ट जो कई प्रकार के डाटा को सपोर्ट करते हैं के मध्य ऑब्जेक्ट को लिंक करने के लिए बनाया गया था। माइक्रोसॉफ्ट ने तब से ओ.एल.ई. को एक व्यापक स्टैण्डर्ड में बदल दिया है जो कॉम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Component Object Model) या कॉम के नाम से जाना जाता है। कॉम को मैक, यूनिक्स तथा विण्डोज सिस्टम द्वारा सपोर्ट किया जाता है।

यद्यपि इसे प्राथमिक रूप से माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज के साथ ही उपयोग किया जाता है। कॉम फ्रेमवर्क एक्टिव एक्स का फाउण्डेशन होता है जो वेब के लिए इंटरएक्टिव सामग्री बनाने में सहायता करता है। जब आप किसी ऑब्जेक्ट को एक एप्लिकेशन (मूल) से किसी अन्य एप्लिकेशन (गंतव्य) में लिंक करते हैं तो दोनों एप्लिकेशन के मध्य एक संबंध स्थापित रहता है तथा मूल ऑब्जेक्ट में हुए बदलाव लिंक्ड ऑब्जेक्ट में भी प्रकट होते हैं।

परन्तु जब आप किसी ऑब्जेक्ट को एक एप्लिकेशन से दूसरे एप्लिकेशन में इम्बेड करते हैं तो यह मात्र उस ऑब्जेक्ट की एक कॉपी होती है। तथा इम्बेडेड ऑब्जेक्ट में किये गये बदलाव केवल उसी एप्लिकेशन में ही रहते हैं। इम्बेडेड ऑब्जेक्ट में हुए संशोधन या मूल ऑब्जेक्ट में हुए संशोधन एक दूसरे को प्रभावित नहीं करते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के साथ इंटरफेस करना (Interfacing With Microsoft Office)

आपके एप्लिकेशन को यदि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के किसी सदस्य यथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल को जोड़ने की आवश्यकता है तो यह आप बहुत सहज तरीके से डिजायन समय तथा कोड दोनों के माध्यम से कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप अपने फॉर्म पर एक्सेल स्प्रेडशीट को जोड़ना चाहते हैं तो इन पदों का अनुसरण करें-

  1. File मेन्यू से New Project… का चयन करें या विकल्प के रूप में CTRL+N दबाएँ।
  2. तत्पश्चात् New Project डायलॉग बॉक्स प्रकट होगा। Project types: से Visual Basic तथा Templates: से
  3. Windows Application का चयन करें। Name टेक्स्ट बॉक्स में डिफॉल्ट नाम रहने दे। तथा OK को क्लिक करें।
  4. उसके बाद फॉर्म डिजायनर दिखेगा।
  5. अब एक्सेल स्प्रेडशीट को फॉर्म पर जोड़ने के लिए Tools मेन्यू से Choose Toolbox Items… का चयन करे।
  6. तत्पश्चात् Choose Toolbox Items डायलॉग बॉक्स दिखेगा।
  7. Choose Toolbox Items डायलॉग बॉक्स से COM Components टैब का चयन करें। तथा Microsoft Office SpreadSheet 10.0 चेकबॉक्स को क्लिक करें। तथा OK को क्लिक करें।
  8. उसके बाद आप देखेंगे कि टूलबॉक्स पर General के अंदर Microsoft Office Spreadsheet कंट्रोल जुड़ जायेगा।
  9. अब आप किसी भी सामान्य कंट्रोल की तरह इसे फॉर्म पर जोड़ने के लिए दो बार क्लिक करें। इसे फॉर्म पर स्प्रेडशीट को रखे। तथा रन करने के पश्चात् यह पूरे फॉर्म पर फैला रहे इसके Anchor प्रॉपर्टी को Top, Left Right, Bottom सेट करें।
  10. F5 दबाकर इसे रन करें। आप देखेंगे कि फॉर्म पूरा एक स्प्रेडशीट में बदल गया। इस पर आप वह सब कार्य कर सकते
    हैं जो एक स्प्रेडशीट में करते हैं।

आज आपने क्या सीखा (What Did You Learn Today)

  1. कॉम का पूर्ण रूप कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Component Object Model) होता है। यह माइक्रोसॉफ्ट प्रौद्योगिकी है। इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज परिवार के ऑपरेटिंग सिस्टम में सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट के साथ कम्यूनिकेट करने में होता है।
  2. कॉम का उपयोग विकासकर्ताओं के द्वारा रि-यूजेबल सॉफ्टवेयर कम्पोनेण्टस (reusable software components) को बनाने, एप्लिकेशनों को बनाने में, इन कम्पोनेन्ट्स को लिंक करने में तथा विण्डोज सेवाओं के लाभ को प्राप्त करने में होता है। कॉम ऑब्जेक्ट्स कई प्रकार के प्रोग्रामिंग भाषाओं के साथ बनाये जा सकते हैं।
  3. सी++ जैसी ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड भाषाएँ ऐसी प्रोग्रामिंग मैकेनिज्म उपलब्ध कराते हैं जो कॉम ऑब्जेक्ट के कार्यान्वयन को सरल बनाते हैं।
  4. कॉम प्रौद्योगिकी के परिवार में कॉम+, डिस्ट्रीब्यूटेड कॉम (DCOM) तथा एक्टिवएक्स (ActiveX) कंट्रोल शामिल है
  5. माइक्रोसॉफ्ट डायरेक्ट शो (Direct Show), मीडिया फाउण्डेशन (Media Foundation), पैकेजिंग ए.पी.आई. (Packaging API), विण्डोज एनिमेशन प्रबंधक (Windows Animation Manager), विण्डोज पोर्टेबल डिवाइसेज (Windows Portable Devices) तथा माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव डायरेक्ट्री (Microsoft Active Directory) जैसे कई विण्डोज एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज़ के लिए कॉम इंटरफेसेज उपलब्ध कराता है।
  6. कॉम का उपयोग माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस परिवार के उत्पादों जैसे एप्लिकेशनों में होता है। उदाहरण के लिए कॉम ओ. एल. ई. (Com OLE) प्रौद्योगिकी वर्ड डॉक्यूमेन्ट्स को एक्सेल स्प्रेडशीट के डाटा को डायनामिक रूप से (dynamically) लिंक करने की अनुमति देते हैं तथा कॉम ऑटोमेशन यूजर को एक ही टास्क को बार-बार करने के लिए अथवा एक एप्लिकेशन से किसी दूसरे एप्लिकेशन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एप्लिकेशनों में स्क्रिप्टस बनाने की अनुमति देते हैं।
  7. कॉम+ कॉम आधारित सेवाओं तथा प्रौद्योगिकियों का नाम है। यह सबसे पहले विण्डोज 2000 में रिलीज किया गया। कॉम+ कॉम कम्पोनेन्ट्स की प्रौद्योगिकी तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन सर्वर (Microsoft Transaction Server) के एप्लिकेशन होस्ट को एक साथ लेकर आया।
  8. कॉम+ रिसोर्स पूलिंग (resources pooling), असंयोजित एप्लिकेशनों (disconnected applications), इवेण्ट प्रकाशन (event publication) तथा सब्सक्रिप्शन (Subscription) तथा डिस्ट्रिब्यूटेड ट्रांजेक्शन्स (distributed transaction) जैसे प्रोग्रामिंग कार्यों को स्वयं हैण्डल करता है।
  9. कॉम+ माइक्रोसॉफ्ट कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Microsoft Component Object Model) तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन्स सर्वर (Microsoft Transactions Server) का विकसित रूप है। कॉम+ कॉम, एम.टी.एस. तथा अन्य कॉम आधारित प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर लिखे गये एप्लिकेशनों को विकसित तथा विस्तृत करता है।
  10. कॉम+ कई रिसोर्स प्रबंधन कार्यों (resource management tasks) तथा थ्रेड आवंटन (thread allocation), सुरक्षा (security) इत्यादि स्वयं हैण्डल करता है, जिसके लिए पहले आप को प्रोग्राम करना पड़ता था। कॉम+ आपके एप्लिकेशनों को थ्रेड पूलिंग (thread pooling), ऑब्जेक्ट पूलिंग (object pooling) तथा जस्ट इन टाइम एक्टिवेशन उपलब्ध कराकर अधिक स्केलेबल (scalable) बनाता है।
  11. कॉम+, ट्रांजैक्शन सपोर्ट (transaction support) प्रदान कर आप के डाटा की अखण्डता की सुरक्षा में सहायक होता है तब भी जब नेटवर्क पर एक से अधिक डाटाबेस पर ऑपरेशन हो रहा होता है।
  12. कॉम+ का उपयोग विण्डोज के लिए इंटरप्राइज स्तर, मिशन क्रिटिकल, डिस्ट्रीब्यूटेड एप्लिकेशनों का निर्माण करने में किया जा सकता है।
  13. कॉम+ को मुख्य रूप से माइक्रोसॉफ्ट विजुअल सी++ तथा माइक्रोसॉफ्ट विजुअल बेसिक विकासकर्त्ताओं के लिए डिजायन किया गया है।
  14. कॉम+ 1.0 संस्करण विण्डोज 2000 में सम्मिलित किया गया था तथा कॉम+1.5 संस्करण को विण्डोज एक्स. तथा विण्डोज सर्वर 2003 तथा उनके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टमों में सम्मिलित किया गया है। 
  15. ऑब्जेक्ट लिंकिंग एण्ड इम्बेडिंग को संक्षेप में ओ.एल.ई. से जाना जाता ओ.एल.ई. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा (विण्डोज 3.1 से ही) विकसित एक फ्रेमवर्क है जिसकी सहायता से आप एक एप्लिकेशन के डॉक्यूमेण्ट से ऑब्जेक्ट लेकर दूसरे में उन्हें स्थित कर सकते है। उदाहरण के लिए आप फोटो संपादन प्रोग्राम से इमेज को किसी वर्ड प्रोसेसिंग डॉक्यूमेण्ट में मूव कर सकते हैं।
  16. जब आप किसी ऑब्जेक्ट को एक एप्लिकेशन (मूल) से किसी अन्य एप्लिकेशन (गंतव्य) में लिंक करते हैं तो दोनों एप्लिकेशन के मध्य एक संबंध स्थापित रहता है तथा मूल ऑब्जेक्ट में हुए बदलाव लिंक्ड ऑब्जेक्ट में भी प्रकट होते हैं।
  17. कोड जो डॉट नेट कॉमन लैंग्वेज रनटाइम (Common Language Runtime) के अंदर ऑपरेट होते हैं, पैनेजड कोड (managed code) कहे जाते हैं। इन कोड को सी. एल. आर. की सेवाओं यथा क्रॉस भाषा इंटिग्रेशन, सिक्यूरिटी तथा वर्जनिंग सपोर्ट, गारबेज संकलन का सीधा एक्सेस प्राप्त होता है।
  18. कोड जो सी. एल. आर. के अंदर ऑपरेट नहीं होते, अनमैनेजड कोड (unmanaged code) कहलाते हैं। क्योंकि कॉम को सी. एल. आर के अस्तित्व में आने से पहले डिज़ायन किया गया था, कॉम कोड सी. एल. आर के द्वारा प्रदान किये गये इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंदर ऑपरेट नहीं होते हैं। ये सी. एल. आर के किसी भी सेवा का उपयोग नहीं कर सकते हैं। परिभाषा के अनुसार आपके सभी कॉम कम्पोनेन्टस अनमैनेज्ड् कोड होते हैं।
  19. मैनेजड कोड कम्पोनेन्ट्स केवल सी. एल. आर पर निर्भर ही नहीं रहते, बल्कि उन्हें उन कम्पोनेन्ट की थी आवश्यकता पड़ती है, जिसके साथ वे सी. एल. आर. पर निर्भर रहने के लिए इंटरएक्ट भी करते हैं। क्योंकि कॉम कम्पोनेण्ट्स सी. एल. आर. के अंदर ऑपरेट नहीं होते, वे मैनेज्ड कोड कम्पोनेण्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने में सक्षम नहीं होते हैं। अनमैनेज्ड कोड मैनेजड कम्पोनेन्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने के लिए सी. एल. आर. में नहीं पहुँच सकते। इस परिस्थिति से बाहर आने के लिए प्रॉक्सी (proxy) का उपयोग होता है।
  20. विजुअल स्टूडियो कई महत्वपूर्ण टूल्स में कमाण्ड प्रॉम्प्ट टूल भी उपलब्ध कराता है। आप कई महत्वपूर्ण कार्य इसकी सहायता से कर सकते हैं। इसको खोलने के Start को क्लिक करें। All Programs को इंगित करें। Microsoft Visual Studio 2005 को इंगित करें। Visual Studio Tools को इंगित करे तथा Visual Studio 2005 Command Prompt का चयन करें।
  21. यूजर कण्ट्रोल वैसे कण्ट्रोल होते हैं, जिन्हें यूजर द्वारा बनाए जाते हैं तथा वे System. Windows. Forms, User Control
  22. क्लास पर आधारित होते हैं। स्टैण्डर्ड कण्ट्रोल की तरह ही यूजर कण्ट्रोलस प्रॉपर्टी, मेथड तथा इवेण्ट को सपोर्ट करते हैं। एक बार यूजर कंट्रोल बन जाने के बाद यह किसी एक फॉर्म पर या कई फॉर्म पर अन्य कण्ट्रोल की तरह ही जोड़े जा सकते हैं।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट-3 | Visual Basic Component Object – Best Info

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के कार्य – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई.परिचय (Introduction) – इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप यदि पहले से विजुअल बेसिक प्रोग्रामर है तो यह जान जायेंगे कि विजुअल बेसिक में किया गया कोड संग्रह व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इस लेख में कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल, कॉम+, डॉट नेट, ओ.एल.ई को विस्तार से रोचकपूर्वक समझाया गया है।

इस पार्ट में हम जानेंगे – TLBIMP के साथ मेटाडाटा को बदलना (Converting Metadata with TLBIMP), कॉम कम्पोनेन्ट्स का सीधे-सीधे उपयोग करना (Using COM Components Directly), TLBIMP तथा डायरेक्ट रेफ्रेन्स के बीच का चयन करना, कॉम को डॉट नेट से कॉल करना (Calling COM from .NET), कॉम कम्पोनेण्ट को इंस्टॉल करना (Installing the COM Component), TLBimp का उपयोग कर असेम्बली बनाना (Creating an Assembly using TLBIMP), परीक्षण प्रोजेक्ट को बनाना (Creating the Test Project) के बारे में

TLBIMP के साथ मेटाडाटा को बदलना (Converting Metadata with TLBIMP)

निस्संदेह डॉट नेट पब्लिक इंटरफेसेस को वर्णन करने के लिए मेटाडाटा का उपयोग करने वाला पहला नहीं है। वास्तव में, कॉम टाइप लायब्रेरी में कॉम कम्पोनेन्ट्स को पब्लिक इंटरफेस का वर्णन करने के लिए मेटाडाटा रखते हैं। आर. सी. डब्ल्यू का कार्य इस कॉम मेटाडाटा को डॉट नेट मेटाडाटा में बदलने का है। इस रूपान्तरण को सम्पन्न करने का एक टूल है जो tlbimp (type library importer) कहा जाता है तथा यह डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट के एक भाग के रूप में प्रदान किया जाता है। Tlbimp कॉम टाइप लायब्रेरी से मेटाडाटा पढ़ता है तथा कॉम कम्पोनेण्ट को कॉल करने के लिए मिलता-जुलता एक CLR असेम्बली बनाता है।

नोट : यदि आप विजुअल बेसिक के साथ ActiveX DLL या ActiveX Exe बनाते हैं, तब टाइप लायब्रेरी DLL या exe फाइल के अंदर इम्बेड होता है।

tlbimp एक कमाण्ड लाइन टूल है, जिसमें क्रिप्टोग्राफी की के साथ रिज़ल्टिंग असेम्बली को साइन करना, या टाइप लायब्रेरी में बाहरी रेफ्रेन्स को रिसॉल्व करने जैसे वस्तुओं के लिए कई विकल्प हैं। इसके सभी विकल्पों को देखने के लिए tlbimp/ ? कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर टाइप करें। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण विकल्प /out है, जिसकी सहायता से आप रिज़ल्टिंग डॉट नेट असेम्बली के लिए नाम स्पष्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, support.dll नामक विजुअल बेसिक ActiveX DLL को NET Support.dll नामक एक मिलते-जुलते डॉट नेट असेम्बली में बदलने के लिए आप इस कमाण्ड लाइन का प्रयोग कर सकते हैं।
tlbimp Support.dll                      /out : NETsupport.dll

कॉम कम्पोनेन्ट्स का सीधे-सीधे उपयोग करना (Using COM Components Directly)

विजुअल बेसिक डॉट नेट विकासकर्त्ता के रूप में आपके पास कॉम कम्पोनेन्टस सीधे-सीधे उपयोग करने का विकल्प उपलब्ध होता है। कम से कम यह इस तरह दिखता तो है कि आप प्रोग्राम कर रहे हैं, फिर भी अनमैनेज्ड कोड के ऑब्जेक्ट को प्राप्त करने के लिए रनटाइम कॉलेबल रैपर्स (Runtime Callable Wrappers) का उपयोग कर रहे हैं। यदि आप किसी विजुअल बेसिक डॉट नेट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं तथा कॉम कम्पोनेन्ट्स का रेफ्रेन्स जोड़ना चाहते हैं तो निम्न पदों का अनुसरण करें –

  1. Project को क्लिक करें तथा Add Reference का चयन करें। 
  2. Add Reference डायलॉग बॉक्स में COM टैब का चयन करें।
  3. उस टाइप लायब्रेरी का चयन करें जो आप लिस्ट में से चाहते हैं तथा Select का चयन करें, या Browse बटन को क्लिक करें तथा उस कम्पोनेण्ट को लोकेट करें, जो सूचि में नहीं है। चयनित कम्पोनेण्ट्स डायलॉग बॉक्स में जुड़ जायेगा।
  4. OK को क्लिक कर अपने विजुअल बेसिक डॉट नेट प्रोजेक्ट में चयनित टाइप लायब्रेरी के लिए रनटाइम कॉलेबल रैपर का निर्माण करें।

जब आप ऐसा करते हैं तो आप देखेंगे कि विजुअल बेसिक डॉट नेट आपके प्रोजेक्ट के /bin फोल्डर में एक dil बनाता है जिसका नाम मूल कॉम कम्पोनेण्ट के नाम से लिया गया है। उदाहरण के लिए, यदि इस विधि से BackEnd.dil संस्करण 2.0 का रेफ्रेन्स लेते हैं तो विजुअल बेसिक डॉट नेट Interop. BackEnd_2_0.d11 फाइल में आर.सी.डब्ल्यू, (RCW) बनाता है।

कॉम कम्पोनेण्ट को सीधे-सीधे उपयोग में लाने के इस शॉट कट विधि की सबसे बड़ी कमी यह है कि रिजस्टिंग कोड को साइन करने का कोई उपाय नहीं है। परिणामस्वरूप, आप ग्लोबल असेम्बली कैश (Global Assembly Cache) में कोड को नहीं रख सकते हैं, जो एक से अधिक डॉट नेट एप्लिकेशनों के द्वारा इस कम्पोनेण्ट को शेअर करना असम्भव बनाता है।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट के कार्य – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

TLBIMP तथा डायरेक्ट रेफ्रेन्स के बीच का चयन करना (Choosing between TLBIMP and Direct Reference)

यद्यपि डॉट नेट कोड कॉम कम्पोनेण्ट को कॉल करने हेतु दोनों ही विधि के उपयोग को मान्यता देता है, परन्तु दोनों ही के चयन का अपना कारण है –

  1. कॉम कम्पोनेण्ट के लिए जो केवल एक विजुअल बेसिक डॉट नेट प्रोजेक्ट के द्वारा उपयोग किया जायेगा तथा जिसे आपने स्वयं लिखा है, कोई अतिरिक्त कार्य करने के बजाय सीधा रेफ्रेन्स (direct reference) का उपयोग करता है। यह मेथड एक पूरी तरह प्राइवेट कम्पोनेण्ट के लिए ही उपयुक्त है, जिसे शेअर होने की आवश्यकता नहीं है।
  2. यदि एक कॉम कम्पोनेण्ट कई प्रोजेक्ट के द्वारा शेयर किया जाता है तो tlbimp का उपयोग करें ताकि आप रिजल्टिंग असेम्बली (resulting assembly) को साइन कर इसे ग्लोबल असेम्बली कैश (Global Assembly Cache) में रख सकें। शेयर्ड कोड का साइन होना आवश्यक है। इस मेथड की सहायता से आप आर. सी. डब्ल्यू. (RCW) को एक विशेष नाम के साथ एक विशेष लोकेशन में रख सकते हैं।
  3. यदि आप बनाये गये असेम्बली के उन्नत विवरण यथा नेमस्पेस या संस्करण संख्या (version number) को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आपको tlbimp का ही उपयोग करना चाहिए। डायरेक्ट रेफ्रेन्स इन विवरण पर कोई निमंत्रण नहीं देता है।
  4. यदि आपने इन दोनों में से किसी भी विधि से कॉम कम्पोनेण्ट नहीं लिखा है तो भी यह स्वीकार्य है। क्योंकि आपको किसी अन्य विकासकर्त्ता के द्वारा लिखा गया कोड साइन करने की अनुमति नहीं होती है। इस स्थिति में केवल आपको उस वास्तविक डेवलपर से प्राइमरी इंटरऑप असेम्बली (Primary Interop Assembly) प्राप्त करना होता है।

कॉम को डॉट नेट से कॉल करना (Calling COM from .NET)

इस उदाहरण में आप प्रॉपर्टी, मेथड तथा इवेण्ट का उपयोग डॉट नेट कोड से कॉम कम्पोनेण्ट में करेंगे। आप tlbimp का उपयोग कॉम कम्पोनेण्ट इंटरफेस को असेम्बली में परिवर्तित करने करेंगे तथा फिर देखेंगे कि कैसे मैनेज्ड कोड के अंदर से किसी अन्य डॉट नेट कम्पोनेण्ट की तरह व्यवहार कर सकते हैं। इसको जब आप कर चुके होंगे, तब आप यह भी देखेंगे कि विजुअल बेसिक डॉट नेट प्रोजेक्ट से बगैर tlbimp का उपयोग किये हुए कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग सीधे-सीधे कर शॉट कट लेते हैं।

कॉम कम्पोनेण्ट को इंस्टॉल करना (Installing the COM Component)

इस उदाहरण में जिस कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग करेंगे, उसका नाम PhyServer.dll है। यह ActiveX.dll है जिसमें Temperature नाम का एक ही क्लास है। यह क्लास तापमान को व्यक्त करने के लिए एक आंतरिक वेरियेबल स्टोर करता है तथा सेल्सियस और फॉरेनहाइट के मध्य रूपांतरण करता है। (Temperature इंटरफेस के सदस्य सारणी –

सदस्यटाइपविवरण
Celsiusप्रॉपर्टीसेल्सियस में वर्तमान तापमान
Fahrenheitप्रॉपर्टीफॉरेनहाइट में वर्तमान तापमान
GetCelsiusमेथडवर्तमान तापमान को सेल्सियस से प्राप्त करते हैं।
GetFahrenheitमेथडवर्तमान तापमान को फॉरनहाइट में प्राप्त करता है।
Below Freezingइवेण्टतापमान के फ्रिजिंग प्वाइण्ट के नीचे सेट पर घटित होता है।
AboveBoilingइवेण्टतापमान के ब्वाइलिंग प्वाइण्ट के ऊपर सेट होने पर घटित होता है।

इस कॉम कम्पोनेण्ट को बनाने के लिए आपके कम्प्यूटर पर विजुअल बेसिक 6.0 इंस्टॉल होना चाहिए।

  • विजुअल बेसिक 6.0 को खोलें तथा एक नया ActiveX DLL प्रोजेक्ट बनाएँ।
  • Project Explorer विण्डो में Class1 मॉडयूल को क्लिक करें तथा Properties विण्डो का उपयोग कर उस क्लास का नाम Temperature बदलें।
  • Project Explorer विण्डो में Project1 को क्लिक करें तथा Properties विण्डो का उपयोग कर प्रोजेक्ट के नाम को बदलकर PhysServer करें।
  • Temperature क्लास में इस कोड को जोड़ें।
    Option Explicit
    Private mdblCelsius As Double
    Private mdblFahrenheit As Double
    Public Event BelowFreezing()
    Public Event AboveBoiling()
    Public Property Get Celsius() As Double
    Celsius = mdblCelsius
    End Property
    Public Property Let Celsius (NewTemperature As Double)
    mdblCelsius = New Temperature
    mdblFahrenheit = ( (NewTemperature * 9) /5) +32
    If mdblCelsius < 0 Then
    RaiseEvnt BelowFreezing
    End If
    If mdblCelsius > 100 Then
    RaiseEventAboveBoiling
    End If
    End Property
    Public Property Get Fahrenheit() As Double
    Fahrenheit = mdblFahrenheit
    End Property
    Public Property Let Fahrenheit(NewTemperature As Double)
    mdblFahrenheit = New Temprature
    mdblCelsius = ((NewTemperature – 32) *5) / 9
    If mdblFahrenheit < 32 Then 

RaiseEvent Below Freezing
End If
If mdbiFahrenheit > 212 Then
RaiseEventAbove Boiling
End If
End Property
Public Function GetCelsius() As Double
GetCelsius mdblCelsius
End Function
Public Function GetFahrenheit() As Double
GetFahrenheit = mdblFahrenheit
End Sub

  • Project को क्लिक करें तथा Visual Basic मेन्यू में PhysServer Properties को क्लिक करें। Project Properties डायलॉग बॉक्स में Project Description को बदलकर Physical Constants Server करें। OK को क्लिक करें।
  • प्रोजेक्ट को सुरक्षित करें।
  • File को क्लिक करें तथा कॉम कम्पोनेण्ट को बनाने के लिए Make PhysServer.dll क्लिक करें। अपने विजुअल स्टूडियो डॉट नेट कम्प्यूटर पर इस कॉम कम्पोनेण्ट को इंस्टॉल करने के लिए यह करें –
  • अपने हार्ड ड्राइव पर Legacy नाम का एक नया फोल्डर बनाएँ।
  • Legacy फोल्डर में PhysServer.dll को कॉपी करें।
  • कमाण्ड प्रॉम्प्ट विण्डो को खोलें तथा यह टाइप करें –

regsvr32            C:\Legacy\PhysServer.dll

TLBimp का उपयोग कर असेम्बली बनाना (Creating an Assembly using TLBIMP)

अब tlbimp का उपयोग कर असेम्बली का निर्माण करते हैं जो PhysServer कम्पोनेण्ट के लिए आर. सी. डब्ल्यू. (RCW) उपलब्ध कराता है। कंट्रोल पैनल में से सिस्टम ऐप्लेट को लॉन्च करते हैं-

  • विजुअल स्टूडियो डॉट नेट कमाण्ड प्रॉम्प्ट को खोलने के लिए Start को क्लिक करें, फिर All Programs को इंगित करें, फिर Microsoft Visual Studio2005 को इंगित करें तथा Visual Studio .NET Tools को इंगित कर Visual Studio.Net Command Prompt का चयन करें। 
  • \Legacy डायरेक्ट्री को बदलें।
  • तथा कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर यह टाइप करें

tlbimp PhysServer.dll                 / out : NETPhysServer.dll

इस विशेष स्थिति में हमने आर. सी. डब्ल्यू. के निर्माण को इसको बगैर साइन किये ही चुना है। यदि इस कम्पोनेण्ट को कई क्लाइण्ट्स के द्वारा शेयर किया तो इसे साइन करने की आवश्यकता पड़ेगी, जब हम tlbmp को इनवोक करते हैं। tubimp अनुवाद का कार्य करेगा तथा एक संदेश प्रदर्शित करेगा जो यह स्पष्ट करता है कि टाइप लायब्रेरी नये नाम के रूप में इम्पोर्ट हो गया है।

नोट : विजुअल स्टूडियो डॉट नेट कमाण्ड प्रॉम्प्ट पाथ में फ्रेमवर्क एस. डी. के. के /Bin फोल्डर में पाथ को जोड़ देता है, ताकि एस. डी. के. (SDK) टूल्स यथा tlbimp बगैर पाथ दिये हुए ही इनवोक किया जा सके।

परीक्षण प्रोजेक्ट को बनाना (Creating the Test Project)

अब आप legacy कॉम कम्पोनेण्ट से ऑब्जेक्ट के उपयोग करने की विजुअल बेसिक डॉट नेट एप्लिकेशन की क्षमता की जाँच कर सकते हैं। इसके लिए यह करें –

  • विजुअल स्टूडियो डॉट नेट खोलें।
  • File मेन्यू से New Project… को क्लिक करें।
  • स्क्रीन के बायीं ओर से Visual Basic Project का चयन करें।
  • Templates खण्ड में Windows Application का चयन करें।
  • Name टेक्स्ट बॉक्स में PhysServerTest टाइप करें तथा OK क्लिक करें।
  • सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर से Form1.vb का चयन करें तथा इसका नाम frmTemperature.Vb करें।
  • PhysServer कॉम कम्पोनेण्ट के लिए आर. सी. डब्ल्यू, (RCW) का उपयोग करने के लिए Project के क्लिक करें तथा Add Reference का चयन करें। तत्पश्चात् Add Reference डायलॉग बॉक्स दिखेगा।
  • यह सुनिश्चित करें कि .NET टैब चयनित है तथा Browse को क्लिक करें।
  • Legacy फोल्डर को लोकेट करें तथा NETPhysServer.dII कम्पोनेण्ट का चयन करें। Open को क्लिक करें। ऐसा करने पर Selected Components सूची में वह कम्पोनेण्ट जुड़ जायेगा।
  • OK को क्लिक करें। ऐसा करने पर सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर में References नोड फैल कर NetPhysServer रेफ्रेन्स (विजुअल बेसिक प्रोजेक्ट के डिफॉल्ट रेफ्रेन्स के साथ) दिखेगा।

कॉम कम्पोनेण्ट का उपयोग करने के लिए कोड जोड़ना (Adding Code to Use the Com Component)

अब आप Temperature क्लास के मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट को उपयोग करने वाले कोड लिखने के लिए तैयार हैं। View को क्लिक करें तथा Code को क्लिक करें तथा इस कोड को लिखें –
Private WithEvents moTemp As NETPhysServer.Temperature 

Private Sub btnConvertToC_Click (By Val Sender As System. Object, ByVal e As System.EventArgs)
Handles btnConvertToC.Click
IblBelow Freezing. Visible = False
lblAboveBoiling. Visible = False
With moTemp
Fahrenheit = txtFahrenheit. Text
txtCelsius. Text=. GetCelsius
End with
End Sub

Private Sub btnConvertToF_Click (By Val sender As System.Object, ByVal e As System.EventArgs)

Handles btnConverterToF.Click
lblBelow Freezing. Visible = False
lblAbove Boiling. Visible = False
With moTemp
.Celsius = txtCelsius. Text
txtFahrenheit.Text = .GetFahrenheit
End With
Private Sub frmTemperature_Load (By Val sender As System.Object ByVal e As System.EventArgs)_
Handles MyBase.Load
moTemp = New NETPhysServer. Temprature ()
End Sub
Private Sub moTemp_AboveBoiling() Handles moTemp.AboveBoiling
lblAboveBoiling.Visible = True
End Sub
Private SubmoTemp_BelowFreezing() Handles moTemp.BelowFreezing
lblBelowFreezing.Visible = True
End Sub

यहाँ ध्यान दें कि जहाँ तक इस कोड का संबंध है – NETPhysServer.Temperature क्लास किसी अन्य डॉट नेट क्लास की तरह ही है। आप क्लास के एक इंस्टैन्स को डिक्लेअर करें तथा अपने मेथड तथा प्रॉपर्टी का उपयोग इस तरह करें जैसे यह कॉम कम्पोनेण्ट के चारों ओर रनटाइम कॉलेबल रैपर के बजाय स्थानीय क्लास हो।
Temperature क्लास को क्रियान्वित करने के लिए इन पदों को करें-

  • F5 दबाकर प्रोजेक्ट को शुरू करें।
  • Fahrenheit टेक्स्ट बॉक्स में 41 टाइप करें तथा Convert to C को क्लिक करें। Celsius बॉक्स में 5 दिखेगा।
  • Celsius बॉक्स में 123 डालें तथा Convert to F क्लिक करें। Fahrenheit बॉक्स में 253.4 दिखेगा तथा Above Boiling! लेबल दृश्य हो जायेगा।

कॉम कम्पोनेण्ट को सीधे-सीधे उपयोग करना (Using the COM Component Directly)

अब आपने देख लिया है कि किस प्रकार tlbimp का उपयोग करें। अब कॉम कम्पोनेण्ट के सीधे-सीधे उपयोग करने की वैकल्पिक प्रक्रिया को देखते हैं।

  1. विजुअल स्टूडियो डॉट नेट को खोलें तथा पहले वाले को बंद न करें।
  2. File मेन्यू से New Project का चयन करें।
  3. Visual Basic Project का चयन स्क्रीन के बायीं ओर से तथा दायीं ओर से Windows Application का चयन करें।
  4. Name टेक्स्ट बॉक्स में PhyServerTest2 लिखें तथा OK को क्लिक करें।
  5. सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर में Form1.vb का नाम बदलकर frmTemperature.vb करें।
  6. पहले से खुला विजुअल स्टूडियो डॉट नेट को स्विच करें तथा डिज़ायन व्यू में firmTemperature को खोलें  Ctrl+A का उपयोग कर फॉर्म के सभी कंट्रोल का चयन करें तथा Ctrl + C से उन सबको कॉपी करें।
  7. फिर दोबारा दूसरे विजुअल स्टूडियो डॉट नेट में आएँ तथा डिजायन व्यू में frmTemperature का चयन करें तथा CTRL+V का प्रयोग कर फॉर्म के सभी कंट्रोल को इस फॉर्म पर कॉपी करें।
  8. कॉम कम्पोनेण्ट को सीधे-सीधे उपयोग करने के लिए Project को क्लिक करें तथा Add Reference का चयन करें। Add Reference डायलॉग बॉक्स में COM टैब का चयन करें। लिस्ट में से Physical Constants Screen का चयन करें तथा OK को क्लिक करें।

यहाँ पर ठीक उत्तर इस पर निर्भर करता है कि कॉम कम्पोनेण्ट को किसने बनाया। यदि यह किसी विक्रेता या अन्य विकासकर्त्ता से आया है तो आपको No क्लिक करना चाहिए तथा उस विक्रेता या विकासकर्त्ता से प्राइमरी इंटरऑप असेम्बली (Primary Interop Assembly) प्राप्त करना चाहिए। इस स्थिति में यह कम्पोनेण्ट आपके अपने विकास के निजी हैं, इसलिए Yes को क्लिक कर विजुअल स्टूडियो डॉट नेट को इस कम्पोनेण्ट के लिए आर. सी. डब्ल्यू (RCW) निर्मित करने को निर्देश दे। आप सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर में References की सूची में PhysServer प्रकट होता है।

नोट: यह मूल PhysServer.dll है, बल्कि आर. सी. डब्ल्यू. नहीं है जो आपने tlbimp का उपयोग कर आपने पहले बनाया है।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट-2 | Visual Basic Component Object – Best Info

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

Table of Contents

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई.परिचय (Introduction) – इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप यदि पहले से विजुअल बेसिक प्रोग्रामर है तो यह जान जायेंगे कि विजुअल बेसिक में किया गया कोड संग्रह व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इस लेख में कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल, कॉम+, डॉट नेट, ओ.एल.ई को विस्तार से रोचकपूर्वक समझाया गया है।

इस पार्ट में हम जानेंगे – डॉट नेट असेम्बली बनाना (Creating the Net Assembly), की युग्म बनाना तथा असेम्बली को साइन करना (Creating a Key and Signing the Assembly), असेम्बली को रजिस्टर करना तथा टाइप लायब्रेरी को बनाना, ग्लोबल असेम्बली कैश में असेम्बली को जोड़ना, डॉट नेट क्लास को कॉल करने के लिए विजुअल बेसिक 6.0 कोड लिखना, डॉट नेट क्लाइण्टस से कॉम कम्पोनेण्ट्स को कॉल करना, अनमैनेज्ड कोड तथा रनटाइम कॉलेबल रैपर्स के बारे में

डॉट नेट असेम्बली बनाना (Creating the .Net Assembly)

पब्लिक क्लास के साथ डॉट नेट असेम्बली बनाने के लिए निम्नलिखित पदों का अनुसरण करें –

  1. विजुअल स्टूडियो खोलें।
  2. File मेन्यू से New Project… को क्लिक करें।
  3. तत्पश्चात् New Project डायलॉग बॉक्स खुलेगा।
  4. डायलॉग बॉक्स के बायीं ओर Project types: खण्ड में Windows का चयन करें।
  5. Templates खण्ड में Class Library का चयन करें।
  6. Name टेक्स्टबॉक्स में एप्लिकेशन का नाम PhysServer2 दें तथा प्रोजेक्ट बनाने के लिए OK को क्लिक करें। 
  7. सॉल्यूशन एक्सप्लोरर से Class1. Vb को दायाँ क्लिक करें तथा पॉप पप मेन्यू से Rename का चयन कर इसका नाम NETTemperature.vb बदलें।
  8. NETTemperature.vb को दो बार क्लिक कर कोड डिज़ायनर में पहले के कोड को मिटाकर निम्नलिखित कोड लिखें –

Public Interface iTemperature

Property Celsius() As Double
Property Fahrenheit() As Double
Function GetCelsius() As Double
Function GetFahrenheit() As Double
End Interface

Public Class NET_Temperature
Implements iTemperature

Private mdblCelsius As Double
Private mdbl Fahrenheit As Double
Public Property Celsius As Double Implements iTemperature.Celsius
Get
Celsius = mdblCelsius

End Get
Set (ByVal Value As Double)
mdblCelsius = Value
mdblFahrenheit = ((Value * 9)/5) + 32
End Set

End Property
Public Property Fahrenheit() As Double Implements iTemperature.Fahrenheit
Get
Fahrenheit = mdblFahrenheit 

End Get
Set (ByVal Value As Double)
mdblFahrenheit = Value
mdblCelsius ((Value -32) * 5) /9)
End Set
End Property
Public Function GetCelsius() As Double Implements iTemperature .GetCelsius
GetCelsius mdblCelsius
End Function
Public Function GetFahrenheit As Double Implements iTemperature.GetFahrenheit
GetFahrenheit mdblFahrenheit
End Function
End Class

कोड की शुरूआत iTemperature नामक इंटरफेस को परिभाषित करने से होता है, क्योंकि इंटरफेस को डिफाइन Public की-वर्ड के साथ किया गया है। इसको उस टाइप लायब्रेरी में निर्यात कर दिया जायेगा, जो आप इस असेम्बली से बनाएँगे। आप इंटरफेस की परिभाषा को पूरे या आशिक क्लास परिभाषा के ढाँचा (skeleton) के रूप में समझ सकते हैं। इंटरफेस की परिभाषा में क्लास की ही तरह प्रॉपर्टी, मेथड, फंक्शन, सबरूटीन्स तथा इवेण्ट हो सकते हैं, परन्तु क्लास के विपरीत इंटरफेस परिभाषा में इन सदस्यों के लिए कोड नहीं होता है। क्लास एक इंटरफेस या एक से अधिक इंटरफेस को लागू कर सकता है।

यह कोड NET_Temperature क्लास को परिभाषित करता है जो iTemperature इंटरफेस का उपयोग करता है। विशेषकर क्लास परिभाषा में यह लाइन क्लास तथा इंटरफेस के बीच एक संधि (contract) को स्थापित करता है –
Implements                   iTemperature

यह कॉन्ट्रैक्ट कहता है कि क्लास इंटरफेस के सभी सदस्यों को लागू करेगा। इसके और अन्य सदस्य भी हो सकते हैं जो इंटरफेस का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जब आप ऐसे किसी क्लास को बनाने का प्रयास करते हैं जो इंटरफेस को पूर्णतः लागू नहीं करता है, तब आपको त्रुटि प्राप्त होता है।

ध्यान दें  – यह क्लास दो पब्लिक प्रॉपर्टी तथा दो पब्लिक मेथड को एक्स्पोज़ (expose) करता है। उस प्रारूप पर ध्यान दें जिसका उपयोग उस इंटरफेस के सदस्यों के जिसे वह क्लास लागू करता है के साथ उस क्लास के सदस्यों को संबद्ध करने में होता है। उदाहरण के लिए NET_Temperature क्लास में Celsius प्रॉपर्टी को परिभाषित इस तरह से किया जाता है –
Public Property Celsius() As Double Implements iTemperature.Celsius
कोड का उपरोक्त लाइन एक प्रॉपर्टी को परिभाषित करता है, जो Double लौटाता है तथा कम्पाइलर को यह बताता है कि यह प्रॉपर्टी iTemperature इंटरफेस के अंदर Celsius प्रॉपर्टी का कार्यान्वयन (implementation) है।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या होता है एवं कार्य – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या है एवं कार्य – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

की युग्म बनाना तथा असेम्बली को साइन करना (Creating a Key and Signing the Assembly)

असेम्बली को ग्लोबल स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए आपको की युग्म बनाने की आवश्यकता होती तथा इसे उपयोग करने के लिए असेम्बली को साइन (sign) करना होता है। इसके अतिरिक्त आप असेम्बली में शीर्षक (title) तथा विवरण (description) जोड़कर असेम्बली के साथ कार्य करना अधिक आसान बना सकते हैं।

असेम्बली को साइन करने के लिए आप sn यूटिलिटि को रन कर सकते हैं और की (key) फाइल का नाम स्वयं जोड़ सकते हैं या फिर आप स्ट्राँग नाम बनाने के लिए विजुअल स्टूडियो डॉट नेट यूजर इंटरफेस का उपयोग कर सकते हैं। हम यहाँ बाद वाले विधि (स्ट्राँग नाम बनाने की विधि) का उपयोग करेंगे। इसको करने के लिए इन पदों का अनुसरण करें-

  • विजुअल स्टूडियो डॉट नेट में सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर से AssemblyInfo.vb को दो बार क्लिक कर इसे एडिटिंग विण्डो में खोलें।
  • इस फाइल के सबसे ऊपर Assembly Attributes खण्ड में AssembyTitle तथा AssemblyDescription में संशोधन कर यह लिखें –
    <Assembly : Assembly Title (“PhysServer2”)>
    <Assembly Assembly Description (“.NET Version of PhyServer”)>
    टिप : विजुअल बेसिक डॉट नेट का Assembly Attributes खण्ड विजुअल बेसिक के Project Properties के समान है।
  • सॉल्यूशन एक्स्प्लोरर में प्रोजेक्ट नोड को दायाँ क्लिक करें तथा Properties का चयन करें। Common Properties फोल्डर को क्लिक करें तथा फिर Strong Name प्रॉपर्टी पेज को क्लिक करें। Generate Strong Name Using बॉक्स का चयन करें। Generate Key को क्लिक कर की फाइल (key file) जेनेरेट करें तथा अपने प्रोजेक्ट में जोड़े। प्रॉपर्टी डायलॉग बॉक्स को बंद करने के लिए OK को क्लिक करें।
  • अब आप असेम्बली बनाने के लिए तैयार है। Build को क्लिक करें या Ctrl + Shift + B दबाकर सफलतापूर्वक असेम्बली बनाऐं।

असेम्बली को रजिस्टर करना तथा टाइप लायब्रेरी को बनाना (Registering the Assembly and Creating a Type Library)

अब आप नये असेम्बली तथा NET_Temperature क्लास का उपयोग अन्य डॉट नेट एप्लिकेशन से कर सकते हैं, लेकिन आपको अभी भी अपने कॉम एप्लिकेशनों में अपने क्लास तथा इसके सदस्यों को उपलब्ध कराना शेष है। इसके लिए विजुअल स्टूडियो डॉट नेट कमाण्ड प्रॉम्प्ट को खोलें। तथा इन पदों का अनुसरण करें-

  1. Start को क्लिक करें।
  2. All Programs को इंगित करें।
  3. Microsoft Visual Studio 2005 को इंगित करें तथा Visual Studio. Net Tools को इंगित करें और Visual Studio.NET Command Prompt का चयन करें। प्रोजेक्ट डायरेक्ट्री को PhysServer2 से बदलने के लिए यह टाइप करें-
    regasm / tlb: PhysServer2.tlb PhysServer2.dll

regasm यूटिलिटि एक टाइप लायब्रेरी का निर्माण करेगा तथा आपके विण्डोज रजिस्ट्री में इसको रजिस्टर कर PhysServer2.dll के क्लास को कॉम क्लाइन्टस में उपलब्ध करायेगा।

ग्लोबल असेम्बली कैश में असेम्बली को जोड़ना (Adding the Assembly to the Global Assembly Cache)

अंततः सभी कॉम क्लाइण्टस को ग्लोबल स्तर पर नये रजिस्टर किये गये असेम्बली में उपलब्ध कराने के लिए चाहे वे आपके हार्ड ड्राइव में कहीं भी हो, विजुअल स्टूडियो डॉट नेट कमाण्ड प्रॉम्प्ट में वापस आकर यह टाइप करें- gacutil/ I PhysServer2.dll
gacutil यूटिलिटि जी. ए. सी. (GAC) में असेम्बली को जोड़ेगा तथा स्टेटस संदेश को प्रदर्शित करके यह बताएगा कि यह कार्य हो चुका है।

डॉट नेट क्लास को कॉल करने के लिए विजुअल बेसिक 6.0 कोड लिखना (Writing Visual Basic 6.2 Code to call the .Net Class)

अब आप NET_Temperature क्लास को उपयोग करने के लिए कॉम क्लाइण्ट लिखने को तैयार है। इसके लिए इन पदों का अनुसरण करें –

  1. विजुअल बेसिक 6.0 खोलें तथा New Project डायलॉग बॉक्स में New टैब को क्लिक करें।
  2. Standard Exe का चयन करें तथा Open को क्लिक करें। 
  3. प्रोजेक्ट एक्स्प्लोरर विण्डो में Forml नाम के फॉर्म को हाइलाइट कर दायाँ क्लिक करें और Rename का चयन करें तथा इसका नाम बदलकर frmTemperature करें।
  4. फॉर्म पर सभी कंट्रोल को जोड़ें तथा इस प्रकार से उनके प्रॉपर्टी का मान बदलें।
कंट्रोलप्रॉपर्टीमान
लेबलNameIbl Fahrenheit
 TextFahrenheit
टेक्स्टबॉक्सNametxtFahrenheit
 Textरिक्त
बटनNamebtnConvertToC
 TextConvert to C
लेबलNamelblCelsius
 TextCelsius
टेक्स्टबॉक्सNametxtCelsius
 Textरिक्त
बटनNamebtnConvertoF
 TextConvert to F
  • PhysServer2 में क्लास को कॉम कॉलेबल रैपर के माध्यम से उपयोग करने के लिए Project को क्लिक करें तथा References को क्लिक करें। तत्पश्चात् References डायलॉग बॉक्स खुलेगा। PhysServer के डॉट नेट संस्करण के रेफ्रेन्स का चयन करें । OK क्लिक कर इस डायलॉग बॉक्स को बंद कर दें।

अब आप कोड लिखने के लिए तैयार हैं जो NET_Temperature क्लास के मेथड तथा प्रॉपर्टी का उपयोग करता है। View मेन्यू को क्लिक करें तथा Code को क्लिक करें और frmTemperature के लिए फॉर्म मॉडयूल में इस कोड को लिखें-

Private moTempClass As PhysServer2.NET TEMPERATURE
Private moTemp As PhysServer2.iTemperature
Private Sub btnConvertToC_Click ()
With moTemp

Fahrenheit txtFahrenheit. Text
txtCelsius Text=. GetCelsius
End With
End Sub
Private Sub btnConvertToF_Click ()
With mo Temp

.Celsius = txtCelsius. Text
txtFahrenheit. Text = .GetFahrenheit
End With
End Sub
Private Sub Form_Load ( )

Set moTempClass = New PhysServer2.NET_TEMPERATURE
Set moTemp = moTempClass
End Sub

यह याद रखें कि डॉट नेट प्रोजेक्ट में आपने iTemperature इंटरफेस का उपयोग कर Net_Temperature को परिभाषित किया है। उपरोक्त कोड दर्शाता है कि किस प्रकार आप ऑब्जेक्ट में वापस इंटरफेस (moTemp नामक ऑब्जेक्ट की तरह व्यक्त किया गया) को प्राप्त कर सकते हैं। यद्यपि यह अतिरिक्त कोड की तरह दिखता है। यदि आप इसे विजुअल बेसिक में प्रयोग करेंगे तो पायेंगे कि ऑब्जेक्ट के साथ कार्य करने में कहीं अधिक इंटरफेस के साथ कार्य करना सुविधायुक्त होता है। इसीलिए इंटरफेस माइक्रोसॉफ्ट इंटेलिसेन्स कमाण्ड कम्पलीशन को सपोर्ट करता है। NET_TEMPERATURE को कार्य करते हुए देखने के लिए इन पदों का अनुसरण करें –

  1. F5 दबाकर प्रोजेक्ट को शुरू करें।
  2. Fahrenheit टेक्स्ट बॉक्स में 95 प्रविष्ट करें तथा Convert to C को क्लिक करें। Celsius बॉक्स में 35 दिखेगा।
  3. फिर, Celsius बॉक्स में -14 टाइप करें तथा Convert to F क्लिक करें। Fahrenheit बॉक्स में 6.8 प्रकट होना चाहिए।
  4. प्रोजेक्ट को रोकने के लिए फॉर्म को बंद करें।

निस्संदेह विजुअल बेसिक 6.0 से डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स को कॉल करने की पूरी प्रक्रिया नयी है क्योंकि विजुअल बेसिक 6.0 के रिलीज होने के समय डॉट नेट मौजूद नहीं था। विजुअल बेसिक 6.0 में कॉम कॉल्स द्वारा संयोजित एक से अधिक कम्पोनेण्ट्स बनाने की योग्यता है तथा डॉट नेट कॉम कॉलेबल रैपर (Com Callable Wrappers) डॉट नेट कॉल्स फंक्शन को कॉम कॉल्स की तरह ही बनाता है।

इसका सबसे बढ़िया पहलू यह है कि आपको कॉम कोड से डॉट नेट कम्पोनेण्ट्स के उपयोग करने पर किसी सुरक्षा या स्थायित्व (stability) का खतरा उठाने की आवश्यकता नहीं है। सी. एल. आर. के माध्यम से कॉल कर कॉम कॉलेबल रैपर अब भी आपके डॉट नेट कम्पोनेण्ट्स को मैनेज्ड कोड के सभी लाभों को उपलब्ध कराता है। इससे कोई मतलब नहीं है कि आप डॉट नेट कम्पोनेण्ट्स को कहाँ उपयोग करें।

डॉट नेट क्लाइण्टस से कॉम कम्पोनेण्ट्स को कॉल करना (Calling Com Components from .NET Clients)

कभी-कभी प्रोग्रामिंग में बदलाव आपको उन सभी चीजों को छोड़ देने के लिए प्रेरित करता है जो पहले से उपलब्ध है। इसका एक बेहद प्रासंगिक उदाहरण हैं, मान लें कि आप विजुअल बेसिक में एप्लिकेशनों को सालों से लिख रहे हैं।

यदि 
आप कई विकासकर्ताओं के जैसे हैं तो आपने समय के साथ ही कोड का एक भंडार भी बना लिया होगा और यदि आप विभिन्न भाषा गुरुओं के सुझावों का अनुसरण कर रहे हैं कि कोड को कम्पोनेन्ट में बदला जाता है अर्थात् कम्पोनेन्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (भूतपूर्व माइक्रोसॉफ्ट एक्टिक्स सर्वर) का उपयोग कर आपने अपने एप्लिकेशन को कॉलेबल फंक्सनैलिटि (callable functionality) के टुकड़ों में बदल दिया है।

निसन्देह आप संभवतः कम्पोनेण्ट्स यथा अन्य विकासकर्ताओं तथा कम्पनियों के एक्टिवएक्स कंट्रोल्स में भी अच्छा खासा निवेश (investment) कर चुके होंगे।

लेकिन यदि आप किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए पूरी तरह से बदलने का निर्णय लेते हैं तो क्या होगा ? यहाँ आपका में लगाया गया सब कुछ व्यर्थ हो जाता है। आप अपने पहले से उपलब्ध किसी भी कोड को उपयोग नहीं कर सकते है तथा नये प्लेटफॉर्म पर कुछ भी करने के लिए फिर से सब कुछ सीखना होगा। यह निदेह आपके उत्पादकता के लिए एक बड़ा झटका होगा, लेकिन घबराइए मत कॉम से डॉट नेट में स्वीच करने पर आपकी उत्पादकता में कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है। इसके दो मुख्य अवधारणा है जो कॉम विकास से डॉट नेट विकास में जाना आसान बनाता है तथा कोड और उत्पादकता का कोई नुकसान नहीं होता है।

1-डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स कॉम कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।
2-कॉम कम्पोनेन्ट्स डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।

इंटरऑपरेबिलिटि का यह दोहरा मार्ग कॉम से डॉट नेट में जाने का मूल मंत्र है। जैसे-जैसे आप डॉट नेट की जटिलताओं को सीखते हैं, वैसे-वैसे आप कॉम कम्पोनेन्ट्स को उपयोग करना जारी रख सकते हैं। ऐसी कई परिस्थितियाँ हैं, जहाँ इंटरऑपरेबिलिटी उपयोगी है –

  1. डॉट नेट में स्वीच करना तुरंत नहीं होगा। इसके लिए डॉट नेट प्रोग्रामिंग अवधारणाओं को सीखने तथा कार्यान्वयन में समय लगता है। अतः आप सम्भवतः यह मान जायेंगे कि आप को तब तक कॉम कोड के साथ कार्य करना जारी रखना पड़ेगा। जब तक आप, आपके सहकर्मी तथा आपके सप्लायर्स गति नहीं पकड़ लेते हैं।
  2. जो कोड आप डॉट नेट को माइग्रेट (migrate) कर सकते हैं, वे एक बार में माइग्रेट नहीं किए जा सकते हैं। आपको माइग्रेट करने के बाद प्रत्येक माइग्रेटेड कम्पोनेन्ट को एक-एक कर जाँचना होगा।
  3. आपको तृतीय पक्ष (third party) कॉम कम्पोनेन्ट्स का भी प्रयोग करना पड़ सकता है, जो आप डॉट नेट में नहीं बदल सकते तथा सप्लायर ने भी उसका डॉट नेट संस्करण रिलीज नहीं किया होगा।
  4. यद्यपि विजुअल बेसिक 6.0 कोड डॉट नेट में माइग्रेट हो जायेगा माइग्रेशन सटिक नहीं होगा। आपके पास ऐसे कम्पोनेन्ट्स भी हो सकते हैं, जिन्हें कार्यान्वयन या भाषा प्रचलनों (quirks) के कारण डॉट नेट में बदला नहीं जा सकता है।

अनमैनेज्ड कोड तथा रनटाइम कॉलेबल रैपर्स (Unmanaged Code and Runtime Callable Wrappers)

वैसे कोड जो माइक्रोसॉफ्ट डॉट नेट कॉमन लैंग्वेज रनटाइम के अंदर कार्य करते हैं मैनेज्ड कोड (managed code) कहे जाते हैं। ऐसे कोड के सी. एल. आर (CLR) द्वारा दी जा रही सभी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। इन सुविधाओं में क्रॉस भाषा वर्जनिंग सपोर्ट (security and versioning support) तथा गारबेज इंटिग्रेशन (cross language integration) सिक्योरिटी संकलन (garbage collection) प्रमुख हैं।

वैसे कोड जो सी. एम. आर. के अंदर कार्य नहीं करते हैं अनमैनेज्ड कोड (unmanaged code) कहे जाते हैं। कॉम कम्पोनेण्ट्स वस्तुतः अनमैनेज्ड कोड होते हैं। क्योंकि कॉम को तब डिज़ायन किया गया था, जब सी. एल. आर. अस्तित्व में ही नहीं था। इसलिए कॉम कोड सी. एल. आर. के द्वारा प्रदान किये गये फ्रेमवर्क के अंदर कार्य नहीं करता है। इसलिए यह सी. एल. आर. द्वारा दी जा रही सेवाओं का भी लाभ नहीं उठा सकता।

एक ही एप्लिकेशन में मैनेज्ड तथा अनमैनेज्ड कोड को मिलाने में एक समस्या है। समस्या यह है कि अनमैनेज्ड कोड सी. एल. आर. इनवायरमेन्ट के द्वारा पहचाना नहीं जाता है। मैनेज्ड कोड न केवल सी. एल. आर. पर निर्भर होते हैं।

इस उलझन से निकलने का केवल एक रास्ता प्रॉक्सी का उपयोग है। सामान्य शब्दों में प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर का एक अंश है जो कम्पोनेन्ट से कमाण्ड स्वीकार करता, उन्हें संशोधित करता है तथा फिर उन्हें दूसरे कम्पोनेन्ट को फॉरवर्ड करता है। वह प्रॉक्सी जो मैनेज्ड कोड से अनमैनेज्ड कोड को कॉल करने में उपयोग होता है, रनटाइम कॉलेबल रैपर (Runtime callable wrapper) या आर. सी. डब्ल्यू. (RCW) कहा जाता है।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट-1 | Visual Basic Component Object – Best Info

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई.परिचय (Introduction) – इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप यदि पहले से विजुअल बेसिक प्रोग्रामर है तो यह जान जायेंगे कि विजुअल बेसिक में किया गया कोड संग्रह व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इस लेख में कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल, कॉम+, डॉट नेट, ओ.एल.ई को विस्तार से रोचकपूर्वक समझाया गया है।

इस पार्ट में हम जानेंगे – कॉम (Com), कॉम+ (Com+), कॉम कम्पोनेण्ट से डॉट नेट कम्पोनेन्ट को कॉल करना , कॉम कॉलेबल रैपरस (Com Callable Wrappers), कॉम कॉलेबल क्लास के लिए आवश्यक चीजें (Prerequisites for COM Callable Classes), कॉम एक्सेस के लिए एप्लिकेशन को डिप्लॉय करना, कॉम से डॉट नेट कम्पोनेण्ट को कॉल करने का उदाहरण के बारे में

कॉम (Com)

कॉम का पूर्ण रूप कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Component Object Model) होता है। यह माइक्रोसॉफ्ट प्रौद्योगिकी है। इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज परिवार के ऑपरेटिंग सिस्टम में सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट के साथ कम्यूनिकेट करने में होता है। कॉम का उपयोग विकासकर्त्ताओं के द्वारा रि-यूजेबल सॉफ्टवेयर कम्पोनेण्टस (reusable software components) को बनाने, एप्लिकेशनों को बनाने में, इन कम्पोनेन्ट्स को लिंक करने में तथा विण्डोज सेवाओं के लाभ को प्राप्त करने में होता है।

कॉम ऑब्जेक्ट्स कई प्रकार के प्रोग्रामिंग भाषाओं के साथ बनाये जा सकते हैं। सी++ जैसी ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड भाषाएँ ऐसी प्रोग्रामिंग मैकेनिज्म उपलब्ध कराते हैं जो कॉम ऑब्जेक्ट के कार्यान्वयन को सरल बनाते हैं।

कॉम प्रौद्योगिकी के परिवार में कॉम+, डिस्ट्रीब्यूटेड कॉम (DCOM) तथा एक्टिवएक्स (ActiveX) कंट्रोल शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट डायरेक्ट शो (Direct Show), मीडिया फाउण्डेशन (Media Foundation), पैकेजिंग ए.पी.आई. (Packaging API), विण्डोज एनिमेशन प्रबंधक (Windows Animation Manager), विण्डोज पोर्टेबल डिवाइसेज (Windows Portable Devices) तथा माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव डायरेक्ट्री (Microsoft Active Directory) जैसे कई विण्डोज एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज़ के लिए कॉम इंटरफेसेज उपलब्ध कराता है।

कॉम का उपयोग माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस परिवार के उत्पादों जैसे एप्लिकेशनों में होता है। उदाहरण के लिए कॉम ओ. एल. ई. (Com OLE) प्रौद्योगिकी वर्ड डॉक्यूमेन्ट्स को एक्सेल स्प्रेडशीट के डाटा को डायनामिक रूप से (dynamically) लिंक करने की अनुमति देते हैं तथा कॉम ऑटोमेशन यूजर को एक ही टास्क को बार-बार करने के लिए अथवा एक से किसी दूसरे एप्लिकेशन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एप्लिकेशनों में स्क्रिप्टस बनाने की अनुमति देते हैं।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या होते हैं एवं कार्य | कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

कॉम+ (Com+)

कॉम+ कॉम आधारित सेवाओं तथा प्रौद्योगिकियों का नाम है। यह सबसे पहले विण्डोज 2000 में रिलीज किया गया। कॉम+ कॉम कम्पोनेन्ट्स की प्रौद्योगिकी तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन सर्वर (Microsoft Transaction Server) के एप्लिकेशन होस्ट को एक साथ लेकर आया। कॉम+ रिसोर्स पूलिंग (resources pooling), असंयोजित एप्लिकेशनों (disconnected applications), इवेण्ट प्रकाशन (event publication) तथा सब्सक्रिप्शन (Subscription) तथा डिस्ट्रिब्यूटेड ट्रांजेक्शन्स (distributed transaction) जैसे प्रोग्रामिंग कार्यों को स्वयं हैण्डल करता है।

कॉम+ माइक्रोसॉफ्ट कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Microsoft Component Object Model) तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन्स सर्वर (Microsoft Transactions Server) का विकसित रूप है। कॉम+ कॉम, एम.टी.एस. तथा अन्य कॉम आधारित प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर लिखे गये एप्लिकेशनों को विकसित तथा विस्तृत करता है। कॉम+ कई रिसोर्स प्रबंधन कार्यो (resource management tasks) तथा थ्रेड आवंटन (thread allocation), सुरक्षा (security) इत्यादि स्वयं हैण्डल करता है, जिसके लिए पहले आप को प्रोग्राम करना पड़ता था।

कॉम+ आपके एप्लिकेशनों को थ्रेड पूलिंग (thread pooling), ऑब्जेक्ट पूलिंग (object pooling) तथा जस्ट इन टाइम एक्टिवेशन उपलब्ध कराकर अधिक स्केलेबल (scalable) बनाता है। कॉम+, ट्रांजैक्शन सपोर्ट (transaction support) प्रदान कर आप के डाटा की अखण्डता की सुरक्षा में सहायक होता है तब भी जब नेटवर्क पर एक से अधिक डाटाबेस पर ऑपरेशन हो रहा होता है।

कॉम+ का उपयोग विण्डोज के लिए इंटरप्राइज स्तर, मिशन क्रिटिकल, डिस्ट्रीब्यूटेड एप्लिकेशनों का निर्माण करने में किया जा सकता है।

यदि आप सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर हैं तो आप कॉम+ एप्लिकेशनों तथा उनके कम्पोनेन्ट को इंस्टॉल, डिप्लॉय तथा कनफिगर कर सकते हैं। यदि आप एप्लिकेशन प्रोग्रामर हैं तो आप कम्पोनेन्ट्स लिखकर उनहें एप्लिकेशन के रूप में इन्टिग्रेट कर सकते हैं। यदि आप कोई टूल्स विक्रेता (vendor) हैं तो आप कॉम + वातावरण में कार्य करने के लिए टूल्स को विकसित व संशोधित कर सकते हैं।  कॉम+ को मुख्य रूप से माइक्रोसॉफ्ट विजुअल सी ++ तथा माइक्रोसॉफ्ट विजुअल बेसिक विकासकर्ताओं के लिए डिजायन किया गया है।

कॉम+ 1.0 संस्करण विण्डोज 2000 में सम्मिलित किया गया था तथा कॉम+1.5 संस्करण को विण्डोज एक्स. पी. तथा विंडोज सर्वर 2003 तथा उनके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टमों में सम्मिलित किया गया है।

कॉम कम्पोनेण्ट से डॉट नेट कम्पोनेन्ट को कॉल करना (Calling a .Net Component from a COM Component)

कभी-कभी प्रोग्रामिंग में बदलाव आपको उन सभी चीजों को छोड़ देने के लिए प्रेरित करता है जो पहले से उपलब्ध है। इसका एक बेहद प्रासंगिक उदाहरण हैं, मान लें कि आप विजुअल बेसिक में एप्लिकेशनों को सालों से लिख रहे हैं। यदि आप कई विकासकर्ताओं के जैसे हैं तो आपने समय के साथ ही कोड का एक भंडार भी बना लिया होगा

और यदि आप विभिन्न भाषा गुरुओं के सुझावों का अनुसरण कर रहे हैं कि कोड को कम्पोनेन्ट में बदला जाता है अर्थात् कम्पोनेन्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (भूतपूर्व माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव एक्स सर्वर) का उपयोग कर आपने अपने एप्लिकेशन को कॉलेबल फंक्शनैलिटि (callable functionality) के टुकड़ों में बदल दिया है। साथ ही, आप कम्पोनेण्ट्स यथा अन्य विकासकर्त्ताओं तथा कम्पनियों के एक्टिवएक्स कंट्रोल्स में भी अच्छा खासा निवेश (investment) कर चुके होंगे।

लेकिन यदि आप किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए पूरी तरह से बदलने का निर्णय लेते हैं तो क्या होगा ? यहाँ आपका कॉम में लगाया गया सब कुछ व्यर्थ हो जाता है। आप अपने पहले से उपलब्ध किसी भी कोड को उपयोग नहीं कर सकते हैं तथा नये प्लेटफॉर्म पर कुछ भी करने के लिए फिर से सब कुछ सीखना होगा। यह निसंदेह आपके उत्पादकता के लिए एक बड़ा झटका होगा, लेकिन घबराइए मत कॉम से डॉट नेट में स्वीच करने पर आपकी उत्पादकता में कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है। इसके दो मुख्य अवधारणा है जो कॉम विकास से डॉट नेट विकास में जाना आसान बनाता है तथा कोड और उत्पादकता का कोई नुकसान नहीं होता है।

1-डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स कॉम कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।
२-कॉम कम्पोनेन्ट्स डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।

इंटरऑपरेबिलिटि का यह दोहरा मार्ग कॉम से डॉट नेट जाने का मूल मंत्र है। जैसे-जैसे आप डॉट नेट की जटिलताओं को सीखते हैं, वैसे-वैसे आप कॉम कम्पोनेन्ट्स को उपयोग करना जारी रख सकते हैं। ऐसी कई परिस्थितियाँ हैं, जहाँ इंटरऑपरेबिलिटी उपयोगी है-

  • डॉट नेट में स्वीच करना तुरंत नहीं होगा। इसके लिए डॉट नेट प्रोग्रामिंग अवधारणाओं को सीखने तथा कार्यान्वयन में समय लगता है। अतः आप सम्भवतः यह मान जायेंगे कि आप को तब तक कॉम कोड के साथ कार्य करना जारी रखना पड़ेगा। जब तक आप, आपके सहकर्मी तथा आपके सप्लायर्स गति नहीं पकड़ लेते हैं।
  • जो कोड आप डॉट नेट को माइग्रेट (migrate) कर सकते हैं, वे एक बार में माइग्रेट नहीं किए जा सकते हैं। आपको माइग्रेट करने के बाद प्रत्येक माइग्रेटेड कम्पोनेन्ट को एक-एक कर जाँचना होगा।
  • आपको तृतीय पक्ष (third party) कॉम कम्पोनेन्ट्स का भी प्रयोग करना पड़ सकता है, जो आप डॉट नेट में नहीं बदल सकते तथा सप्लायर ने भी उसका डॉट नेट संस्करण रिलीज नहीं किया होगा।
  • यद्यपि विजुअल बेसिक 6.0 कोड डॉट नेट में माइग्रेट हो जायेगा माइग्रेशन सटिक नहीं होगा। आपके पास ऐसे कम्पोनेन्ट्स भी हो सकते हैं, जिन्हें कार्यान्वयन या भाषा प्रचलनों (quirks) के कारण डॉट नेट में बदला नहीं जा सकता है।

कॉम एप्लिकेशन्स में उपयोग के लिए डॉट नेट क्लास बनाना (Creating .Net classes for use in COM Applications)

यद्यपि कॉम क्लाइण्ट्स उन कोड को कॉल कर सकते हैं, जो डॉट नेट सर्वर द्वारा पब्लिक क्लास में एक्स्पोज किया जाता है, डॉट नेट कोड कॉम क्लाइन्टस को सीधे-सीधे एक्सेस नहीं होते हैं। कॉम क्लाइन्ट से डॉट नेट कोड का उपयोग करने के लिए आपको एक प्रॉक्सी (proxy) बनाने की आवश्यकता पड़ती है, जो कॉम कॉलेबल रैपर (Com Callable Wrapper) कहा जाता है। आगे के खण्ड में आप कॉम कॉलेबल रैपर आर्किटेक्चर के बारे में सीखेंगे। साथ ही कॉम क्लाइन्ट्स के द्वारा उपयोग होने वाले डॉट नेट क्लास को बनाने तथा डिप्लॉय करने के आवश्यक पद भी सीखेंगे। 

कॉम कॉलेबल रैपरस (Com Callable Wrappers)

कोड जो डॉट नेट कॉमन लैंग्वेज रनटाइम (Common Language Runtime) के अंदर ऑपरेट होते हैं, मैनेजड कोड (managed code) कहे जाते हैं। इन कोड को सी. एल. आर. की सेवाओं यथा क्रॉस भाषा इंटिग्रेशन, सिक्यूरिटी तथा वर्जनिंग सपोर्ट, गारबेज संकलन का सीधा एक्सेस प्राप्त होता है। कोड जो सी. एल. आर. के अंदर ऑपरेट नहीं होते, अनमैनेजड कोड (unmanaged code) कहलाते हैं। क्योंकि कॉम को सी. एल. आर के अस्तित्व में आने से पहले डिज़ायन किया गया था, कॉम कोड सी. एल. आर के द्वारा प्रदान किये गये इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंदर ऑपरेट नहीं होते हैं। ये सी. एल. आर के किसी भी सेवा का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

परिभाषा के अनुसार आपके सभी कॉम कम्पोनेन्टस अनमैनेज्ड् कोड होते है | मैनेजड कोड कम्पोनेन्ट्स केवल सी. एल. आर. पर निर्भर ही नहीं रहते, बल्कि उन्हें उन कम्पोनेन्ट की भी आवश्यकता पड़ती है, जिसके साथ वे सी. एल. आर पर निर्भर रहने के लिए इंटरएक्ट भी करते हैं। क्योंकि कॉम कम्पोनेण्ट्स सी. एल. आर के अंदर ऑपरेट नहीं होते, वे मैनेज्ड कोड कम्पोनेण्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने में सक्षम नहीं होते हैं।

अनमैनेजूड कोड मैनेजड कम्पोनेन्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने के लिए सी. एल. आर. में नहीं पहुँच सकते। इस परिस्थिति से बाहर आने के लिए प्रॉक्सी (proxy) का उपयोग होता है। सामान्य शब्दों में, प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर का एक अंश है जो कम्पोनेन्ट से कमाण्ड लेता है, उन्हें संशोधित (modify) करता है तथा उन्हें दूसरे कम्पोनेन्ट को अग्रसारित कर देता है।

कॉम कॉलेबल क्लास के लिए आवश्यक चीजें (Prerequisites for COM Callable Classes)

दो चीजें ध्यान में रहनी चाहिए, जब आप उस डॉट नेट क्लास का निर्माण कर रहे हैं जो कॉम क्लाइन्ट्स के द्वारा उपयोग किया जायेगा।

पहला, अपने विजुअल बेसिक डॉट नेट कोड में इंटरफेस को स्पष्ट रूप से डिफाइन करें तथा क्लास को इंटरफेस लागू करने दें। उदाहरण के रूप में, यह कोड स्निपेट iFile नाम के इंटरफेस तथा क्लास को परिभाषित करता है जो इंटरफेस को इम्प्लीमेंट करता है
Public Interface iFile

Property Length() As Integer

End Interface

Public Class TextFile

Implements iFile
End Class

इंटरफेस के माध्यम से फंक्शनैलिटि को इम्प्लीमेण्ट करने का कॉम क्लाइन्ट्स के लिए एक मुख्य लाभ है। डॉट नेट कॉम कॉलेबल रैपर्स (COM Callable Wrappers) को जेनेरेट करने के दौरान पिछले संस्करणों के साथ इंटरफेस को कसिस्टेन्ट (consistent) रखता है। यह कॉम क्लाइन्ट्स को खण्डित होने के विरुद्ध आपके डॉट नेट सर्वर में बदलाव को रखने में सहायता करता है।

दूसरा, वह क्लास जो कॉम क्लाइन्टस को दृश्य (visible) होता है, उन्हें आवश्यक रूप से पब्लिक डिक्लेअर होना चाहिए। व टूल जो केवल कॉम कॉलेबल रैपर का निर्माण करते हैं, पब्लिक क्लास के आधार पर टाइपस को यही नियम मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट पर लागू होते हैं जो कॉम क्लाइण्ट्स के द्वारा उपयोग किया जायेगा।

आपको क्लास को रखने वाले उन डॉट नेट असेम्बली को साइन करने के बारे में विचार करना चाहिए, जिनका उपयोग क्रिप्टोग्राफी की युग्म (cryptographic key pair) के साथ कॉम द्वारा उपयोग किया जायेगा। माइक्रोसॉफ्ट इसे स्ट्राँग नाम वाला असेम्बली को साइन करने के रूप में इंगित करता है। स्ट्राँग नाम के साथ किसी असेम्बली को साइन करना डॉट नेट को यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि असेम्बली के प्रकाशन के समय से ही असेम्बली के कोड में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

यह सभी ग्लोबल असेम्बली के लिए आवश्यक है जो वैसे असेम्बली हैं, जिनको एक से अधिक क्लाइण्ट द्वारा साझा किया जाता है, यद्यपि अनसाइन्ड असेम्बली (unsigned assemblies) को भी कॉम क्लाइन्ट के द्वारा उपयोग में लाया जा सकता है।

ध्यान दें : कॉम क्लाइण्ट से अनसाइण्ड असेम्बली को उपयोग करना सम्भव होता है। ऐसा आप असेम्बली को प्राइवेट असेम्बली (private assembly) के रूप में कॉम क्लाइण्ट डायरेक्ट्री को सीधे-सीधे डिप्लॉय करके कर सकते हैं। सभी असेम्बली यहाँ तक कि प्राइवेट असेम्बली को साइन करना भी अच्छा माना जाता है। यह मैनेज्ड क्लास के लिए बेहतर सी. एल. एस. आई. डी.ज़ (CLSIDs) बनाने में सहायता करता है तथा विभिन्न असेम्बली में क्लासों के मध्य टकराव को रोकता है।

स्ट्राँग नाम बनाने के लिए आप sn टूल या उपयोग कर सकते हैं। इस कमाण्ड लाइन टूल के लिए कई विकल्प हैं तथा आप उन सबको देखने के लिए विजुअल स्टूडियो कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर sn/ ? का उपयोग कर सकते हैं। असेम्बली को साइन करने के लिए – विकल्प का उपयोग होता है, जो एक की फाइल बनाता है। बाई डिफॉल्ट की फाइल .snk विस्तारक का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए NETServer.snk नाम का एक की फाइल बनाने के लिए इस कमाण्ड लाइन का उपयोग कर सकते हैं। sn – k NetServer.snk

कॉम एक्सेस के लिए एप्लिकेशन को डिप्लॉय करना (Deploying an Application for Com Access)

क्लास के साथ डॉट नेट असेम्बली जो कॉम क्लाइण्ट के द्वारा कॉल किया जायेगा बनाने के बाद कॉम को क्लास में उपलब्ध कराने हेतु तीन पद हैं-

पहला, आप असेम्बली के लिए टाइप लायब्रेरी का निर्माण करें। टाइप लायब्रेरी डॉट नेट असेम्बली के अंदर समाहित मेटाडाटा के समान है। टाइप लायब्रेरी सामान्यतः उन फाइलों में होते हैं, जिनका विस्तारक .tlb होता है। टाइप लायब्रेरी में आवश्यक सूचना होते हैं जो कॉम क्लाइण्ट को यह सुनिश्चित करने देते हैं कि कौन सा क्लास तथा उन क्लास के द्वारा समर्थित मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट किस विशेष सर्वर में हैं।

डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट (Software Development Kit) में tlbexp (टाइप लायब्रेरी एक्स्पोर्टर) नाम का एक टूल होता है, जो असेम्बली से टाइप लायब्रेरी बना सकता है। Tlbexp में कई विकल्प होते हैं तथा आप उन सब को देखने के लिए tlbexp/? कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर टाइप कर सकते हैं। इनमें एक विकल्प /out है जो बनाए गए टाइप लायब्रेरी का नाम स्पष्ट करने में सहायक होता है।

यदि आप कोई नाम नहीं चुनते हैं तो एक आपके लिए स्वतः ही बन जाता है। उदाहरण के लिए, NetServer.dll असेम्बली में मेटाडाटा प्राप्त करने के लिए तथा NetServer.tlb नाम के टाइप लायब्रेरी में डालने के लिए आप इस कमाण्ड का उपयोग कर सकते हैं –
tlbexp NETServer.dll       /out : NETServer.tlb 

दूसरा, आपको टाइप लायब्रेरी (type library) बनाने तथा इसके एक ऑपरेशन में रजिस्टर करने के लिए डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट से असेम्बली रजिस्ट्रेशन टूल (Assembly Registration Tool) अर्थात् regasm का उपयोग करना चाहिए। यह उपयोग करने के लिए सबसे आसान टूल है, जब आप एक ही कम्प्यूटर पर डॉट नेट तथा कॉम डेवलपमेन्ट दोनों कर रहे हैं। tlbexp की भाँति regasm के लिए कई विकल्प हैं। उन सबको देखने के लिए regasm/? का उपयोग कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर करें। टाइप लायब्रेरी को बनाने तथा रजिस्टर करने के लिए इस प्रकार कमाण्ड का उपयोग करें –
regasm             /tlb : NETServer.tib                     NETServer.dll

तीसरा, आपको ग्लोबल असेम्बली कैश (Global Assembly Cache) में डॉट नेट असेम्बली को इंस्टॉल करना चाहिए ताकि यह शेयर्ड असेम्बली के रूप में उपलब्ध हो । ग्लोबल असेम्बली कैश में असेम्बली को इंस्टॉल करने के लिए gacutil टूल का उपयोग इस प्रकार करें –
gacutil              /i          NETServer.dll
gacutil से संबंधित सभी विकल्पों को देखने के लिए कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर gacutil /? का प्रयोग करें।

कॉम से डॉट नेट कम्पोनेण्ट को कॉल करने का उदाहरण (An Example of Calling a .Net Component from COM)

इस उदाहरण में आप कॉम कोड से डॉट नेट कम्पोनेण्ट के प्रॉपर्टी तथा मेथड को उपयोग करेंगे। आप regasm का उपयोग कर डॉट नेट असेम्बली से टाइप लायब्रेरी को बनाने में तथा असेम्बली को रजिस्टर करेंगे तथा असेम्बली को रजिस्टर का उपयोग कर आप असेम्बली को ग्लोबल तौर पर उपलब्ध करेंगे। आप फिर देखेंगे कि किस प्रकार आप विजुअल बेसिक 6.0 कॉम कोड में से डॉट नेट असेम्बली का उपयोग कर सकते हैं।

ध्यान दें : विजुअल स्टूडियो कमाण्ड प्रॉम्प्ट खोलना
विजुअल स्टूडियो कई महत्वपूर्ण टूल्स में कमाण्ड प्रॉम्प्ट टूल भी उपलब्ध कराता है। आप कई महत्वपूर्ण कार्य इसकी सहायता से कर सकते हैं। इसको खोलने के निम्नलिखित पदों को करें-

  • Start को क्लिक करें।
  • All Programs को इंगित करें।
  • Microsoft Visual Studio 2005 को इंगित करें।
  • Visual Studio Tools को इंगित करे तथा Visual Studio 2005 Command Prompt का चयन करें।