Sunday, April 28, 2024

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट पार्ट-1 | Visual Basic Component Object – Best Info

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विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई.परिचय (Introduction) – इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप यदि पहले से विजुअल बेसिक प्रोग्रामर है तो यह जान जायेंगे कि विजुअल बेसिक में किया गया कोड संग्रह व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इस लेख में कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल, कॉम+, डॉट नेट, ओ.एल.ई को विस्तार से रोचकपूर्वक समझाया गया है।

इस पार्ट में हम जानेंगे – कॉम (Com), कॉम+ (Com+), कॉम कम्पोनेण्ट से डॉट नेट कम्पोनेन्ट को कॉल करना , कॉम कॉलेबल रैपरस (Com Callable Wrappers), कॉम कॉलेबल क्लास के लिए आवश्यक चीजें (Prerequisites for COM Callable Classes), कॉम एक्सेस के लिए एप्लिकेशन को डिप्लॉय करना, कॉम से डॉट नेट कम्पोनेण्ट को कॉल करने का उदाहरण के बारे में

कॉम (Com)

कॉम का पूर्ण रूप कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Component Object Model) होता है। यह माइक्रोसॉफ्ट प्रौद्योगिकी है। इसका उपयोग माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज परिवार के ऑपरेटिंग सिस्टम में सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट के साथ कम्यूनिकेट करने में होता है। कॉम का उपयोग विकासकर्त्ताओं के द्वारा रि-यूजेबल सॉफ्टवेयर कम्पोनेण्टस (reusable software components) को बनाने, एप्लिकेशनों को बनाने में, इन कम्पोनेन्ट्स को लिंक करने में तथा विण्डोज सेवाओं के लाभ को प्राप्त करने में होता है।

कॉम ऑब्जेक्ट्स कई प्रकार के प्रोग्रामिंग भाषाओं के साथ बनाये जा सकते हैं। सी++ जैसी ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड भाषाएँ ऐसी प्रोग्रामिंग मैकेनिज्म उपलब्ध कराते हैं जो कॉम ऑब्जेक्ट के कार्यान्वयन को सरल बनाते हैं।

कॉम प्रौद्योगिकी के परिवार में कॉम+, डिस्ट्रीब्यूटेड कॉम (DCOM) तथा एक्टिवएक्स (ActiveX) कंट्रोल शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट डायरेक्ट शो (Direct Show), मीडिया फाउण्डेशन (Media Foundation), पैकेजिंग ए.पी.आई. (Packaging API), विण्डोज एनिमेशन प्रबंधक (Windows Animation Manager), विण्डोज पोर्टेबल डिवाइसेज (Windows Portable Devices) तथा माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव डायरेक्ट्री (Microsoft Active Directory) जैसे कई विण्डोज एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज़ के लिए कॉम इंटरफेसेज उपलब्ध कराता है।

कॉम का उपयोग माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस परिवार के उत्पादों जैसे एप्लिकेशनों में होता है। उदाहरण के लिए कॉम ओ. एल. ई. (Com OLE) प्रौद्योगिकी वर्ड डॉक्यूमेन्ट्स को एक्सेल स्प्रेडशीट के डाटा को डायनामिक रूप से (dynamically) लिंक करने की अनुमति देते हैं तथा कॉम ऑटोमेशन यूजर को एक ही टास्क को बार-बार करने के लिए अथवा एक से किसी दूसरे एप्लिकेशन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एप्लिकेशनों में स्क्रिप्टस बनाने की अनुमति देते हैं।

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट क्या होते हैं एवं कार्य | कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट - कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE
विजुअल बेसिक कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट – कॉम, कॉम+, डॉट नेट तथा ओ.एल.ई. | COM, COM+, .NET and OLE

कॉम+ (Com+)

कॉम+ कॉम आधारित सेवाओं तथा प्रौद्योगिकियों का नाम है। यह सबसे पहले विण्डोज 2000 में रिलीज किया गया। कॉम+ कॉम कम्पोनेन्ट्स की प्रौद्योगिकी तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन सर्वर (Microsoft Transaction Server) के एप्लिकेशन होस्ट को एक साथ लेकर आया। कॉम+ रिसोर्स पूलिंग (resources pooling), असंयोजित एप्लिकेशनों (disconnected applications), इवेण्ट प्रकाशन (event publication) तथा सब्सक्रिप्शन (Subscription) तथा डिस्ट्रिब्यूटेड ट्रांजेक्शन्स (distributed transaction) जैसे प्रोग्रामिंग कार्यों को स्वयं हैण्डल करता है।

कॉम+ माइक्रोसॉफ्ट कम्पोनेण्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (Microsoft Component Object Model) तथा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांजैक्शन्स सर्वर (Microsoft Transactions Server) का विकसित रूप है। कॉम+ कॉम, एम.टी.एस. तथा अन्य कॉम आधारित प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर लिखे गये एप्लिकेशनों को विकसित तथा विस्तृत करता है। कॉम+ कई रिसोर्स प्रबंधन कार्यो (resource management tasks) तथा थ्रेड आवंटन (thread allocation), सुरक्षा (security) इत्यादि स्वयं हैण्डल करता है, जिसके लिए पहले आप को प्रोग्राम करना पड़ता था।

यह भी देखें :  इनपुट और आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं | Input And Output Devices – Best Info In Hindi

कॉम+ आपके एप्लिकेशनों को थ्रेड पूलिंग (thread pooling), ऑब्जेक्ट पूलिंग (object pooling) तथा जस्ट इन टाइम एक्टिवेशन उपलब्ध कराकर अधिक स्केलेबल (scalable) बनाता है। कॉम+, ट्रांजैक्शन सपोर्ट (transaction support) प्रदान कर आप के डाटा की अखण्डता की सुरक्षा में सहायक होता है तब भी जब नेटवर्क पर एक से अधिक डाटाबेस पर ऑपरेशन हो रहा होता है।

कॉम+ का उपयोग विण्डोज के लिए इंटरप्राइज स्तर, मिशन क्रिटिकल, डिस्ट्रीब्यूटेड एप्लिकेशनों का निर्माण करने में किया जा सकता है।

यदि आप सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर हैं तो आप कॉम+ एप्लिकेशनों तथा उनके कम्पोनेन्ट को इंस्टॉल, डिप्लॉय तथा कनफिगर कर सकते हैं। यदि आप एप्लिकेशन प्रोग्रामर हैं तो आप कम्पोनेन्ट्स लिखकर उनहें एप्लिकेशन के रूप में इन्टिग्रेट कर सकते हैं। यदि आप कोई टूल्स विक्रेता (vendor) हैं तो आप कॉम + वातावरण में कार्य करने के लिए टूल्स को विकसित व संशोधित कर सकते हैं।  कॉम+ को मुख्य रूप से माइक्रोसॉफ्ट विजुअल सी ++ तथा माइक्रोसॉफ्ट विजुअल बेसिक विकासकर्ताओं के लिए डिजायन किया गया है।

कॉम+ 1.0 संस्करण विण्डोज 2000 में सम्मिलित किया गया था तथा कॉम+1.5 संस्करण को विण्डोज एक्स. पी. तथा विंडोज सर्वर 2003 तथा उनके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टमों में सम्मिलित किया गया है।

कॉम कम्पोनेण्ट से डॉट नेट कम्पोनेन्ट को कॉल करना (Calling a .Net Component from a COM Component)

कभी-कभी प्रोग्रामिंग में बदलाव आपको उन सभी चीजों को छोड़ देने के लिए प्रेरित करता है जो पहले से उपलब्ध है। इसका एक बेहद प्रासंगिक उदाहरण हैं, मान लें कि आप विजुअल बेसिक में एप्लिकेशनों को सालों से लिख रहे हैं। यदि आप कई विकासकर्ताओं के जैसे हैं तो आपने समय के साथ ही कोड का एक भंडार भी बना लिया होगा

और यदि आप विभिन्न भाषा गुरुओं के सुझावों का अनुसरण कर रहे हैं कि कोड को कम्पोनेन्ट में बदला जाता है अर्थात् कम्पोनेन्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (भूतपूर्व माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव एक्स सर्वर) का उपयोग कर आपने अपने एप्लिकेशन को कॉलेबल फंक्शनैलिटि (callable functionality) के टुकड़ों में बदल दिया है। साथ ही, आप कम्पोनेण्ट्स यथा अन्य विकासकर्त्ताओं तथा कम्पनियों के एक्टिवएक्स कंट्रोल्स में भी अच्छा खासा निवेश (investment) कर चुके होंगे।

लेकिन यदि आप किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए पूरी तरह से बदलने का निर्णय लेते हैं तो क्या होगा ? यहाँ आपका कॉम में लगाया गया सब कुछ व्यर्थ हो जाता है। आप अपने पहले से उपलब्ध किसी भी कोड को उपयोग नहीं कर सकते हैं तथा नये प्लेटफॉर्म पर कुछ भी करने के लिए फिर से सब कुछ सीखना होगा। यह निसंदेह आपके उत्पादकता के लिए एक बड़ा झटका होगा, लेकिन घबराइए मत कॉम से डॉट नेट में स्वीच करने पर आपकी उत्पादकता में कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है। इसके दो मुख्य अवधारणा है जो कॉम विकास से डॉट नेट विकास में जाना आसान बनाता है तथा कोड और उत्पादकता का कोई नुकसान नहीं होता है।

1-डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स कॉम कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।
२-कॉम कम्पोनेन्ट्स डॉट नेट कम्पोनेन्ट्स को कॉल कर सकते हैं।

इंटरऑपरेबिलिटि का यह दोहरा मार्ग कॉम से डॉट नेट जाने का मूल मंत्र है। जैसे-जैसे आप डॉट नेट की जटिलताओं को सीखते हैं, वैसे-वैसे आप कॉम कम्पोनेन्ट्स को उपयोग करना जारी रख सकते हैं। ऐसी कई परिस्थितियाँ हैं, जहाँ इंटरऑपरेबिलिटी उपयोगी है-

  • डॉट नेट में स्वीच करना तुरंत नहीं होगा। इसके लिए डॉट नेट प्रोग्रामिंग अवधारणाओं को सीखने तथा कार्यान्वयन में समय लगता है। अतः आप सम्भवतः यह मान जायेंगे कि आप को तब तक कॉम कोड के साथ कार्य करना जारी रखना पड़ेगा। जब तक आप, आपके सहकर्मी तथा आपके सप्लायर्स गति नहीं पकड़ लेते हैं।
  • जो कोड आप डॉट नेट को माइग्रेट (migrate) कर सकते हैं, वे एक बार में माइग्रेट नहीं किए जा सकते हैं। आपको माइग्रेट करने के बाद प्रत्येक माइग्रेटेड कम्पोनेन्ट को एक-एक कर जाँचना होगा।
  • आपको तृतीय पक्ष (third party) कॉम कम्पोनेन्ट्स का भी प्रयोग करना पड़ सकता है, जो आप डॉट नेट में नहीं बदल सकते तथा सप्लायर ने भी उसका डॉट नेट संस्करण रिलीज नहीं किया होगा।
  • यद्यपि विजुअल बेसिक 6.0 कोड डॉट नेट में माइग्रेट हो जायेगा माइग्रेशन सटिक नहीं होगा। आपके पास ऐसे कम्पोनेन्ट्स भी हो सकते हैं, जिन्हें कार्यान्वयन या भाषा प्रचलनों (quirks) के कारण डॉट नेट में बदला नहीं जा सकता है।
यह भी देखें :  बेस्ट कंप्यूटर हार्डवेयर कैसे चुनें | How to Choose Best Computer Hardware

कॉम एप्लिकेशन्स में उपयोग के लिए डॉट नेट क्लास बनाना (Creating .Net classes for use in COM Applications)

यद्यपि कॉम क्लाइण्ट्स उन कोड को कॉल कर सकते हैं, जो डॉट नेट सर्वर द्वारा पब्लिक क्लास में एक्स्पोज किया जाता है, डॉट नेट कोड कॉम क्लाइन्टस को सीधे-सीधे एक्सेस नहीं होते हैं। कॉम क्लाइन्ट से डॉट नेट कोड का उपयोग करने के लिए आपको एक प्रॉक्सी (proxy) बनाने की आवश्यकता पड़ती है, जो कॉम कॉलेबल रैपर (Com Callable Wrapper) कहा जाता है। आगे के खण्ड में आप कॉम कॉलेबल रैपर आर्किटेक्चर के बारे में सीखेंगे। साथ ही कॉम क्लाइन्ट्स के द्वारा उपयोग होने वाले डॉट नेट क्लास को बनाने तथा डिप्लॉय करने के आवश्यक पद भी सीखेंगे। 

कॉम कॉलेबल रैपरस (Com Callable Wrappers)

कोड जो डॉट नेट कॉमन लैंग्वेज रनटाइम (Common Language Runtime) के अंदर ऑपरेट होते हैं, मैनेजड कोड (managed code) कहे जाते हैं। इन कोड को सी. एल. आर. की सेवाओं यथा क्रॉस भाषा इंटिग्रेशन, सिक्यूरिटी तथा वर्जनिंग सपोर्ट, गारबेज संकलन का सीधा एक्सेस प्राप्त होता है। कोड जो सी. एल. आर. के अंदर ऑपरेट नहीं होते, अनमैनेजड कोड (unmanaged code) कहलाते हैं। क्योंकि कॉम को सी. एल. आर के अस्तित्व में आने से पहले डिज़ायन किया गया था, कॉम कोड सी. एल. आर के द्वारा प्रदान किये गये इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंदर ऑपरेट नहीं होते हैं। ये सी. एल. आर के किसी भी सेवा का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

परिभाषा के अनुसार आपके सभी कॉम कम्पोनेन्टस अनमैनेज्ड् कोड होते है | मैनेजड कोड कम्पोनेन्ट्स केवल सी. एल. आर. पर निर्भर ही नहीं रहते, बल्कि उन्हें उन कम्पोनेन्ट की भी आवश्यकता पड़ती है, जिसके साथ वे सी. एल. आर पर निर्भर रहने के लिए इंटरएक्ट भी करते हैं। क्योंकि कॉम कम्पोनेण्ट्स सी. एल. आर के अंदर ऑपरेट नहीं होते, वे मैनेज्ड कोड कम्पोनेण्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने में सक्षम नहीं होते हैं।

अनमैनेजूड कोड मैनेजड कम्पोनेन्ट्स को सीधे-सीधे कॉल करने के लिए सी. एल. आर. में नहीं पहुँच सकते। इस परिस्थिति से बाहर आने के लिए प्रॉक्सी (proxy) का उपयोग होता है। सामान्य शब्दों में, प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर का एक अंश है जो कम्पोनेन्ट से कमाण्ड लेता है, उन्हें संशोधित (modify) करता है तथा उन्हें दूसरे कम्पोनेन्ट को अग्रसारित कर देता है।

कॉम कॉलेबल क्लास के लिए आवश्यक चीजें (Prerequisites for COM Callable Classes)

दो चीजें ध्यान में रहनी चाहिए, जब आप उस डॉट नेट क्लास का निर्माण कर रहे हैं जो कॉम क्लाइन्ट्स के द्वारा उपयोग किया जायेगा।

पहला, अपने विजुअल बेसिक डॉट नेट कोड में इंटरफेस को स्पष्ट रूप से डिफाइन करें तथा क्लास को इंटरफेस लागू करने दें। उदाहरण के रूप में, यह कोड स्निपेट iFile नाम के इंटरफेस तथा क्लास को परिभाषित करता है जो इंटरफेस को इम्प्लीमेंट करता है
Public Interface iFile

Property Length() As Integer

End Interface

Public Class TextFile

Implements iFile
End Class

इंटरफेस के माध्यम से फंक्शनैलिटि को इम्प्लीमेण्ट करने का कॉम क्लाइन्ट्स के लिए एक मुख्य लाभ है। डॉट नेट कॉम कॉलेबल रैपर्स (COM Callable Wrappers) को जेनेरेट करने के दौरान पिछले संस्करणों के साथ इंटरफेस को कसिस्टेन्ट (consistent) रखता है। यह कॉम क्लाइन्ट्स को खण्डित होने के विरुद्ध आपके डॉट नेट सर्वर में बदलाव को रखने में सहायता करता है।

दूसरा, वह क्लास जो कॉम क्लाइन्टस को दृश्य (visible) होता है, उन्हें आवश्यक रूप से पब्लिक डिक्लेअर होना चाहिए। व टूल जो केवल कॉम कॉलेबल रैपर का निर्माण करते हैं, पब्लिक क्लास के आधार पर टाइपस को यही नियम मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट पर लागू होते हैं जो कॉम क्लाइण्ट्स के द्वारा उपयोग किया जायेगा।

आपको क्लास को रखने वाले उन डॉट नेट असेम्बली को साइन करने के बारे में विचार करना चाहिए, जिनका उपयोग क्रिप्टोग्राफी की युग्म (cryptographic key pair) के साथ कॉम द्वारा उपयोग किया जायेगा। माइक्रोसॉफ्ट इसे स्ट्राँग नाम वाला असेम्बली को साइन करने के रूप में इंगित करता है। स्ट्राँग नाम के साथ किसी असेम्बली को साइन करना डॉट नेट को यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि असेम्बली के प्रकाशन के समय से ही असेम्बली के कोड में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

यह भी देखें :  आपके कंप्यूटर सिस्टम में वायरस क्या करते हैं - कंप्यूटर सिस्टम के लिए बेस्ट एंटी वायरस प्रोग्राम | Best Anti Virus Program For Computer System

यह सभी ग्लोबल असेम्बली के लिए आवश्यक है जो वैसे असेम्बली हैं, जिनको एक से अधिक क्लाइण्ट द्वारा साझा किया जाता है, यद्यपि अनसाइन्ड असेम्बली (unsigned assemblies) को भी कॉम क्लाइन्ट के द्वारा उपयोग में लाया जा सकता है।

ध्यान दें : कॉम क्लाइण्ट से अनसाइण्ड असेम्बली को उपयोग करना सम्भव होता है। ऐसा आप असेम्बली को प्राइवेट असेम्बली (private assembly) के रूप में कॉम क्लाइण्ट डायरेक्ट्री को सीधे-सीधे डिप्लॉय करके कर सकते हैं। सभी असेम्बली यहाँ तक कि प्राइवेट असेम्बली को साइन करना भी अच्छा माना जाता है। यह मैनेज्ड क्लास के लिए बेहतर सी. एल. एस. आई. डी.ज़ (CLSIDs) बनाने में सहायता करता है तथा विभिन्न असेम्बली में क्लासों के मध्य टकराव को रोकता है।

स्ट्राँग नाम बनाने के लिए आप sn टूल या उपयोग कर सकते हैं। इस कमाण्ड लाइन टूल के लिए कई विकल्प हैं तथा आप उन सबको देखने के लिए विजुअल स्टूडियो कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर sn/ ? का उपयोग कर सकते हैं। असेम्बली को साइन करने के लिए – विकल्प का उपयोग होता है, जो एक की फाइल बनाता है। बाई डिफॉल्ट की फाइल .snk विस्तारक का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए NETServer.snk नाम का एक की फाइल बनाने के लिए इस कमाण्ड लाइन का उपयोग कर सकते हैं। sn – k NetServer.snk

कॉम एक्सेस के लिए एप्लिकेशन को डिप्लॉय करना (Deploying an Application for Com Access)

क्लास के साथ डॉट नेट असेम्बली जो कॉम क्लाइण्ट के द्वारा कॉल किया जायेगा बनाने के बाद कॉम को क्लास में उपलब्ध कराने हेतु तीन पद हैं-

पहला, आप असेम्बली के लिए टाइप लायब्रेरी का निर्माण करें। टाइप लायब्रेरी डॉट नेट असेम्बली के अंदर समाहित मेटाडाटा के समान है। टाइप लायब्रेरी सामान्यतः उन फाइलों में होते हैं, जिनका विस्तारक .tlb होता है। टाइप लायब्रेरी में आवश्यक सूचना होते हैं जो कॉम क्लाइण्ट को यह सुनिश्चित करने देते हैं कि कौन सा क्लास तथा उन क्लास के द्वारा समर्थित मेथड, प्रॉपर्टी तथा इवेण्ट किस विशेष सर्वर में हैं।

डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट (Software Development Kit) में tlbexp (टाइप लायब्रेरी एक्स्पोर्टर) नाम का एक टूल होता है, जो असेम्बली से टाइप लायब्रेरी बना सकता है। Tlbexp में कई विकल्प होते हैं तथा आप उन सब को देखने के लिए tlbexp/? कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर टाइप कर सकते हैं। इनमें एक विकल्प /out है जो बनाए गए टाइप लायब्रेरी का नाम स्पष्ट करने में सहायक होता है।

यदि आप कोई नाम नहीं चुनते हैं तो एक आपके लिए स्वतः ही बन जाता है। उदाहरण के लिए, NetServer.dll असेम्बली में मेटाडाटा प्राप्त करने के लिए तथा NetServer.tlb नाम के टाइप लायब्रेरी में डालने के लिए आप इस कमाण्ड का उपयोग कर सकते हैं –
tlbexp NETServer.dll       /out : NETServer.tlb 

दूसरा, आपको टाइप लायब्रेरी (type library) बनाने तथा इसके एक ऑपरेशन में रजिस्टर करने के लिए डॉट नेट फ्रेमवर्क सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट किट से असेम्बली रजिस्ट्रेशन टूल (Assembly Registration Tool) अर्थात् regasm का उपयोग करना चाहिए। यह उपयोग करने के लिए सबसे आसान टूल है, जब आप एक ही कम्प्यूटर पर डॉट नेट तथा कॉम डेवलपमेन्ट दोनों कर रहे हैं। tlbexp की भाँति regasm के लिए कई विकल्प हैं। उन सबको देखने के लिए regasm/? का उपयोग कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर करें। टाइप लायब्रेरी को बनाने तथा रजिस्टर करने के लिए इस प्रकार कमाण्ड का उपयोग करें –
regasm             /tlb : NETServer.tib                     NETServer.dll

तीसरा, आपको ग्लोबल असेम्बली कैश (Global Assembly Cache) में डॉट नेट असेम्बली को इंस्टॉल करना चाहिए ताकि यह शेयर्ड असेम्बली के रूप में उपलब्ध हो । ग्लोबल असेम्बली कैश में असेम्बली को इंस्टॉल करने के लिए gacutil टूल का उपयोग इस प्रकार करें –
gacutil              /i          NETServer.dll
gacutil से संबंधित सभी विकल्पों को देखने के लिए कमाण्ड प्रॉम्प्ट पर gacutil /? का प्रयोग करें।

कॉम से डॉट नेट कम्पोनेण्ट को कॉल करने का उदाहरण (An Example of Calling a .Net Component from COM)

इस उदाहरण में आप कॉम कोड से डॉट नेट कम्पोनेण्ट के प्रॉपर्टी तथा मेथड को उपयोग करेंगे। आप regasm का उपयोग कर डॉट नेट असेम्बली से टाइप लायब्रेरी को बनाने में तथा असेम्बली को रजिस्टर करेंगे तथा असेम्बली को रजिस्टर का उपयोग कर आप असेम्बली को ग्लोबल तौर पर उपलब्ध करेंगे। आप फिर देखेंगे कि किस प्रकार आप विजुअल बेसिक 6.0 कॉम कोड में से डॉट नेट असेम्बली का उपयोग कर सकते हैं।

ध्यान दें : विजुअल स्टूडियो कमाण्ड प्रॉम्प्ट खोलना
विजुअल स्टूडियो कई महत्वपूर्ण टूल्स में कमाण्ड प्रॉम्प्ट टूल भी उपलब्ध कराता है। आप कई महत्वपूर्ण कार्य इसकी सहायता से कर सकते हैं। इसको खोलने के निम्नलिखित पदों को करें-

  • Start को क्लिक करें।
  • All Programs को इंगित करें।
  • Microsoft Visual Studio 2005 को इंगित करें।
  • Visual Studio Tools को इंगित करे तथा Visual Studio 2005 Command Prompt का चयन करें।
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Suraj Kushwaha
Suraj Kushwahahttp://techshindi.com
हैलो दोस्तों, मेरा नाम सूरज कुशवाहा है मै यह ब्लॉग मुख्य रूप से हिंदी में पाठकों को विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर टेक्नोलॉजी पर आधारित दिलचस्प पाठ्य सामग्री प्रदान करने के लिए बनाया है।

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