Friday, March 29, 2024

कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 | Best Computer Programming Language

कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा क्या होता है – कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 | प्रोग्रामिंग भाषा क्या है इसके प्रकार | Computer Programming Language In Hindi

कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 परिचय (Introduction) – किसी भी प्राकृतिक भाषा या आम बोल-चाल की भाषा में वर्ण, शब्द, वाक्यांश, वाक्य के अतिरिक्त एक विशेष व्याकरण होता है। व्याकरण हमें भाषा को शुद्ध बोलना और उसकी लिपि को लिखना सीखाता है। ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा के अपने वर्ण, शब्द, वाक्यांश तथा व्याकरण होते हैं। प्रोग्राम लिखते समय इन चीजों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक होता है। आइये जानते हैं इस आर्टिकल कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 में |

ऐरे (Arrays)

वेरियेबल के बारे में आपने पीछे पढ़ा होगा। वेरियेबल किसी एक मान को असाइन करने वाला एक नाम है। इस प्रकार-
Dim Student As String
एक Student नाम का वेरियेबल प्रोग्राम में मान लिया गया, जो स्ट्रिंग टाइप का है। अब मान लें कि आपको किसी विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं का अंक-पत्र (Marksheet) निकालना है। एक कक्षा में 50 विद्यार्थी हैं, जिसे वेरियेबल के हिसाब से उपयोग में लाने का एक ही तरीका है और वह यह है- 

Dim Student1 As String
Dim Student2 As String
Dim Student3 As String
Dim Student4 As String
Dim Student5 As String

अब समझ लिजिए कि संख्या और बडी रही, तो क्या मुसीबत आ सकती है। 50 विद्यार्थी का अलग-अलग वेरियेबल और अलग-अलग वेरियेबल पर अलग से प्रोसेस कितना दुखदायी हो सकता है। तो क्या कोई ऐसा उपाय है कि 50 विद्यार्थियों के वेरियेबल को एक ही बार डिक्लेअर कर दिया जाए। हाँ है, एक उपाय! इसे ऐरे इस प्रकार से कर सकते हैं-
            Dim Student (50) As String

उपरोक्त स्टेटमेण्ट ऐरे डिक्लेअरेशन स्टेटमेण्ट है। तो ऐरे क्या है? ऐरे की परिभाषा यह है- ऐरे एक ऐसा डाटा स्ट्रक्चर है, जो एक ही प्रकार के डाटा के वेरियेबलों का संकलन है। अर्थात् ऐरे में एक ही प्रकार के एक से अधिक मानों को समाया जा सकता है। इसे इंटीजर, डबल, स्ट्रिंग वेरियेबल का सेट भी कहा जा सकता है। ऐरे में एक से अधिक मान समाहित होने के बावजूद इसका नाम एक ही होता है। इनके मानों को इनके इंडेक्स वैल्यू से एक्सेस किया जाता है। वी.बी. डॉट नेट में ऐरे इंडेक्स 0 से आरम्भ होता है।

ऐरे से संबंधित तथ्य :

  • ऐरे एक डाटा स्ट्रक्चर है, जो एक ही प्रकार के एक से अधिक वेरियेबल का संकलन है।
  • ऐरे का एक ही नाम होता है।
  • ऐरे के एलिमेण्ट (अवयव) की गिनती 0 से शुरू होती है। अर्थात् ऐरे संकलन का पहला वेरियेबल Variable (0) होगा न कि ऐरे Variable (1)।
  • प्रत्येक वेरियेबल के ब्रैकेट के अंदर की संख्या सब्स्क्रीप्ट कही जाती है।
  • ऐरे का प्रत्येक वेरियेबल सब्स्क्रप्टेड वेरियेबल (subscripted variable) कहलाता है।

हम शायद ही Student (0) उपयोग करते हैं। हम वेरियेबल के इन संकलन को ऐरे वेरियेबल Student (0) की भाति निर्दिष्ट करते हैं। प्रत्येक अलग-अलग वेरियेबल के ब्रैकेट के अंदर की संख्या सबस्क्रिप्ट (subscript) कही जाती है। तथा प्रत्येक वेरियेबल (या ऐरे का प्रत्येक एलिमेण्ट) सबस्क्रिप्टेड वेरियेबल या एलिमेण्ट कहा जाता है। उदाहरणार्थ, Student (3) ऐरे Student ) का तीसरा सबस्क्रिप्टेड वेरियेबल है। ऐरे के एलिमेण्ट (अवयव) को उनके क्रम के अनुसार मेमोरी में भी स्थान मिलता है।

यदि arrayName ऐरे का नाम है तथा n इंटिजरल लिटरल, वेरियेबल अथवा एक्स्प्रेशन है, तो डिक्लेअरेशन स्टेटमेण्ट –

Dim arrayName (n) As VarType


array Name (0), array Name (1), array Name (2), arrayName (n) सब्स्क्रप्टेड वेरियेबलों के मानों को रखने के लिए मेमोरी में स्थान सुरक्षित करता है। n का मान ऐरे की अधिकतम सीमा (upper bound) कही जाती है। ऐरे का लोअर बाउण्ड (lower bound) हमेशा 0 होता है। ऐरे में एलिमेण्ट की संख्या n+1 ऐरे का आकार होता है ।

अलग-अलग सबस्क्रिप्टिड वेरियेबलों को असाइनमेण्ट स्टेटमेण्ट के साथ वैल्यू असाइन किये जा सकते हैं तथा टेक्स्ट बॉक्स तथा लिस्ट बॉक्स में इनहें सामान्य वेरियेबलों के मानों की भांति ही डिस्प्ले किया जा सकता है। ऐरे के बारे में आपने जाना कि ऐरे एक समान डाटा के ही वेरियेबल का संकलन है। किन्तु यदि ऐसी स्थिति आ जाय कि आप ऐरे से विभिन्न प्रकार के डाटा के वेरियेबल को संचित करना चाहे तो? इसका भी उपाय वी.बी. डॉट नेट में हैं। आप डाटा टाइप Object घोषित कर यह कार्य कर सकते हैं। इस प्रकार- Dim Student As object

कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 | ऐरे का वर्णन करें- ऐरे कितने प्रकार का होता है

कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 | Best Computer Programming Language
कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा पार्ट-2 | Best Computer Programming Language

ऐरे के प्रकार (Types of Array)

ऐरे मुख्यतः चार प्रकार के हो सकते हैं :

  • एक-विमीय ऐरे (Single dimensional array)
  • बहु-विमीय ऐरे (Multi-dimensional array)
  • डायनामिक ऐरे (Dynamic array)
  • जैगूड ऐरे (Jagged array)

1- एक-विमीय ऐरे (Single Dimensional Array)

एक-विमीय ऐरे (Single Dimensional Array) – अभी तक पीछे जो भी चर्चा हुई वह सब एक-विमीय ऐरे पर ही केन्द्रित थी। एक-विमीय ऐरे उस तालिका की तरह होता है जिसमें केवल एक कॉलम होता है।

Student (0)
Student (1)
Student (2)
Student (3)
Student (4)

एक-विमीय ऐरे – ऐरे में स्टोर आइटमों की संख्या को पंक्तियों की संख्या के रूप में समझा जा सकता है। एक-विमीय ऐरे में आप एक ही इंडेक्स उदाहरण के लिए, विद्यार्थियों के नाम का उपयोग कर सूचना को स्टोर कर सकते हैं।

यह भी देखें :  कंप्यूटर स्पीकर सिस्टम क्या होता है | Best Tips for Buying Computer Speaker System

एक-विमीय ऐरे को बनाना तथा उनका मान रखना (Creating Single Dimensional Array and Putting Values on them) – एक-विमीय ऐरे को बनाने के लिए आप ऐरे का नाम, आकार तथा डाटा टाइप देते हैं। ऐरे को डिक्लेअर करने के लिए वेरियेबल डिक्लेअरेशन की भांति ही Dim की-वर्ड का उपयोग होता है। उदाहरण के लिए, 50 विद्यार्थियों के संकलन वाले एक ऐरे को बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेटमेण्ट का उपयोग होगा-

Dim Student (49) String  उपरोक्त स्टेटमेण्ट Student ) ऐरे का निर्माण करेगा जिसका डाटा टाइप स्ट्रिंग होगा तथा इसका आकार 49 होगा। परन्तु, इस ऐरे में 50 विद्यार्थियों का मान संकलन करेंगे। क्योंकि जैसाकि बताया जा चुका है इंडेक्स 0 से शुरू होगा। अब ऐरे के एलिमेण्ट मान को असाइन करने के लिए उस मान के साथ इंडेक्स लोकेशन को स्पष्ट करते हैं। इस प्रकार-
Student (0) = “Rama”
Student (1) = “John”
Student (2) = “Alisha”

अब हम किसी एलिमेण्ट को एक्सेस करने के लिए उस इंडेक्स का रिफ्रेन्स देकर कभी भी एक्सेस कर सकते हैं। इसे इस प्रकार कर सकते हैं-
TextBox1.
Text = Student ( 1 )
उपरोक्त स्टेटमेन्ट Student (1) के मान को टेक्स्ट बॉक्स में डिस्प्ले करेगा।

2- बहु-विमीय ऐरे (Multi-Dimensional Array)

बहु-विमीय ऐरे (Multi-Dimensional Array) – ऐरे की विमा ( dimension) मुख्य रूप से इसके इंडेक्स पर निर्भर करता है। इंडेक्स ऐरे के ब्रैकेट के अंदर की संख्या को कहते हैं। एक इंडेक्स वाले ऐरे एक-विमीय होते हैं, ठीक उसी प्रकार एक से अधिक इंडेक्स वाले ऐरे बहु-विमीय ऐरे (multi-dimensional) कहे जाते हैं। बहु-विमीय ऐरे वैसे तालिका की तरह होता है जिसमें दो या अधिक कॉलम होते हैं।

सामान्यतः जब हम बहु-विमीय ऐरे की बात करते हैं तो हम द्वि-विमीय की बात कर रहे होते हैं । इसका प्रत्येक कॉलम एलिमेन्ट के एक फीचर को व्यक्त करता है। बहु-विमीय ऐरे का प्रत्येक एलिमेन्ट इससे जुड़े दो इंडेक्स रखता है। जहाँ एक इंडेक्स ऐरे के पंक्ति को तथा दूसरा इंडेक्स ऐरे के कॉलम को व्यक्त करता है।

(0,0)(0,1)(0,2)(0,3)(0,4)
(1,0)(1,1)(1,2)(1,3)(1,4)
(2,0)(2,1)(2,2)(2,3)(2,4)
(3,0)(3,1)(3,2)(3,3)(3,4)

इसका प्रारूप इस प्रकार होता है-
Dim 2DArray (rows, columns) As DataType

इसी प्रकार आप इस प्रारूप से त्रि-विमीय ऐरे का निर्माण कर सकते हैं-
Dim 3DArray (X, Y, Z) As DataType

बहु-विमीय ऐरे के उपयोग के साथ ही प्रत्येक ऐरे एलिमेण्ट डाटा को रखने के लिए मेमोरी में स्थान घेरता है चाहे डाटा शून्य हो या फिर रिक्त स्ट्रिंग। परिणामस्वरूप बहु-विमीय ऐरे बिना उपयोगिता के भी मेमोरी में स्थान ले लेते हैं। अतः यह सुझाव है कि बहु-विमीय ऐरे का उपयोग समझ कर करें। 

3- जैगूड ऐरे (Jagged Arrays )

बी.बी. डॉट नेट एक ऐसा ऐरे भी उपलब्ध कराता है जिसका प्रत्येक एलिमेण्ट एक ऐरे है। इस ऐरे को जैगूड ऐरे या ऐरे का का ऐरे (Array of arrays) कहते हैं। जैग्ड ऐरे एक-विमीय या बहु-विमीय हो सकता है साथ ही इसके एलिमेण्ट भी एक-विमीय तथा बहु-विमीय हो सकते हैं।

नोट: ऐरे को एलिमेण्ट के रूप में रखना बहु-विमीय ऐरे की तरह की बात नहीं है। बहु-विमीय में एक ही ऐरे पर एक से अधिक इंडेक्स होते हैं।

कभी-कभी आपके एप्लीकेशन में डाटा स्ट्रक्चर द्वि-विमीय होते हैं, परन्तु आयताकार नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, आप months ऐरे ले सकते हैं जिसका प्रत्येक एलिमेन्ट days का ऐरे है। चुकि अलग-अलग महीनों के दिनों की संख्या भिन्न हो सकती है इसलिए एलिमेण्ट आयताकार द्वि-विमीय ऐरे नहीं बना पाते। इस स्थिति में आप बहु-विमीय ऐरे की जगह पर जैगूड ऐरे का उपयोग करते हैं।

निम्नलिखित उदाहरण Double डाटा टाइप वाले एलिमेण्ट का जैण्ड ऐरे रखने के लिए एक ऐरे डिक्लेअर करता है। Sales ) ऐरे का प्रत्येक अवयव स्वयं ही एक ऐरे है, जो महीने को व्यक्त करता है। प्रत्येक month) ऐरे उस महीने के प्रत्येक दिन के लिए मानों को रखता है।

Dim Sales () () As Double = New Double (11) ) {}
Dim month As Integer
Dim days As Integer
For month = 0 to 11
        days = DateTime. DaysInMonth (Year (Now), month + 1)
        Sales (month) = New Double (days –1) {}
Next month

Sales के डिक्लेअरेशन में New क्लाउज ऐरे को 12 अवयव (एलिमेण्ट) ऐरे सेट करता है। जिसका प्रत्येक अवयव Double टाइप का है। For लूप में (Year (Now)) यह निर्धारित करता है कि प्रत्येक महीना कितने दिनों का है तथा Sales के आने वाले अवयव को उपयुक्त आकार के Double ऐरे में सेट करता है। इस उदाहरण में, जैगड ऐरे द्वि-विमीय ऐरे की तुलना में सात अवयव (लीप वर्ष में 6) की बचत करता है। जटिल स्थिति में इससे मेमोरी की और अधिक बचत हो सकती है।

4-  डायनामिक ऐरे (Dynamic Array)

जब जब आप ऐरे को बनाते हैं तब तब आप इसे इनिशियलाइज़ करते हैं। आप इंडेक्स संख्या का प्रयोग कर ऐरे को इनिशियलाइज़ करते हैं। कुछ ऐरे में, अवयवों की संख्या इसके निर्माण के साथ मालूम नहीं होती है। जब ऐसा होता है तब हम ऐरे का आकार बाद में स्पष्ट कर सकते हैं। ऐसे ऐरे को डायनामिक ऐरे कहते हैं। उदाहरणार्थ DynArray नामक ऐरे जिसका आकार निर्माण के समय स्पष्ट नहीं है। इस प्रकार-
            Dim dynArray() As Integer

जिसका आकार हम बाद में ReDim कमाण्ड के माध्यम से सेट करते हैं। इस प्रकार-
            ReDim dynArray(n) As Integer
जहाँ n dynArray का आकार है। 

कंट्रोल ऐरे (Control Array)

हमने ऐरे अथवा सबस्क्रिप्टेड वेरियेबल की उपयोगिता के कई उदाहरण देखें। ये कई प्रोग्रामिंग समस्याओं के संक्षिप्त समाधान लिखने के लिए आवश्यक है। सबस्क्रिप्टेड वेरियेबल द्वारा प्रदान किये जाने वाले उपयोगिता के कारण वी.बी. डॉट नेट लेबल, टेक्स्टबॉक्स और बटन के लिए भी ऐरे प्रदान करते हैं। चूंकि लेबल, टेक्स्टबॉक्स और बटन वी. बी. डॉट नेट में सामान्यतः कंट्रोल समझे जाते हैं, इन ऑब्जेक्ट के ऐरे को कंट्रोल ऐरे कहा जाता है।

कंट्रोल ऐरे को भी उसी तरह बनाया जाता है जिस प्रकार हम अन्य ऐरे बनाते हैं। इस प्रकार-
                Dim arrayName (n) As ControlType
                                              अथवा,
Dim arrayName() As ControlType
उदाहरण के लिए निम्नलिखित तीन स्टेटमेन्ट क्रमशः लेबल, टेक्स्टबॉक्स और बटन के कंट्रोल ऐरे बनाते हैं-
                  Dim lblTitle (10) As Label
                  Dim txtNumber (8) As TextBox
                  Dim btrArront() As Button
अंतिम स्टेटमेन्ट में सबस्क्रिप्ट/इंडेक्स नहीं दिया गया है।

यह भी देखें :  सही PHP प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का चयन कैसे करें | Choosing The Best PHP Training Course

स्ट्रक्चर (Structures)

Double, Integer, String तथा Boolean जैसे डाटा टाइप के साथ आप पहले ही कार्य कर चुके हैं। Structure एक ऐसा डाटा टाइप है जी आपको विभिन्न प्रकार के वेरियेबलों को यूनिट के रूप में रखने में सहायता करता है। इसे अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं में हम यूजर परिभाषित टाइप (User Defined Type) के नाम से जानते हैं। उदाहरणार्थ Country से संबंधित Name, Capital, Population, NumberOfStates तथा PerCapitaIncome चार सूचनाएँ हैं। स्ट्रक्चर टाइप में India में हम इन चारों सूचनाओं को इस प्रकार मान सकते हैं-

Structure Country
        Dim Name As String
        Dim Capital As String
        Dim Poulation As Integer
        Dim NumberOfStates As Integer
        Dim PerCapitaIncome As Double

End Structure

स्ट्रक्चर टाइप Country के चार उप-वेरियेबल इस टाइप के मेम्बर हैं। Country टाइप के स्ट्रक्चर वेरियेबल को स्टेटमेन्ट के द्वारा इस प्रकार डिक्लेअर कर सकते हैं-
                              Dim Country1 As Country
प्रत्येक मेम्बर को स्ट्रक्चर वेरियेबल का नाम तथा मेम्बर तथा इन दोनों के मध्य एक पिरियड (.) देकर एक्सेस कर सकते हैं। उदाहरणार्थ Country1 स्ट्रक्चर वेरियेबल के पांचों मेम्बर को Country1.Name, Country1.Capital, Country1.Poputation, Country 1.NumberOfStates तथा Country 1.PerCapitaIncome के द्वारा एक्सेस किये जा सकते हैं। सामन्य रूप से, फॉर्म के Structure ब्लॉक द्वारा स्ट्रक्चर टाइप को परिभाषित किया जाता है। इस प्रकार-

Structure Structure Type
       Dim MemberName1 As MemberType1 

       Dim MemberName2 As MemberType2
End Structure

जहाँ Structure Type यूजर परिभाषित डाटा टाइप का नाम है। MemberName1, MemberName2, स्ट्रक्चर के मेम्बर के नाम हैं। तथा MemberType1, MemberType2 इनके संबंधित डाटा टाइप हैं।

सबरूटीन (Subroutine)

फॉर्म पर जब आप किसी बटन को दो-बार क्लिक करते हैं, तो कोड एडिटर खुलने पर इसका Click इवेण्ट प्रदर्शित होता है, जो कुछ इस प्रकार से आरम्भ तथा समाप्त होता है-
Private Sub….
End Sub

यहाँ Sub वस्तुतः subroutine का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ यह है कि जब-जब आप बटन को क्लिक करते हैं यह रूटीन एक्जिक्यूट होता है। इस प्रकार का सबरूटीन आप स्वयं भी बना सकते हैं। ऐसा करने पर आप के एप्लीकेशन का दूसरा कोड आवश्यकता होने पर उस सबरूटीन को कॉल कर सकता है। सब रूटीन का लाभ यह है कि जिस कार्य के लिए आपने सबरूटीन बनाया है उस कार्य को सम्पन्न करने के लिए उस एप्लीकेशन में कहीं भी Call की-वर्ड का प्रयोग कर कॉल कर सकते हैं यद्यपि Call की-वर्ड का उपयोग ऐच्छिक है । केवल सबरूटीन का नाम भी कार्य करेगा।

फंक्शन (Function)

वी.बी. डॉट नेट में पहले से कई फंक्शन मौजूद हैं जिन्हें परिशिष्ट अ में देखा जा सकता है। फंक्शन वस्तुतः छोटे प्रोग्राम ही होते हैं। वे इनपुट लेते हैं उन्हें प्रोसेस करते हैं तथा आप को आउटपुट लौटाते हैं। वी.बी. डॉट नेट में पूर्व-निर्मित फंक्शन उपयोग करने के अतिरिक्त हम अपना फंक्शन भी परिभाषित कर सकते हैं। ये फंक्शन फक्शन प्रोग्राम या यूजर परिभाषित फंक्शन कहे जाते हैं।

इन्हें ठीक उसी प्रकार परिभाषित किया जाता है जिस प्रकार हम सबरूटीन को परिभाषित करते हैं। तथा इन्हें पूर्व-निर्मित फंक्शन की तरह ही उपयोग किये जाते हैं। फंक्शन प्रोसीजर को ठीक उसी प्रकार एक्सप्रेशन में उपयोग किया जा सकता है जिस प्रकार वी.बी. डॉट नेट के मूल फंक्शनों का उपयोग होता है। प्रोग्राम इन फंक्शनों को लिटरल, वेरियेबल अथवा एक्सप्रेशन की तरह रेफर करता है। फंक्शन बनाने की यह विधि है-

Function FunctionName (By Val Var1 As Type1, ByVal Var2 As Type2) As DataType
             Statement (s)
             Return expression
End Function

सबसे पहली पंक्ति में प्रकट हो रहे वेरियेबल पैरामीटर (parameters) कहे जाते हैं। फंक्शन ब्लॉक के अंदर स्टेटमेण्ट द्वारा डिक्लेअर वेरियेबल केवल उस ब्लॉक में ही एक्सेसेबल होते हैं। फंक्शन का नाम रखने की कोई सीमा नहीं है परन्तु अच्छा यह है कि इसका नाम इसके द्वारा किये जाने वाले कार्य की ओर इंगित करे। इसके नामकरण के सभी नियम वही हैं, जो वेरियेबल का नाम रखने में होते हैं।

DataType आउटपुट के प्रकार को स्पष्ट करता है, जो String, Integer, Double इत्यादि हो सकता है। सबरूटीन या सब प्रोसीजर की तरह फंक्शन प्रोसीजर भी कोड विण्डो में ही लिखे जाते हैं। फंक्शन में पास किये जाने वाले वेरियेबल मान द्वारा पास किये जाते हैं। किन्तु इसे रेफ्रेन्स द्वारा भी पास किये जा सकते हैं। जब ये वेरियेबल रेफ्रेन्स द्वारा पास किये जाते हैं, तो इनके मान में भी बदलाव सम्भव होता है। यहाँ हम दो फंक्शन FtoC तथा FirstName परिभाषित कर रहे हैं ।

Function FtoC (ByVal t As Double) As Double
         Return (5/9) * (t-32) // फॉरेनहाइट को सेल्सियस में बदलता है।
End Function

यह फंक्शन फॉरेनहाइट को सेल्सियस में बदलता है। FirstName फंक्शन पूरे नाम से केवल नाम के पहले भाग को अलग करता है।
Function FirstName (ByVal Name As String) As String
             Dim FirstSpace As String
             FirstSpace = name.Index Of (” “)
             Return name. Substring (0, FirstSpace)
End Functon

यह भी देखें :  प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है – उपयोग एवं कार्य | Best Programming Language In Hindi

आज आपने क्या सीखा (What Did You Learn Today)

  • किसी भी प्राकृतिक भाषा या आम बोल-चाल की भाषा में वर्ण, शब्द, वाक्यांश, वाक्य के अतिरिक्त एक विशेष व्याकरण होता है। व्याकरण हमें भाषा को शुद्ध बोलना और उसकी लिपि को लिखना सीखाता है। ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा के अपने वर्ण, शब्द, वाक्यांश तथा व्याकरण होते हैं। प्रोग्राम लिखते समय इन चीजों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक होता है।
  • वेरियेबल का शब्दिक अर्थ चर मतलब वैसा कुछ जो हमेशा बदलता हो, होता है।
  • वेरियेबल प्रोग्राम से संबंधित सूचना का ऐसा धारक होता है, जो एक या अधिक मानों को संचित कर सकता है। जब कभी आपको प्रोग्राम में उपयोग किये जा रहे किसी सूचना को स्टोर करना होता है आप उसे वेरियेबल के रूप में एक नाम दे सकते हैं।
  • वेरियेबल प्रोग्राम के क्रियान्वयन के दौरान मानों को स्टोर करते हैं। विजुअल बेसिक डॉट नेट में रनटाइम (क्रियान्वयन) वेरियेबल का उपयोग डाटा को अस्थायी रूप से संचित करने में होता है।
  • वेरियेबल का एक खास नाम तथा इसका डाटा एक खास प्रकार का होता है। वेरियेबल के नाम का उपयोग वेरियेबल के मान को एक्सेस करने तथा मनिप्यूलेट करने में होता है।
  • किसी भी वेरियेबल के नाम की शुरूआत किसी वर्ण के साथ अच्छा समझा जाता है। यद्यपि यदि आप वेरियेबल के नाम की शुरूआत किसी अंडरस्कोर () के साथ करते हैं, तो भी यह मान्य है, परन्तु यह अनुशंसित नहीं है।
  • वेरियेबल के नाम में एल्फाबेट, न्यूमेरिक तथा अंडरस्कोर के अतिरिक्त विशेष अक्षर के नाम में श्वेत स्थान (white space) भी मान्य नहीं है।
  • वेरियेबल के नाम में पास्कल केसिंग का उपयोग अच्छा समझा जाता है। हालांकि अनेक प्रोग्रामर कैमल केसिंग का भी प्रयोग करते हैं। EmpFirstName पास्कल केसिंग का उदाहरण है।
  • वेरियेबल का नाम ज्यादा लम्बा अनावश्यक रूप से प्रचलन में नहीं है।
  • वेरियेबल का नाम वी.बी. डॉट नेट का कोई आरक्षित शब्द अर्थात् की-वर्ड नहीं होना चाहिए।
  • वेरियेबल नामकरण नियम का सार यह है कि प्रोग्रामिंग के क्रियान्वयन के दौरान वेरियेबल का नाम आपको भ्रमित न करे तथा क्रियान्वयन त्रुटि रहित हो। 
  • वेरियेबल को डिक्लेअर करने का अर्थ है कि वेरियेबल का नाम क्या होगा तथा उसके डाटा का प्रकार क्या होगा विजुअल बेसिक डॉट नेट में वेरियेबल को डिक्लेअर करने के लिए, Dlm की-वर्ड का उपयोग होता है।
  • मेमोरी प्रबंधन के साथ ही प्रोग्राम को डिबग करना आसान बनाने के लिए आवश्यक है कि आप रिल डाटा प्रकार को सावधानी के साथ डिक्लेअर करें।
  • वैज्ञानिक नोटेशन में B 10 के घात को व्यक्त करता है। अतः 1.10B+2 का अर्थ 1.10 X 102 या 110 तथा 1.10E-2 का अर्थ 1.10 / 102 या 0.0110 होगा ।
  • बी.बी. डॉट नेट में मुद्रा डाटा टाइप बी.बी. 6 की तरह उपलब्ध नहीं है। इसमें आप Decimal डाय यह का प्रयोग मुद्रा को असाइन करने के लिए करते हैं।
  • वी.बी. डॉट नेट में डाटा के प्रकार को डिक्लेअर करने का एक अनोखा तरीका है। इसे आइडेन्टिफायर म कैरैक्टर कहते हैं ।
  • माइकोसॉफट डिज़ायन नियमावली के अनुसार फील्ड के नाम कैमल केसिंग में तथा प्रॉपर्टी के नाम पास्कल केसिंग में लिखना प्रचलन में है। पास्कल केस में आइडेन्टिफायर का प्रत्येक शब्द का प्रथम वर्ण बड़ा होता है तथा कैमल केस मेंप्रत्येक शब्द का प्रथम वर्ण छोटा होता है । EmpName पास्कल केसिंग तथा empName कैमल कीसंग का उदाहरण है ।
  • OPTION EXPLICIT स्टेटमेण्ट यह सुनिश्चित करता है कि कम्पाइलर को स्पष्ट रूप से सभी वेरियेबल को
    प्रोग्राम में उपयोग करने से पहले डिक्लेअर करने की आवश्यकता है अथवा नहीं ।
  • OPTION EXPLICIT का दो मोड ON या OFF होता है। यदि OPTION EXPLICIT ऑन मोड में है तो आपको वेरिएबल को प्रोग्राम में उपयोग करने से पहले उनहें डिक्लेअर करना आवश्यक होगा ।
  • बाई डिफॉल्ट OPTION EXPLICIT ऑन होता है। OPTION EXPLICIT को ऑन मोड में रख कर आप संभावित त्रुटि को कम कर सकते हैं जो वेरिएबल के नाम में गलती के फलस्वरूप होता है।
  • स्कोप किसी प्रोग्रामिंग भाषा का वह एट्रिब्यूट होता है, जो प्रोग्राम के अंदर वेरियेबल की एक्सेसिबिलिटी (accessibility) को डिजाइन करता है। इसका अर्थ यह है कि कौन-सा वेरियेबल प्रोग्राम के किस हिस्से के लिए एक्सेस योग्य है, स्कोप यह तय करता है।
  • Public वेरियेबल पूरे एप्लीकेशन में उपलब्ध रहता है। ये ग्लोबल वेरियेबल होते हैं, जो पूरे एप्लीकेशन में जुड़े होते हैं।
  • Private कीवर्ड का प्रयोग डिक्लेअरेशन स्टेटमेण्ट में यह स्पष्ट करता है कि इसके एलिमेण्ट केवल मॉडयूल क्लास या स्ट्रक्चर के अंदर ही एक्सेसिबल हैं |
  • वेरियेबल का लाइफटाइम वह समय होता है जिसके दौरान वे उपलब्ध रहते हैं। इस उद्देश्य के लिए कम्पाइलर प्रोसीजर, पैरामीटर तथा फंक्शन रिटर्न को वेरियेबल के खास मामलों की तरह समझता है।
  • कॉन्स्टैण्ट वेरियेबल के समान ही होते हैं किन्तु कॉन्स्टैण्ट के मान प्रोग्राम के एक्जिक्यूशन के समय बदलते नहीं है। इसीलिए इन्हें हिन्दी में अचर (न बदलने वाला) कहते हैं।
  • आमतौर पर इन्यूमरेशन का प्रयोग एक विशेष वेरियेबल के लिए मानों के सभी संभावित सेट को इकट्ठा करने में होता है। प्रत्येक इन्यूमरेशन को एक अनोखा नाम दिया जाता है जिसके साथ इसे एक्सेस किया जाता है।
  • ऐरे एक ऐसा डाटा स्ट्रक्चर है, जो एक ही प्रकार के डाटा के वेरियेबलों का संकलन है। अर्थात् ऐरे में एक ही प्रकार के एक से अधिक मानों को समाया जा सकता है। इसे इंटीजर, डबल, स्ट्रिंग वेरियेबल का सेट भी कहा जा सकता है। 
  • अलग सबस्क्रिप्टिक बेरियेबलों को असाइनमेण्ट स्टेटमेण्ट के साथ वैल्यू असाइन किये जा सकते हैं तथा तथालिस्ट बॉक्स में इन्हें सामान्य वेरियेबलों के मानों की भाँति ही डिस्प्ले किया जा सकता है।
  • वस्तुत: subroutine का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ यह है कि जब-जब आप बटन को क्लिक करते हैं. यह स्प्टीन एक्जिक्यूट होता है। इस प्रकार का सबरूटीन आप स्वयं भी बना सकते हैं। ऐसा करने पर आप के एप्लीकेशन का दूसरा कोड आवश्यकता होने पर उस सबरूटीन को कॉल कर सकता है।
  • सबस्टीन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको एक ही कोड बार-बार नहीं लिखना होता है। आप एक बार किसी विशेष कार्य के लिए सबरूटीन बनायें तथा उसे जब चाहें एप्लीकेशन में कॉल कर लें।
  • बी.बी. डॉट नेट में पूर्व-निर्मित फंक्शन उपयोग करने के अतिरिक्त हम अपना फंक्शन भी परिभाषित कर सकते हैं। वे फंक्शन फंक्शन प्रोग्राम या यूजर परिभाषित फंक्शन कहे जाते हैं।
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Suraj Kushwaha
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हैलो दोस्तों, मेरा नाम सूरज कुशवाहा है मै यह ब्लॉग मुख्य रूप से हिंदी में पाठकों को विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर टेक्नोलॉजी पर आधारित दिलचस्प पाठ्य सामग्री प्रदान करने के लिए बनाया है।

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