कंट्रोल स्टेटमेंट क्या है एवं उपयोग | कंट्रोल स्टेटमेण्ट लॉजिकल ऑपरेटर (Control Statement) | Control Flow Statements In Vb.Net In Hindi
कंट्रोल स्टेटमेण्ट लॉजिकल ऑपरेटर का परिचय (Introduction)- प्रोग्रामिंग भाषा पूर्णतः प्राकृतिक भाषा से प्रेरित होता है। और प्रोग्राम आपके नित्य प्रतिदिन के कार्यों से अलग नहीं होता है। आप जो भी प्रातःकाल से संध्या तक करते हैं वह एक तरह का प्रोग्राम ही होता है। इस प्रोग्राम के दौरान कुछ तो काम आप रूटीन के हिसाब से क्रम में करते रहते हैं तथा कुछ काम परिस्थिति के अनुसार करते हैं।
उदाहरण के तौर पर आप यदि सब्जी बाजार जाते है और आपने रात के खाने के लिए भिण्डी और लौकी लेने का प्रोग्राम बनाया है परन्तु भिण्डी बाजार में उपलब्ध नहीं है।
ऐसी स्थिति में आपके प्रोग्राम में परिस्थितिवश बदलाव आएगा तथा आप भिण्डी के बदले कुछ और खरीदेंगे या फिर केवल लौकी लेकर ही वापस आ जायेंगे। दूसरा, आपके प्रोग्राम में एक नियत समय में एक ही काम को बार-बार करने का भी कुछ होता है। उदाहरण के तौर पर 12 बजे खाना खाना है, 4 बजे चाय पीना और 8 बजे रात में रात्रि भोज लेना है।
इस तरह के कार्य की आपको कम्प्यूटर प्रोग्राम में भी आवश्यकता पड़ती है। इस आर्टिकल में मैं आपसे इनहीं अवयवों पर चर्चा करेंगे। इस प्रकार के कार्य को लॉजिकल ऑपरेशन कहा जाता है। इसके लिए लॉजिकल ऑपरेटर की आवश्यकता पड़ती है।
कंट्रोल स्टेटमेण्ट कितने प्रकार के होते हैं? | What Is Control Statement And Its Types In Hindi
लॉजिकल ऑपरेटर (Logical Operator)
लॉजिक गेटस के बारे में तो आप जानते ही होंगे। लॉजिक गेटस की तरह ही लॉजिकल ऑपरेटर्स होते है जो परिणाम के रूप में केवल बूलियन मान ही लौटाते है। बूलियन मान का अर्थ सत्य या 1 तथा असत्य या 0 होता है। लॉजिकल ऑपरेटर्स लॉजिकल ऑपरेशन को पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए निम्नलिखित को देखें-
1 < 2 = True OR 1
2 < 1 = False OR 0
A < a = rue OR 1
A = A = True OR 1
(चूंकि A का ऐनसी मान 65 तथा a का ऐनसी मान 97 होता है।
वी० बी० डॉट नेट में मूलतः चार लॉजिकल ऑपरेटर हैं। इनके नाम Not, And, Or तथा XOR हैं।
Not ऑपरेटर (Not Operator)
Not ऑपरेटर में एक ही ऑपरेण्ड होता है। इस Not ऑपरेटर का परिणाम सत्य या असत्य हो सकता है । इसका परिणाम तब सत्य होगा जब ऑपरेण्ड असत्य होगा तथा यह असत्य होगा जब ऑपरेण्ड सत्य होगा। सांरणी में NOT ऑपरेटर के ऑपरेण्ड तथा परिणाम दिखाये गये हैं।
ऑपरेण्ड | परिणाम |
सत्य (1) असत्य (0) | असत्य (0) सत्य (1) |
And ऑपरेटर (And Operator)
And ऑपरेटर में मूलतः दो ऑपरेण्ड होते हैं। तथा इसमें यदि दोनों ऑपरेण्ड सत्य हैं तो परिणाम भी सत्य होगा। यदि दोनों में कोई भी ऑपरेण्ड असत्य होगा तो परिणाम असत्य ही होगा। इसे सारणी में दर्शाया गया है।
ऑपरेण्ड 1 | ऑपरेण्ड 2 | परिणाम |
सत्य (1) सत्य (1) असत्य (0) असत्य (0) | सत्य (1) असत्य (0) सत्य (1) असत्य (0) | सत्य (1) असत्य (0) असत्य (0) असत्य (0) |
OR ऑपरेटर (OR Operator)
OR ऑपरेटर में भी And की भाँति मूलतः दो ही ऑपरेण्ड होते हैं। और यह कुछ स्थितियों में And ऑपरेटर के ठीक विपरीत परिणाम देता है। यदि दोनों ऑपरेण्ड असत्य है तो यह भी And की तरह ही असत्य परिणाम देता है। परन्तु यदि दोनों में कोई भी ऑपरेण्ड सत्य है तो यह And के विपरीत परिणाम सत्य ही होगा। इसे सारणी में दर्शाया गया है।
ऑपरेण्ड 1 | ऑपरेण्ड 2 | परिणाम |
असत्य (0) असत्य (0) सत्य (1) सत्य (1) | असत्य (0) सत्य (1) असत्य (0) सत्य (1) | असत्य (0) असत्य (0) सत्य (1) सत्य (1) |
XOR ऑपरेटर (XOR Operator)
XOR ऑपरेटर में भी मूलतः दो ऑपरेण्ड होते है। इसका पूर्ण रूप एक्स्क्लूसिव OR (eXclusive OR) होता है। इसमें यदि दोनों ऑपरेण्ड सत्य है तो परिणाम असत्य होगा। और यदि दोनों ऑपरेण्ड असत्य है तो परिणाम असत्य होगा। साथ ही दोनों में से कोई भी ऑपरेण्ड के सत्य होने पर परिणाम सत्य ही होगा। इसे सारणी में दर्शाया गया है।
ऑपरेण्ड 1 | ऑपरेण्ड 2 | परिणाम |
सत्य (1) सत्य (1) असत्य (0) असत्य (0) | सत्य (1) असत्य (0) सत्य (1) असत्य (0) | असत्य (0) सत्य (1) सत्य (1) असत्य (0) |
लॉजिकल ऑपरेटर प्रिसिडेन्स (Logical Operator Precedence)
प्रिसिडेन्स का अर्थ होता है कि यदि एक से अधिक ऑपरेटर के समायोजन से कोई स्टेटमेण्ट बनता है तो कौन सा ऑपरेटर पहले कार्य करेगा। उदाहरण – False Or True And True
उपरोक्त स्टेटमेण्ट में दो लॉजिकल ऑपरेटर है। तथा इसे दो तरह से भी इस प्रकार पढ़ा जा सकता है।
False Or True
True And True
लेकिन कौन सा सही कार्य करेगा यह ऑपरेटर की प्राथमिकता क्रम जानने के बाद होगा। सारणी में लॉजिकल ऑपरेटर प्रिसिडेन्स दर्शाया गया है।
ऑपरेटर | प्रिसिडेन्स |
NOT AND OR XOR | 1 2 3 4 |
अब सारणी में आप को ऊपर के लॉजिकल ऑपरेटर का परिणाम पता चल जाएगा। चूँकि उपर का स्टेटमेण्ट AND तथा OR का समायोजन है। इसलिए वरीयतानुसार पहले हम AND का परिणाम निकालेंगे जो कि सत्य होगा। उसके बाद फिर FALSE OR TRUE का परिणाम सत्य होगा।
कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट (Control Flow Statement)
कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट जानने से पहले आइए हम जानते हैं कि स्टेटमेण्ट क्या है? स्टेटमेण्ट किसी प्रोग्रामिंग भाषा का सबसे छोटा अवयव होता है। इसका उपयोग प्रोग्राम एक्जिक्यूशन के दौरान किसी कार्य को सम्पन्न करने के लिए कम्प्यूटर को सूचित करने के लिए होता है। कंट्रोल फ्लो उस क्रम को कहते हैं जिस क्रम में स्टेटमेण्ट एक्जिक्यूट होता है। वैसे स्टेटमेण्ट जो प्रोग्राम में एक्जिक्यूशन के फ्लो को नियंत्रित करते हैं कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट कहलाते है। कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट को मूलतः दो प्रकार निर्णयन स्टेटमेण्ट तथा लूप स्टेटमेण्ट में बॉटा जा सकता है।
निर्णयन स्टेटमेण्टस (Decisions Statements)
सामान्य स्टेटमेण्ट में स्टेटमेण्टस प्रोग्राम में लिखे गये क्रम में एक के बाद एक के आधार पर एक्जिक्यूट होता है। परन्तु आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर कुछ स्टेटमेण्टस के एक्जिक्यूशन क्रम को बदल सकता है। वैसे स्टेटमेण्टस जो एक्जिक्यूशन के क्रम को बदल दे निर्णयन स्टेटमेण्टस कहे जाते हैं। वी०बी० डॉट नेट में ऐसे कई स्टेटमेण्टस हैं जो किसी विशेष कंडिशन के आधार पर स्टेटमेण्ट को एक्ज़िक्यूट करता है। ये कंडिशन कुछ भी हो सकते हैं। इनमें बूलियन मान, उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट किया गया मान तथा फंक्शन के द्वारा लौटाया गया मान हो सकता है।
इफ…एलस् स्टेटमेण्ट (If… Else Statement)
If… Else प्रोग्राम को किसी विशेष कार्य जिसमें शर्त या तो सत्य होता है या असत्य के आधार पर कार्य करने देता है। यह एक प्रकार से आपके प्रोग्राम में इंटेलिजेन्स (intelligence) को जोड़ता है जिसमें परिस्थिति के अनुसार विकल्पों में से किसी को चयन करना होता है। उदाहरणार्थ यदि मंगलवार है तो नमक ग्रहण नहीं करेंगे अन्यथा नमक ग्रहण करेंगे। यदि रविवार है तो यातायात बाधित नहीं होगा अन्यथा यातायात जाम रहेगा। इसका सिण्टैक्स इस प्रकार होगा –
If Condition then
action1
Else
action2
End If
अर्थात यदि कंडीशन सही मिलता है तो पहला कार्य संपन्न होगा नहीं तो दूसरा कार्य अवश्य पूरा होगा। यह कंडीशन हम अक्सर आम दिनों में भी रखते हैं। उदाहरण के तौर पर बारिश नहीं होगी तो क्रिक्रेट खेलेंगे नहीं तो शतरंज खेलेंगे। इसका स्यूडो कोड कुछ इस प्रकार होना चाहिए-
If Rains Then
Play Chess
Else
Play Cricket
End If
इफ. एल्सइफ…एल्स स्टेटमेण्ट (If..EIself..Else Statement)
If… EIself… EIise कंट्रील स्टेटमेण्ट If … EIse का ही एक्स्टेंशन है। इसके माध्यम से आप EIseIf का प्रयोग कर दो
या अधिक संभावित विकल्पों को जोड़ सकते हैं। इसका प्रारूप कुछ इस प्रकार होता है-
If Condition1 Then
Action1
Elself Condition2 Then
Action2
Elself Condition2 Then
Action3
Else
End If
If… EIself… EIise ब्लोक में सबसे पहले सही कंडीशन का खोज होता है। सही कंडीशन मिलने पर उसके एक्शन को करता है तथा सही कंडीशन मिलने पर यह END IF तक के स्टेटमेण्ट तक आगे बढ़ता है। यदि कोई भी कंडीशन सम्पन्न नहीं होता है तब Else वाला एक्शन सम्पन्न होता है। इसके EIself क्लाठज (clause) कई हो सकते हैं तथा Else कलाउज वैकल्पिक होता है।
नेस्टेड If (Nested If )
नेस्टेड If ब्लॉक में एक If … End If के अंदर कई If … End If हो सकता है। इसीलिए इसे नेस्टेड If ब्लॉक कहा जाता है। इस ब्लॉक का उपयोग बहुत कम होता है क्योंकि यह थोड़ा जटिल है। इसका स्यूडोकोड इस प्रकार होगा –
If condition1 Then
action
If condition2 Then
action
End If
इस नेस्टेड If ब्लॉक के बदले आप साधारण If ब्लॉक का भी प्रयोग कर सकते ऐसा आप IF ब्लॉक में AND ऑपरेटर को जोड़ कर कर सकते हैं । इसका स्यूडोकोड इस प्रकार होगा –
If condition1 And condition2 Then
action End If
सेलेक्ट केस (Select Case)
पिछले खण्ड में आपने पढ़ा कि If…Then का प्रयोग किस प्रकार विभिन्न कडिशन के लिए विभिन्न ब्लॉक को रन करने के लिए करते हैं। जबकि IF..Then स्टेटमेण्ट में ElseIf कीवर्ड का प्रयोग कर एक से अधिक कॉडशनों को इवैल्यूएट किया जा सकता है परन्तु Select Case स्टेटमेण्ट एक से अधिक कॉडशनो को इवैल्यूएट करने हेतू बेहतर विधि उपलब्ध कराता है।
Select Case का प्रयोग कर आप जितना चाहें उतने कंडिशनों को सहज रूप से उपयोग में ला सकते हैं जो उन स्थितियों में जहाँ कई विकल्प हैं को प्रयोग करना आसान बनाता है । Select Case ब्लॉक का सामान्य स्वरूप यह है-
Select Case Selector
Case Valuelist1
action1
Case Valuelist 2
action2
Case Else
Final action
End Select
जहाँ Case Else तथा इसका एक्शन ऐच्छिक होता है तथा प्रत्येक मान सूची (Value list) एक या अधिक लिटरल, वेरियेबल, एक्सप्रेशन इत्यादि रखते है। प्रत्येक एक्शन एक या अधिक स्टेटमेंट पर बना होता है। सेलेक्टर के इवैल्यूएट होने के उपरांत वी० बी० डॉट नेट सबसे पहले वैल्यू लिस्ट को जाँचता है जिसमें सेलेक्टर का मान शामिल होता है तथा इससे संबंधित एक्शन क्रियान्वित होता है। यदि सेलेक्टर का मान दो अलग-अलग वैल्यू सूचियों में प्रदर्शित होता है तो केवल पहले वैल्यू लिस्ट के साथ संबंधित एक्शन क्रियान्वित होगा।
यदि सेलेक्टर का मान किसी भी वैल्यू लिस्ट में प्रकट नहीं होता तथा यदि कोई Case Else क्लाउज नहीं हो तो प्रोग्राम का क्रियान्वयन Select Case ब्लॉक के बाद आने वाले स्टेटमेण्ट के साथ चलेगा।
उदाहरण के लिए आपका प्रोग्राम रंग विकल्प को स्टोर करने के लिए स्ट्रिंग वेरिएबल का प्रयोग करते हैं तथा आपको रंग के मान को प्राप्त करने की आवश्यकता पडती है । इसके लिए आपको इस प्रकार Select Case स्टेटमेण्ट का प्रयोग करना होगा –
Select Case Color
Case “red”
MsgBox (“You selected red”)
Case “blue”
MsgBox(“You selected blue”)
Case “green”
MsgBox (“You selected green”)
End Select
जब यह कोड रन हाकता है तो Select Case लाइन व्यंजक के मान (Color) को निर्धारित करता है। मान लें कि Color एक स्ट्रिंग वेरिएबल है और यह वेरिएबल मेथड के लिए एक वेरिएबल है जो Select Case स्टेटमेण्ट रखता है। ब्वसवत के मान को उसके बाद पहले बेंग स्टेटमेण्ट के साथ तुलना करता है । यदि मान मिल जाता है तो कोड का अगला लाइन रन होता है और उसके बाद म्दक मसमबज लाइन पर कोड चला जाता है ।
यदि मान नही मिलता है तो कोड के अगले Case लाइन को जाँचा जाता है। बेंम स्टेटमेण्ट के कई फॉर्म हो सकते हैं जैसे कि उपर के उदाहरण में यह स्ट्रिंग है । किन्तु यह कोइ थी डाटा टाइप या व्यंजक हो सकता है। आप संख्याओं की एक रेंज को ज्व की वर्ड का प्रयोग करके इवैल्यूएट कर सकते हैं । इस प्रकार –
Case 1 To 10
इस उदाहरण में कोइ भी संख्या 1 से 10 के मध्य परिणाम को प्रकट करेगा।
आप चाहें तो एक ही Case स्टेटमेण्ट में कई मानों का मूल्यांकन कर सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक मान के बाद आप कौमा जोड़ें। इस प्रकार – Case “red”, “white”, “blue”
इस उदाहरण में तीनों मानों में कोई भी मान परिणाम देगा।
आप केस स्टेटमेण्ट के साथ तुलनात्मक ऑपरेटर और रे की-वर्ड का प्रयोग कर भी मान को जाँच के लिए रख सकते हैं। इस प्रकार –
Case Is > 9
इस उदाहरण में 9 से उपर कोई भी मान परिणाम देगा।
आओ सीखें–
उदाहरण-1 : एक विण्डोज प्रोग्राम लिखें जिसमें Select Case का प्रयोग करके महीनों के नाम इनपुट करने पर वह यह बताए कि उस महीने में कितने दिन होते हैं।
समाधान :
- File मेन्यू को क्लिक करें तथा New Project का चयन करें।
- New Project डायलॉग बॉक्स खुलने के पश्चात Templates पेन Windows Application को क्लिक करें।
- Name टेक्स्टबॉक्स में My Project टाइप करें तथा OK को क्लिक करें । उसके बाद एक नया विण्डोज
फॉर्मस प्रोजेक्ट खुलेगा। - फॉर्म पर प्रश्न में दिए गए विवरण के अनुसार टूलबॉक्स से कंट्रोल को जोड़ें। तथा प्रश्नानुसार उनके प्रॉपर्टी को सेट करें तथा चित्रानुसार उनहें सजाएँ।
- Find Days In A Month बटन को दो बार क्लिक करें और btnFind_Click इवेण्ट हैण्डलर के लिए निम्नलिखित कोड लिखें-
Private Sub Button1 Click(ByVal sender As System.Object, ByVal e As System.EventArgs)
Handles Button1. Click
Dim month As String
month = TextBox1.Text
TextBox2.Text = month. ToUpper & ” has ” & TotalDays (month) & ” days.”
End Sub
Function TotalDays(ByVal month As String) As Integer
Select Case month.ToUpper
Case “JANUARY”
Return 31
Case “FEBRUARY”
Return 28
Case “MARCH”
Return 31
Case “APRIL”
Return 30
Case “MAY”
Return 31
Case “JUNE”
Return 30
Case “JULY”
Return 31
Case “AUGUST”
Return 31
Case “SEPTEMBER”
Return 30
Case “OCTOBER”
Return 31
Case “NOVEMBER”
Return 30
Case “DECEMBER”
Return 31
End Select
End Function
F5 दबायें तथा परिणाम को जाँचें।
इसके दूसरे भाग को हम इस प्रकार भी लिख सकते है।
Select Case Month
Case “FEBRUARY”
Return 28
Case “JANUARY”, “MARCH”, “MAY”, “JULY”, “AUGUST”, “OCTOBER”, “DECEMBER”
Return 31
Case “APRIL”, “JUNE”, “SEPTEMBER”, “NOVEMBER”
End Select
उदाहरण-2 : एक विण्डोज प्रोग्राम लिखें जिसमें Select Case का उपयोग हुआ हो तथा आपके द्वारा देश का इनपुट किये जाने पर वहाँ का राष्ट्रीय खेल परिणामस्वरूप प्रदर्शित करें।
समाधान :
- File मेन्यू को क्लिक करें तथा New Project का चयन करें ।
- New Project डायलॉग बॉक्स खुलने के पश्चात Templates पेन में Windows Application को क्लिक करें ।
- Name टेक्स्टबॉक्स में My Project टाइप करें तथा OK को क्लिक करें । उसके बाद एक नया विण्डोज फॉर्मस प्रोजेक्ट खुलेगा।
- फॉर्म पर प्रश्न में दिए गए विवरण के अनुसार टूलबॉक्स से कंट्रोल को जोड़ें । तथा प्रश्नानुसार उनके प्रॉपर्टी को सेट करें तथा उनहें सजाएँ ।
- Show National Game बटन को दो बार क्लिक करें और btnShow_Click इवेण्ट हैण्डलर के लिए निम्नलिखित
कोड लिखें-
Private Sub Button1_Click(ByVal sender As System. Object, ByVal e As System.EventArgs)
Handles Button1.Click
Dim country As String
country = txtCountry.Text.ToUpper
txtResult.Text = NameOfSports(country)
End Sub
Function NameOfSports(ByVal country As String) As String
Select Case country
Case “INDIA”
Return “Hockey”
Case “AUSTRALIA”
Return “Cricket”
Case “SPAIN”
Return “Bull Fighting”
Case “AMERICA”
Return Base Ball”
Case “JAPAN”
Return ” Judo “
Case “RUSSIA”
Return “Rugby”
Case Else
Return “Sorry this country does not exist in our database.”
End Select
End Function
आज आपने क्या सीखा (What Did You Learn Today)
- प्रोग्रामिंग भाषा पूर्णतः प्राकृतिक भाषा से प्रेरित होता है। और प्रोग्राम आपके नित्य प्रतिदिन के कार्यों से अलग नहीं होता है। आप जो भी प्रातःकाल से संध्या तक करते हैं वह एक तरह का प्रोग्राम ही होता है। इस प्रोग्राम के दौरान कुछ तो काम आप रूटीन के हिसाब से क्रम में करते रहते हैं तथा कुछ काम परिस्थिति के अनुसार करते हैं।
- लॉजिकल ऑपरेटर्स लॉजिक गेटस की तरह होते है जो परिणाम के रूप में केवल बूलियन मान ही लौटाते है। बूलियन मान का अर्थ सत्य या 1 तथा असत्य या 0 होता है। लॉजिकल ऑपरेटर्स लॉजिकल ऑपरेशन को पूरा करते हैं।
- Not ऑपरेटर में एक ही ऑपरेण्ड होता है। इस Not ऑपरेटर का परिणाम सत्य या असत्य हो सकता है । इसका परिणाम तब सत्य होगा जब ऑपरेण्ड असत्य होगा तथा यह असत्य होगा जब ऑपरेण्ड सत्य होगा ।
- And ऑपरेटर में मूलतः दो ऑपरेण्ड होते हैं। तथा इसमें यदि दोनों ऑपरेण्ड सत्य हैं तो परिणाम भी सत्य होगा। यदि दोनों में कोई भी ऑपरेण्ड असत्य होगा तो परिणाम असत्य ही होगा।
- OR ऑपरेटर में भी And की भाँति मूलतः दो ही ऑपरेण्ड होते हैं। और यह कुछ स्थितियों में And ऑपरेटर के ठीक विपरीत परिणाम देता है। यदि दोनों ऑपरेण्ड असत्य है तो यह भी And की तरह ही असत्य परिणाम देता है। परन्तु यदि दोनों में कोई भी ऑपरेण्ड सत्य है तो यह And के विपरीत परिणाम सत्य ही देगा।
- XOR ऑपरेटर में भी मूलतः दो ऑपरेण्ड होते है। इसका पूर्ण रूप एक्स्क्लूसिव OR (eXclusive OR) होता है। इसमें यदि दोनों ऑपरेण्ड सत्य है तो परिणाम असत्य होगा। और यदि दोनों ऑपरेण्ड असत्य है तो परिणाम असत्य होगा। साथ ही दोनों में से कोई भी ऑपरेण्ड के सत्य होने पर परिणाम सत्य ही होगा।
- प्रिसिडेन्स का अर्थ होता है कि यदि एक से अधिक ऑपरेटर के समायोजन से कोई स्टेटमेण्ट बनता है तो कौन सा ऑपरेटर पहले कार्य करेगा।
- स्टेटमेण्ट किसी प्रोग्रामिंग भाषा का सबसे छोटा अवयव होता है। इसका उपयोग प्रोग्राम एक्जिक्यूशन के दौरान किसी कार्य को सम्पन्न करने लिए कम्प्यूटर को सूचित करने के लिए होता है।
- कंट्रोल फ्लो उस क्रम को कहते हैं जिस क्रम में स्टेटमेण्ट एक्जिक्यूट होता है। वैसे स्टेटमेण्ट जो प्रोग्राम में एक्जिक्यूशन के फ्लो को नियंत्रित करते हैं कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट कहलाते है।
- कंट्रोल फ्लो स्टेटमेण्ट को मूलतः दो प्रकार निर्णयन स्टेटमेण्ट तथा लूप स्टेटमेण्ट में बांटा जा सकता है। If… Else प्रोग्राम को किसी विशेष कार्य जिसमें शर्त या तो सत्य होता है या असत्य के आधार पर कार्य करने देता है। यह एक प्रकार से आपके प्रोग्राम में इंटेलिजेन्स (intelligence) को जोड़ता है जिसमें परिस्थिति के अनुसार विकल्पों में से किसी को चयन करना होता है।
- If … ElseIf … Else कंट्रोल स्टेटमेण्ट If … Else का ही एक्स्टेंशन है। इसके माध्यम से आप ElseIf का प्रयोग कर दो या अधिक संभावित विकल्पों को जोड़ सकते हैं।
- नेस्टेड If ब्लॉक में एक If … End If के अंदर कई If … End If हो सकता है । इसीलिए इसे नेस्टेड If ब्लॉक कहा जाता है । इस ब्लॉक का उपयोग बहुत कम होता है क्योंकि यह थोड़ा जटिल है
- नेस्टेड If ब्लॉक के बदले आप साधारण If ब्लॉक का भी प्रयोग कर सकते हैं । ऐसा आप If ब्लॉक में AND ऑपरेटर को जोड़ कर कर सकते हैं ।
- Select Case का प्रयोग कर आप जितना चाहें उतने कंडिशनों को सहज रूप से उपयोग में ला सकते हैं जो उन स्थितियों में जहाँ कई विकल्प हैं को प्रयोग करना आसान बनाता है ।