कम्प्यूटर की-बोर्ड एवं की-बोर्ड के प्रकार | Computer Keyboards And Types Of Keyboards – Best Info In Hindi
कम्प्यूटर की-बोर्ड एवं की-बोर्ड के प्रकार – कम्प्यूटर का की-बोर्ड एक सामान्य टाइपराइटर के की-बोर्ड के समान ही होता है, परन्तु इसमें ‘कीज़ की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होती है। कम्प्यूटर के की-बोर्ड के बटन टाइपराइटर में लगे बटनों की अपेक्षा बहुत आसानी से दब जाते हैं जिससे अधिक समय तक कार्य करने पर भी थकान कम होती है। इसके अतिरिक्त इसमें एक अन्य सुविधा भी होती है। यदि किसी ‘की’ को आधे सेकेण्ड से अधिक दबाए रखा जाए, तो वह स्वयं को दोहराने लगती है। यह क्रिया टाइपमैटिक (Typematic) कहलाती है।
टाइपमैटिक की दर 10 Times/Second होती है। उदाहरण के लिए, बिन्दुओं से बनी एक लंबी रेखा की-बोर्ड पर लगी बिन्दु वाली कुंजी को केवल दबाए रखकर ही खींची जा सकती है। की-बोर्ड द्वारा प्रविष्ट किए जाने वाले डेटा को की-बोर्ड 0 तथा 1 की बिट में परिवर्तित करके दो प्रकार से सी.पी.यू. को श्रेणी (Series) अथवा समानान्तर (Parallel) क्रम में प्रेषित कर सकता है। इस आधार पर की-बोर्ड दो प्रकार के होते हैं-सीरियल की-बोर्ड तथा पैरेलल की-बोर्ड।
सीरियल की-बोर्ड (Serial Keyboard )
सीरियल की-बोर्ड (serial keyboard )- यह कम्प्यूटर की-बोर्ड प्रविष्ट किए जाने वाले डेटा 0 तथा 1 की बिट्स को एक ही तार द्वारा Bit-by-Bit श्रेणीक्रम में कम्प्यूटर को प्रेषित करता है। इस श्रेणीक्रम को कम्प्यूटर में लगाए गए एक कन्वर्टर (Converter) की सहायता समानान्तर क्रम में परिवर्तित किया जाता है।
पैरेलल की-बोर्ड (Parallel Keyboard)
पैरेलल की-बोर्ड (parallel keyboard)- यह कम्प्यूटर की-बोर्ड प्रविष्ट किए जाने वाले डेटा 0 तथा 1 की बिट्स को पृथक्-पृथक् तारों की सहायता से एक-साथ कम्प्यूटर को प्रेषित करता है। की-बोर्ड में स्थित की-बोर्ड एनकोडर द्वारा दबाई गई ‘कीज़’ के अक्षर को 0 तथा 1 की बिट्स से निर्मित कोड में परिवर्तित किया जाता है। की-बोर्ड को एक केबल द्वारा कम्प्यूटर से जोड़ा है। इस केबल के दूसरे सिर पर लगा प्लग कम्प्यूटर के पीछे लगे एक सॉकेट में लग जाता है। कम्प्यूटर तथा की-बोर्ड का परस्पर सम्पर्क इसी केबल द्वारा होता है।
यह केबल टेलिफोन के तार की तरह गोल कुण्डली (Coil) की आकृति में होता है और इसलिए की-बोर्ड को कम्प्यूटर से थोड़ा दूर हटाकर, जिस स्थान पर सबसे अधिक सुविधा हो, वहां रखकर उपयोग में लाया जा सकता है। असुविधाजनक स्थिति में लगे की-बोर्ड पर काम करने से थकावट जल्दी होती है, तथा आंकड़े या डेटा भरने में त्रुटियां होने की सम्भावना भी अधिक हो जाती है।
टाइपराइटर की अपेक्षा अनेक प्रकार के कार्य करने के लिए कम्प्यूटरों के की-बोर्डों में कई अतिरिक्त ‘कीज़’ होती हैं। कम्प्यूटर के की-बोर्ड को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है। की-बोर्ड में सबसे ऊपर दाहिनी ओर तीन रोशनी देने वाले LED लगे रहते हैं। ये Caps Lock, Num Lock तथा Scroll Lock इन ‘कीज़’ के On होने पर यह LED जलती हैं।
कम्प्यूटर की-बोर्ड एवं की-बोर्ड के प्रकार | Computer Keyboards And Types Of Keyboards
टाइपराइटर की अपेक्षा अनेक प्रकार के कार्य करने के लिए कम्प्यूटरों के की-बोर्ड की तरह का ही होता है। इसमें भी उसी Qwerty क्रम से ‘कीज़’ लगी होती हैं जिससे कोई भी व्यक्ति उस पर पाठ्य सामग्री टाइप कर सकता है। ये ‘कीज़’ एल्फान्यूमेरिक ‘कीज़’ कहलाती हैं। Enter या Return ‘की’ सबसे अधिक महत्वपूर्ण ‘की’ है अथवा इस ‘की’ पर (1) का चिन्ह बना होता है। की-बोर्ड पर कोई भी अक्षर टाइप करने पर वह मॉनीटर स्क्रीन पर तत्काल प्रदर्शित होता है ताकि यह ज्ञात हो जाए कि सही अक्षर टाइप किया है अथवा नहीं, यह Echo Back कहलाती है।
कम्प्यूटर के लिए इन टाइप किए गए अक्षरों का महत्व तब तक नहीं होता, जब तक कि Enter ‘की’ को नहीं दबाया जाता| Enter से ही कम्प्यूटर उस पूरी लाइन का अर्थ समझने की व उसके अनुरूप कार्य करने की चेष्टा करता है। Shift तथा Caps Lock ‘कीज़’ तो टाइपराइटर में लगी ऐसी ‘कीज़’ की भांति ही कार्य करती हैं। Caps Lock ‘की’ को एक बार दबाने से ऊपर दाहिनी ओर लगा सम्बन्धित LED प्रकाशमान हो जाता है और टाइप करने पर सारे बड़े अक्षर टाइप होने लगते हैं।
Caps Lock ‘की’ को पुन: दबाने पर की-बोर्ड अपनी पहले वाली सामान्य स्थिति में आ जाता है। Shift ‘की’ का प्रयोग करके ‘की’ के ऊपर बने दो अक्षरों अथवा चिन्हों में से ऊपर वाला अक्षर अथवा चिन्ह टाइप होता है। Alt (Alternate) व Ctrl (Control) ‘कीज़’ भी कार्य तो Shift ‘की’ की ही भांति करती हैं परन्तु इन ‘कीज़’ के उपयोग से कई अन्य प्रकार के कार्य किए जा सकते हैं। इन्हें Action Keys कहा जाता है और इनका प्रयोग किसी अक्षर अथवा चिन्ह वाली ‘की’ के साथ ही किया जाता है।